भारत में ही बनेंगे हमारे लड़ाकू विमानों के इंजन:GE और HAL के बीच समझौता हुआ, मोदी-बाइडेन ड्रोन सौदे का ऐलान करेंगे







भारत में बने फाइटर प्लेन तेजस में GE इंजन लगाए जा रहे हैं।
अमेरिका की GE एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच फाइटर प्लेन के इंजन बनाने का समझौता हो गया है। इसके तहत अब भारतीय लड़ाकू विमानों के इंजन भारत में ही बनेंगे। पहले GE इन्हें सप्लाई करती थी। GE ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के समय हुए इस समझौते को ऐतिहासिक बताया है।
इधर व्हाइट हाउस के हवाले से जानकारी दी है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी के साझा बयान में भारत को हथियारबंद ड्रोन बेचे जाने का ऐलान होगा।

GE तेजस लड़ाकू विमान के लिए F404 इंजन की सप्लाई करती है। 83 तेजस विमानों में इस इंजन का इस्तेमाल हो रहा है।
बाइडेन ने मोदी के लिए प्राइवेट डिनर होस्ट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे के दूसरे दिन बुधवार को रात करीब 9 बजे (अमेरिकी समय के मुताबिक) प्राइवेट डिनर के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे। यहां राष्ट्रपति बाइडेन और फर्स्ट लेडी ने उनका स्वागत किया। डिनर में भारतीय NSA अजित डोभाल और अमेरिका के NSA जेक सुलिवन मौजूद थे। डिनर मेन्यू में बाइडेन का पसंदीदा पास्ता और आइसक्रीम शामिल थी।

मोदी सुबह करीब 5:30 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) व्हाइट हाउस पहुंचे। यहां बाइडेन और उनकी पत्नी ने PM को रिसीव किया।
PM मोदी ने उन्हें मैसूर के चंदन से बना एक खास बॉक्स गिफ्ट दिया, जिसे जयपुर के कारीगरों ने बनाया है। इस बॉक्स के अंदर भगवान गणेश की एक मूर्ति और एक दिये के साथ छोटी-छोटी डिब्बियों में 10 गिफ्ट्स हैं। ये सभी गिफ्ट्स भारतीय परंपरा के मुताबिक तय किए गए हैं।
PM मोदी ने बाइडेन को गिफ्ट किया 10 दानम् का बॉक्स
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन को दस दानम् की भेंट दी है। दस दानम् के तहत एक हजार फुल मून देखने वाले व्यक्ति को दस चीजें गिफ्ट की जाती हैं। कैलेंडर कैलकुलेशन के मुताबिक किसी भी व्यक्ति की उम्र 80 साल 8 महीने होने पर वह एक हजार पूर्णिमा के चांद (फुल मून) देख चुका होता है। बाइडेन लगभग इसी उम्र के हैं। नवंबर में वे अपना 81वां जन्मदिन मनाएंगे।

यही वो चंदन का बॉक्स है जिसे मोदी ने बाइडेन को गिफ्ट किया। इसमें 10 डिब्बियों के साथ भगवान गणेश की एक मूर्ति और एक दीया रखा गया था।
PM ने बाइडेन को चंदन की लकड़ी से बने बॉक्स में दस दानम् के प्रतीक दिए हैं। इस बॉक्स के अंदर चांदी के दस छोटे डिब्बे हैं। इनके अंदर रखी चीजें नीचे तस्वीरों में देख सकते हैं…

दस दानम् में पहला स्थान गोदान का है। इसके प्रतीक के तौर पर चांदी से मढ़ा नारियल रखा गया है। इसे पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने बनाया है।

दूसरा स्थान भूदान का है। इसमें जमीन का हिस्सा भेंट किया जाता है। इसके प्रतीक के तौर पर चंदन का टुकड़ा शामिल किया गया है। इसे मैसूर (कर्नाटक) से लाया गया।

दस दानम् में तीसरे स्थान पर तिलदान आता है। इसके लिए सफेद तिल बॉक्स में रखे गए हैं। इन्हें तमिलनाडु में उगाया जाता है।

चौथे स्थान पर हिरण्यदान यानी सोने का दान होता है। बॉक्स में 24 कैरेट शुद्धता का हैंडमेड सोने का सिक्का रखा गया है। इसे राजस्थान के कारीगरों ने बनाया है।

पांचवें स्थान पर आज्ञादान है। इसके तहत घी या मक्खन दिया जाता है। बॉक्स में जो घी रखा गया है, उसे पंजाब से मंगाया गया है।

दस दानम् में छठा स्थान वस्त्रदान का है। इसके लिए झारखंड में हाथ से बुना जाने वाला टसर रेशम का कपड़ा बॉक्स में रखा गया है।

दस दानम् में सातवां स्थान धान्य यानी अनाज के दान का है। इसके लिए बॉक्स में लंबे दाने वाले चावल रखे गए हैं। इन्हें उत्तराखंड से लाया गया है।

आठवें स्थान पर गुड़ का दान आता है। बॉक्स में इसके लिए गुड़ का एक टुकड़ा रखा गया है। इसे महाराष्ट्र से मंगाया गया है।

नौवें स्थान पर रौप्यदान यानी चांदी का दान किया जाता है। बॉक्स में 99.5 प्रतिशत शुद्ध चांदी का सिक्का रखा गया है। इसे राजस्थान के कारीगरों ने तैयार किया है।

दस दानम् में आखिरी हिस्सा नमक के दान का है। इसके लिए बॉक्स में गुजरात मे बना हुआ नमक रखा गया है।
फर्स्ट लेटी को गिफ्ट किया इको-फ्रेंडली डायमंड
PM मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन को ’10 प्रिंसिपल्स ऑफ उपनिषद’ किताब का फर्स्ट एडिशन भी गिफ्ट किया। वहीं, अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन को 7.5 कैरेट के इको-फ्रेंडली ग्रीन डायमंड भेंट में दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने प्राइवेट डिनर के दौरान अमेरिका की फर्स्ट लेडी डॉ. जिल बाइडेन को 7.5 कैरेट का ग्रीन डायमंड गिफ्ट किया।
बाइडेन ने मोदी को रॉबर्ट फ्रॉस्ट की कविताओं का पहला एडिशन भेंट किया
डिनर के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने PM मोदी को 20वीं सदी की एक बुक गैले, विंटेज अमेरिकी कैमरा, अमेरिकी वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी से जुड़ी एक किताब और रॉबर्ट फ्रॉस्ट की संग्रहित कविताओं के पहले संस्करण की कॉपी गिफ्ट की।

मोदी ने बाइडेन को ’10 प्रिंसिपल्स ऑफ उपनिषद’ किताब का फर्स्ट एडिशन दिया।
दौरे के दूसरे दिन PM मोदी वॉशिंगटन पहुंचे; फ्लाइट लाइन सेरेमनी के साथ स्वागत, CEOs से मिले
अमेरिका दौरे के दूसरे दिन PM मोदी वॉशिंगटन पहुंचे। भारतीय समय के मुताबिक, बुधवार रात करीब 12:00 बजे जॉइंट बेस एंड्रयूज पर मोदी का स्वागत फ्लाइट लाइन सेरेमनी के साथ किया गया। इस दौरान अमेरिकी एयरफोर्स ने दोनों देशों के राष्ट्रगान की धुन बजाई। PM मोदी को अमेरिका के चीफ प्रोटोकॉल ऑफिसर रूफस गिफर्ड ने रिसीव किया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

वॉशिंगटन के जॉइंट बेस एंड्रयूज पर मोदी को फ्लाइट लाइन सेरेमनी दी गई। इस दौरान बारिश हो रही थी। इस पर PM ने कहा- इंद्रदेवता की कृपा से यह दौरा और विशेष हो गया है।

न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी के होटल के बाहर भारतीय मूल के लोगों ने उनका स्वागत किया।
मोदी से मिले अप्लाइड मटीरियल और माइक्रोन टेक्नोलॉजी के CEO

मोदी ने माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष-CEO संजय मेहरोत्रा से मुलाकात की। उन्होंने कंपनी को भारत में सेमीकंडक्टर्स मेन्यूफैक्चर करने के लिए इनवाइट किया।

मोदी ने अप्लाइड मटीरियल के CEO गैरी डिकर्सन से भी मुलाकात की। दोनों के बीच स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार करने के लिए भारत में शैक्षणिक संस्थानों के साथ अप्लाइड मैटेरियल्स के सहयोग पर चर्चा हुई।
फर्स्ट लेडी के साथ नेशनल साइंस फाउंडेशन पहुंचे PM मोदी
इससे पहले भारतीय समय के मुताबिक, बुधवार देर रात करीब 1:30 बजे, PM मोदी ने जिल बाइडेन के साथ अलेक्जेंड्रिया (वर्जीनिया) में नेशनल साइंस फाउंडेशन का भी दौरा किया। PM मोदी ने कहा- भारत और अमेरिका, दो ऐसे इन्क्लूसिव देश हैं जो सस्टेनेबल ग्रोथ का इंजन बनेंगे। इस दौरान अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी भी मौजूद रहे।
PM मोदी ने अमेरिका और भारत के छात्रों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा- मुझे बेहद खुशी है कि यहां आते ही मुझे इतने युवा और क्रिएटिव लोगों से जुड़ने का मौका मिला। जिल बाइडेन ने इतना व्यस्त होने के बावजूद इस कार्यक्रम का आयोजन किया, मैं इसके लिए आभारी हूं। उनके साथ शामिल होना सम्मान की बात है।

तस्वीर वर्जीनिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन ने यहां भारतीय और अमेरिकी छात्रों को संबोधित किया।
नेशनल साइंस फाउंडेशन में PM मोदी के संबोधन की 4 बड़ी बातें…
- हमारी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना हम सभी का दायित्व है, इस उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षा, स्कीम, इनोवेशन आवश्यक है और भारत में हमने इस दिशा में कई प्रयास किए हैं।
- हमने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में शिक्षा और स्किलिंग को बढ़ावा दिया है। हमने स्कूलों में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की है जहां बच्चों को कई तरह के इनोवेशन करने के लिए हर सुविधाएं दी जा रही हैं।
- हमारा लक्ष्य तकनीकी दशक- टेकएड (Techade) बनाने का है। आज भारत-अमेरिका को ग्रोथ की गति बनाए रखने के लिए एक पाइपलाइन ऑफ टैलेंट की भी जरूरत है। जहां एक ओर अमेरिका के पास उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान और तकनीक हैं तो वहीं भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी युवा फैक्ट्री है।
- स्किल इंडिया मिशन के तहत हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, ड्रोन और अन्य क्षेत्र में अब तक 50 मिलियन लोगों को स्किल किया है।
व्हाइट हाउस ने कहा- मोदी-बाइडेन की मुलाकात दोनों देशों के बीच 10-15 साल की पार्टनरशिप की शुरुआत
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के स्ट्रैटजिक कम्युनिकेशन कॉर्डिनेटर और व्हाइट हाउस प्रवक्ता जॉन किर्बी ने राष्ट्रपति बाइडेन से PM मोदी की होने वाली द्विपक्षीय बैठक पर कहा कि अगले कुछ दिनों में दोनों नेता कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
यह मुलाकात दोनों देशों के बीच अगले 10 से 15 सालों की पार्टनरशिप को परिभाषित करने जा रही है। हम रक्षा सहयोग, साइबर, स्पेस, सप्लाई चेन और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।. इससे भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। हमें इससे बहुत उम्मीदें हैं।









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