NATIONAL NEWS

मंडी में लगने वाले शुल्कों से हो रहा दलहन उद्योगों का अस्तित्व खतरे में

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare


बीकानेर । जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, हनुमान मल भूरा एवं भीखमचंद बाफना ने खाद्य व आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा से मिलकर दलहन पर कृषि मंडी शुल्क की दरें समाप्त अथवा कम करने तथा कृषक कल्याण शुल्क को हटाने की अनुशंसा बाबत ज्ञापन सौंपा | ज्ञापन में बताया गया कि वर्तमान में राजस्थान में दलहन पर कृषि उपज मंडी शुल्क जो कि 1.60 प्रतिशत है और कृषक कल्याण शुल्क 0.50 प्रतिशत है | इस प्रकार कुल 2.10 प्रतिशत का अधिभार लग जाता है | राज्य का दलहन आधारित उद्योग पहले से ही अति रुग्ण अवस्था में है | पडोसी राज्यों में मंडी शुल्क कम है तथा दिल्ली में मंडी शुल्क नहीं होने से राज्य की कृषि उपज यथा मोठ, मूंग, चना आदि अधिकाँश दिल्ली व अन्य राज्यों में जाकर तैयार माल (प्रोसेसिंग की गई दालें) वापस राज्य में आकर बिक्री होती है | राजस्थान में मंडी शुल्क की दर अधिक होने से यहाँ की इकाइयां पडोसी राज्यों से प्रतिस्पर्द्धा में पिछड़ रही है और यहाँ से पलायन को मजबूर हो गई है | साथ ही कृषक कल्याण शुल्क का अतिरिक्त भार लगाने से यहाँ की इकाइयों को उत्पादन कर विक्रय कर पाना संभव नहीं हो रहा है | अत: दलहन पर कृषि मंडी शुल्क की दरें समाप्त अथवा कम करने तथा कृषक कल्याण शुल्क को हटाने की अनुशंसा की जाए ताकि यहाँ का दलहन उद्योग का अस्तित्व बना रह सके |

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!