NATIONAL NEWS

मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने की स्क्रिप्ट कैसे लिखी गई:6 दिसंबर को अचानक दिल्ली बुलाया, रात 11 बजे नड्‌डा के घर मीटिंग

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने की स्क्रिप्ट कैसे लिखी गई:6 दिसंबर को अचानक दिल्ली बुलाया, रात 11 बजे नड्‌डा के घर मीटिंग

भोपाल

6 दिसंबर को मोहन यादव को अचानक दिल्ली से बुलावा आया था। उनकी नड्डा से 15 मिनट की मुलाकात हुई थी। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

6 दिसंबर को मोहन यादव को अचानक दिल्ली से बुलावा आया था। उनकी नड्डा से 15 मिनट की मुलाकात हुई थी। (फाइल फोटो)

भाजपा हाईकमान ने एक बार फिर चौंका दिया। मध्यप्रदेश में विधायक दल की बैठक से कुछ मिनट पहले विधायकों के फोटो सेशन में जो व्यक्ति दिग्गजों से काफी दूर तीसरी पंक्ति में बैठा था, उसे पार्टी ने मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। विधायक दल ने सर्वसम्मति से मोहन यादव को अपना नेता चुना। बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने उनके नाम का औपचारिक प्रस्ताव रखा।

यादव को मुख्यमंत्री बनाने की स्क्रिप्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के नई दिल्ली स्थित निवास पर 6 दिसंबर को रात 11 बजे लिखी गई थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भी वहां मौजूद थे।

भूपेंद्र यादव ने ही डॉ. मोहन यादव की रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दी थी। इसके बाद तीन दौर की बैठक में डॉ. यादव का नाम तय किया गया। वे संघ के करीबी माने जाते हैं। बीजेपी ने ओबीसी चेहरे के तौर पर मोहन यादव को आगे किया है।

फोटो सेशन के दौरान मोहन यादव तीसरी पंक्ति में बैठे थे। थोड़ी ही देर बाद सीएम के रूप में उनके नाम का ऐलान हो गया।

फोटो सेशन के दौरान मोहन यादव तीसरी पंक्ति में बैठे थे। थोड़ी ही देर बाद सीएम के रूप में उनके नाम का ऐलान हो गया।

दिल्ली से कॉल आया तो आष्टा से लौटकर भोपाल आए
भाजपा के एक नेता ने बताया कि 6 दिसंबर को मोहन यादव सड़क मार्ग से भोपाल से उज्जैन जा रहे थे। शाम करीब 7 बजे जब वे आष्टा पहुंचे, तब कॉल (संभवत: राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के निवास से) आई और उन्हें तत्काल दिल्ली आने के लिए कहा गया। डॉ. यादव वापस भोपाल आए और रात 9 बजे की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे।

उनकी नड्‌डा से केवल 15 मिनट की मुलाकात हुई। वे अगले दिन यानी 7 दिसंबर को सुबह भोपाल लौट आए। तब यह कयास लगाए जा रहे थे कि डॉ. यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

विधायक दल की बैठक में 15 मिनट में पूरी हुई सीएम बनाने की प्रक्रिया
सोमवार शाम 4:11 बजे भोपाल में बीजेपी दफ्तर में विधायक दल की बैठक शुरू हुई। मात्र 15 मिनट में नए मुख्यमंत्री बनाने की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने विधायक दल की बैठक आयोजित करने की प्रस्तावना बताई।

पर्यवेक्षक एवं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्‌टर ने 6 मिनट के भाषण में सिर्फ इतना कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। केंद्रीय नेतृत्व के फैसले को सभी को स्वीकार करना चाहिए। यह परंपरा है।

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने नए मुख्यमंत्री मोहन यादव का गुलदस्ता देकर स्वागत किया।

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने नए मुख्यमंत्री मोहन यादव का गुलदस्ता देकर स्वागत किया।

शिवराज ने रखा प्रस्ताव और तोमर, प्रहलाद व भार्गव ने समर्थन किया
बैठक में मोहन यादव को विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव शिवराज सिंह चौहान ने रखा। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, गोपाल भार्गव, तुलसी सिलावट और विधायक निर्मला भूरिया ने इसका समर्थन किया। सूत्रों का कहना है कि बैठक शुरू होने से पहले नरेंद्र सिंह तोमर ने करीब आठ विधायकों को एक कमरे में बुलाकर डॉ. मोहन यादव के पक्ष में समर्थन करने को कहा था।

मीटिंग में सातवीं पंक्ति में पीछे बैठे रहे मोहन यादव
विधायक दल की बैठक के बाद जब मोहन यादव के नाम का ऐलान हुआ तो सभी चौंक गए। वे आगे से सातवीं पंक्ति में बैठे थे। इस दौरान मोहन यादव जीते हुए विधायकों के बीच ही बैठे रहे। सीएम चुने जाने के बाद उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

2018 में नेता प्रतिपक्ष बनाते समय भी दिल्ली ने चौंकाया था
भाजपा के एक नेता ने बताया कि इससे पहले 2018 में जब कमलनाथ सरकार बनी थी, तब नेता प्रतिपक्ष के लिए शिवराज सिंह चौहान और डाॅ. नरोत्तम मिश्रा में से किसी एक का नाम लगभग फाइनल माना जा रहा था, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने सबसे सीनियर विधायक गोपााल भार्गव के नाम पर मुहर लगाई थी। तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह 7:30 बजे फोन पर भार्गव को बताया था कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जा रहा है।

मोहन यादव के नाम का ऐलान होने के बाद पार्टी की तरफ से शिवराज सिंह चौहान औैर वीडी शर्मा ने उनका स्वागत किया।

मोहन यादव के नाम का ऐलान होने के बाद पार्टी की तरफ से शिवराज सिंह चौहान औैर वीडी शर्मा ने उनका स्वागत किया।

दिग्गजों को दरकिनार कर सीएम बने यादव, 2 बड़े फायदे
शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेताओं को दरकिनार करके भाजपा ने डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री बनाया है। इसकी 2 बड़ी वजह हैं…

1. सेकेंड लाइन लीडरशिप डेवलप करने की शुरुआत
डॉ. मोहन यादव का मुख्यमंत्री बनना भाजपा की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है। भाजपा के एक सीनियर लीडर के मुताबिक, पार्टी अब प्रदेश की राजनीति में नई पीढ़ी को आगे लाना चाहती है। यादव की उम्र 58 साल है। यह पुराने नेताओं को साफ संदेश है कि अब राज्य में सेकेंड लाइन लीडरशिप को कमान मिलने जा रही है। यह एक बड़ा बदलाव है।

मध्यप्रदेश में अब छात्र संघ चुनाव का रास्ता साफ होता दिख रहा है, क्योंकि नए मुख्यमंत्री मोहन यादव नई लीडरशिप को आगे बढ़ाने के पक्षधर हैं। मध्यप्रदेश में 2017 से कॉलेजों में छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए हैं।

पिछले साल जब राजस्थान में तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने छात्र संघ चुनाव का ऐलान किया था, तब मोहन यादव ने इटारसी में (25 अगस्त 2022 को) एक बयान दिया था कि मध्यप्रदेश में अगले साल छात्र संघ के चुनाव होंगे। इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लेंगे।

अब डॉ. यादव खुद मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में छात्र संघ चुनाव की संभावना बढ़ गई है क्योंकि वे खुद एबीवीपी के अलग-अलग पदों पर रहे हैं।

2. यूपी-बिहार के जातिगत समीकरण बैठा रही भाजपा
छत्तीसगढ़ में आदिवासी और मध्यप्रदेश में ओबीसी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए जातिगत समीकरण बैठा रही है। मध्यप्रदेश में 51% अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आबादी है। जानकार कहते हैं कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है। अब भाजपा ने मध्यप्रदेश में ओबीसी चेहरे को फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपकर बड़ा जातिगत कार्ड खेला है।

जानकार कहते हैं कि भाजपा ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा लक्ष्य साधा है। यादव ओबीसी समाज से आते हैं। इसका लाभ लोकसभा चुनाव में इन दोनों राज्यों में मिल सकता है क्योंकि यूपी-बिहार में यादव राजनीति का खासा असर है।

देश में सबसे पहले एमपी में लागू की थी शिक्षा नीति
मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में लागू हुई थी। इसी के साथ मध्यप्रदेश देश में नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य बन गया था। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो गई है। इस दौरान डाॅ. मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री थे।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!