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महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए टैंकों और गनों से हमले कर दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया

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बीकानेर।महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए टैंकों और गनों से हमले कर दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। 2 दिन तक चले इस युद्ध अभ्यास मैं जांबाज सैनिकों द्वारा उनके अदम्य साहस और शौर्य का प्रदर्शन किया गया
सेना की सप्त शक्ति कमांड की आर्टिलरी रेजिमेंट द्वारा जारी इस युद्धाभ्यास प्रशिक्षण ट्रेनिंग कैंप में टैंकों और आर्टिलरी गन द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया गया। इसमें सेना के टी 90, टी 72 तथा बीएमपी टैंक से 5 से 37 किलोमीटर तक की मारक क्षमता के हमले किए गए। कई एकड़ में फैली महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोज्य इस सैन्य अभ्यास शिविर में हेलीकॉप्टर “रौद्र” ओर MI 35 ने अभ्यास कैंप में बनाए दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया।वहीं
130एमएम की गन तथा 105एमएम की गन से भी परीक्षण प्रदर्शन किया गया।पाकिस्तान बॉर्डर से महज कुछ दूरी पर स्थित महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में दुश्मन के ठिकानों पर निशाने साधते हुए फायरिंग और तोपों की आवाज से थार थर्रा उठा। वही इस मौके पर महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोज्य सेना की सप्त शक्ति कमांड की आर्टिलरी रेजिमेंट द्वारा जारी युद्धाभ्यास प्रशिक्षण के वार्षिक ट्रेनिंग प्रदर्शन कैंप में आज भारत में निर्मित टैंकों और सैन्य उपकरणों की प्रदर्शनी आयोजित की गई। यह कह सकते है कि अब सेना भी आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार रूप देने में अपनी महती भूमिका अदा कर रही है । इस मौके पर सप्तशक्ति कमांड लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर भी मौजूद रहे । रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि 2 दिन तक चली इस युद्ध अभ्यास मैं भारत के जांबाज सैनिकों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन कर यह साबित कर दिया कि वे हर आने वाले खतरे से मुकाबला करने को तैयार है। उन्होंने बताया कि इसमें टी 90 टी 72 तथा भीष्म जैसे टैंकों का प्रदर्शन किया गया। टी 90 तथा जब टी 72 रशिया द्वारा बनाए गए आर्मी टैंक थे परंतु अब इनका भारत में ही निर्माण तथा मेंटेनेंस का कार्य किया जा रहा है। यह दोनों ही ग्राउंड से ग्राउंड पर मार करने में सक्षम टैंक है। जिसमें टी 90 अधिक एडवांस टेक्नोलॉजी पर आधारित है, यह अधिक कारगर है तथा 14000 फीट की पहाड़ियों से लेकर 55 डिग्री की तपती रेगिस्तानी धरती पर भी हेलीकॉप्टर तथा ड्रोन को गिराने में सक्षम है ।इन दोनों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह ग्राउंड से ग्राउंड के अलावा ग्राउंड से एयर में भी मारक क्षमता रखते हैं। उधर लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषि दीक्षित ने बताया कि युद्ध के दौरान काम आने वाले तमाम टैंक और हेलीकॉप्टर की मारक क्षमता अद्भुत है । उन्होंने बताया कि इस फील्ड फायरिंग ट्रेनिंग में 130एमएम तथा के 9 वज्र के फायरिंग टैंक के साथ भीष्मा तथा बीएमपी के मेकैनिज्म बटालियन तथा एयरफोर्स के साथ मिलकर इंटीग्रेटेड फॉर्म में यह ट्रेनिंग आयोजित की जा रही है।

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