DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

भारत का दोस्त बनाएगा 6th जेनरेशन विमान, अमेरिका-चीन हैरान, DRDO कर रहा अभी डिजाइन पर की काम.. कितने पीछे हम?

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

भारत का दोस्त बनाएगा 6th जेनरेशन विमान, अमेरिका-चीन हैरान, DRDO कर रहा अभी डिजाइन पर की काम.. कितने पीछे हम?

Russia’s 6th-Gen Fighter Jet: भारत के जिगरी दोस्त रूस के बारे में रिपोर्ट है, कि वो 6th जेनरेशन फाइटर जेट के निर्माण की योजना तैयार कर रहा है और उसने बिजली की रफ्तार से उड़ान भरने वाले फाइटर जेट के निर्माण को लेकर रिसर्च शुरू भी कर दी है।

रूस की सरकारी मीडिया TASS के मुताबिक, रूस सक्रिय रूप से छठी पीढ़ी के लड़ाकू जेट विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसे 2050 तक तैनात करने की तैयारी चल रही है। इस डेवलपमेंट का खुलासा स्टेट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एविएशन सिस्टम्स (GosNIIAS) के वैज्ञानिक निदेशक और रूसी साइंस एकेडमी के एक प्रतिष्ठित सदस्य एवगेनी फेडोसोव ने किया है।

रूस बनाएगा 6th जेनरेशन विमान

एवगेनी फेडोसोव ने कहा, “हम फिलहाल छठी पीढ़ी के विमान के कॉन्सेप्ट के बारे में सोच रहे हैं, रिसर्च कर रहे हैं और सैन्य विशेषज्ञों के साथ विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं।” हालांकि, फेडोसोव ने अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की डिजाइन को लेकर आने वाली मुश्किलों के बारे में भी बताया है, कि ये आसान नहीं होगा।”

उन्होंने कहा, कि ऐसे सैन्य विमान बनाने में काफी ज्यादा खर्च आता है, लेकिन रूस जिस कॉन्सेप्ट को तैयार कर रहा है, वो मानवयुक्त और मानवरहित, दोनों तरह का विमान होगा।

उन्होंने कहा, कि “कुछ लोगों की राय ऐसी हैं, कि 6th जेनरेशन विमान ग्रुप में ड्रोन और मानवयुक्त एयरक्राफ्ट को भी शामिल किया जाना चाहिए और एक मिक्स्ड एयरक्राफ्ट का निर्माण किया जाना चाहिए। और इन विमानों में जिन ड्रोन का इस्तेमाल होगा, और उनकी स्पीड क्या होगी, वो सुविधा के मुताबिक, तैयार किया जाना चाहिए।

कॉन्सेप्ट के मुताबिक, ड्रोन का इस्तेमाल करने पर ये एयरक्राफ्ट एक ग्रुप के तौर पर काम करेगा और ड्रोन का इस्तेमाल आसपास के लक्ष्यों पर हमला करने के लिए किया जा सकता है। इस तरह से ड्रोन का इस्तेमाल हमला किए जाने के बाद की स्थिति को जानने के लिए भी किया जाएगा।

हालांकि, फेडोसोव ने यह नहीं बताया, कि विमान को एक नए कार्यक्रम के तहत विकसित किया जाएगा या नहीं। पहले की रिपोर्ट्स में कहा गया है, कि रूस मिकोयान PAK DP कार्यक्रम में लगा हुआ था, जिसका लक्ष्य मिकोयान मिग-31 को सफल बनाने के लिए अगली पीढ़ी का इंटरसेप्टर विमान बनाना था।

मानवरहित या मानवयुक्त होगा रूसी विमान?

छठी पीढ़ी के फाइटर जेट का कॉन्सेप्ट एडवांस क्षमताओं और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस हवाई युद्ध के लिए एक नए युग का फाइटर जेट का निर्माण करना है। ये अगली पीढ़ी के विमान हवा से हवा में लड़ाई में बेहतर प्रदर्शन और अस्वीकृत हवाई क्षेत्रों में घुसने की क्षमता के साथ हवाई श्रेष्ठता को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार किए जाएंगे।

पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की कामयाबी के आधार पर, छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को हवाई युद्ध की जरूरतों के मुताबिक डिजाइन किया जाएगा, ताकि युद्ध के समय युद्ध की जरूरत के मुताबिक ये फाइटर जेट दुश्मनों का मुकाबला कर सके और लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता हासिल कर सके। अभी जो पांचवीं पीढ़ी के विमान हैं, उनमें लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता नहीं है।

हालांकि, हाल के वर्षों में पांचवी पीढ़ी के विमानों की क्षमता बढ़ाने का काम किया गया है, लेकिन कुछ खास कामयाबी नहीं मिल पाई है। अभी दुनिया के तीन ही देशों अमेरिका, चीन और रूस के पास पांचवीं पीढ़ी के विमान हैं, जबकि तुर्की ने प्रोटोटाइप का टेस्ट कर लिया है, जो वो पाकिस्तान के साथ मिलकर बनाना चाहता है।

रूस के अलावा अमेरिकी वायुसेना भी छढ़ी पीढ़ी के फाइटर जेट के निर्माण में एक प्रमुख खिलाड़ी है, जो नेक्स्ट जेनरेशन एयर डोमिनेंस (एनजीएडी) स्टील्थ फाइटर प्रोग्राम के माध्यम से अगली पीढ़ी के लड़ाकू जेट विकसित करने की कोशिश कर रहा है। लिहाजा, कहा जा सकता है रूस और अमेरिका के बीच छढ़ी पीढ़ी के फाइटर जेट के निर्माण को लेकर रेस शुरू हो गई है, जिसमें आने वाले सालों में रूस भी शामिल हो सकता है।

वहीं, कुछ यूरोपीय देशों ने भी साथ मिलकर छढ़ी पीढ़ी के फाइटर जेट के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया है। जापान, इटली और यूनाइटेड किंगडम ने मिलकर एक ज्वाइंट वेंचर तैयार करने की कोशिश की है। वहीं, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन ने मिलकर अलग कार्यक्रम शुरू किया है।

इसके अलावा, चीन भी अपने छठी पीढ़ी के फाइटर जेट को विकसित करने की प्रक्रिया में है, इससे पहले चीन, पांचवीं पीढ़ी के जे-20 फाइटर जेट के निर्माण के साथ अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर चुका है।

दूसरी ओर, रूस को अपने स्टील्थ फाइटर जेट, Su-57 को बड़ी संख्या में तैनात करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा, पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से उसे छठी पीढ़ी के लड़ाकू जेट के विकास में कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि रूसी योजनाकारों की इस बात पर भी अलग-अलग राय है, कि छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को मानवयुक्त या मानवरहित किया जाना चाहिए। हालांकि, एवगेनी फेडोसोव ने कहा है, कि अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान मानवरहित होंगे या मानवयुक्त, फिलहाल ये तय नहीं किया गया है।

कुल मिलाकर छठी पीढ़ी के फाइटर जेट के निर्माण को लेकर रेस शुरू हो चुकी है, जबकि भारत में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को लेकर अभी डिजाइन पर ही काम चल रहा है। ऐसे में समझा जा सकता है, कि फाइटर जेट के निर्माण के रेस में फिलहाल हम कितने पीछे चल रहे हैं।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!