बीकानेर।जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तैनात सेना के जवान रामस्वरूप कस्वां की सिर में मंगलवार को गोली लगने से मृत्यु हो गई। रामस्वरूप कस्वां बीकानेर की नोखा तहसील के पांचू गांव के निवासी थे।वे श्रीनगर के अनंतनाग में सेना की 65 रेजीमेन्ट में तैनात थे।मंगलवार की सुबह उनके सिर में गोली लग गई और उन्हें तुरन्त सेना के अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके और उन्होंने दम तोड़ दिया। गोली लगने के कारणों का पता नहीं चलने के कारण सेना ने कोर्ट का इंक्वायरी की बात कही। इसके बाद से उनके परिजन बीकानेर में धरने पर बैठे हैं तथा अब तक उनकी अंत्येष्टि नहीं हो सकी है।
इस मामले में आज सांसद हनुमान बेनीवाल ने बीकानेर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मांग की रामस्वरूप के मृत्यु स्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, सेना भी स्वयं कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की बात कर रही है तो उन्हें शहीद का दर्जा देते हुए उनकी सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जानी चाहिए तथा परिवार की अन्य मांगों को पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट भी किया है।
उल्लेखनीय है कि उनकी मृत्यु के बाद ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था। जिसके बाद जब उनकी पार्थिव देह बीकानेर लाई गई और सुबह सेना द्वारा उनके पैतृक गांव पांचू ले जाने का कार्यक्रम था उसी दौरान उनके परिजन और समाज के लोग ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय के आगे जमा हो गए और ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी द्वारा सैनिक की मौत को आत्महत्या बताए जाने का विरोध करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ज़िला सैनिक कल्याण अधिकारी ने शहीद रामस्वरूप कस्वां की मौत को बिना किसी कोर्ट ऑफ़ इन्क्वायरी के आत्महत्या बताया है। तब से शहीद के समाज के लोग बड़ी तादाद में धरना स्थल पर बैठे हैं तथा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बीकानेर में सैनिक की शहादत पर बवाल जारी, सांसद हनुमान बेनीवाल पहुंचे मौके पर

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