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राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तृतीय व चतुर्थ के संयुक्त तत्वावधान में तृतीय एक दिवसीय शिविर का आयोजन

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बीकानेर। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय बीकानेर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तृतीय व चतुर्थ के संयुक्त तत्वावधान में तृतीय एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत साइबर अपराधों से बचाव के लिए ‘सुरक्षा कवच’ व महाविद्यालय के इतिहास विभाग की और से साइबर सुरक्षा की थीम पर कार्यक्रम व व्याख्यान आयोजित किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. अभिलाषा आल्हा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि कम पढ़े-लिखे लोगों के वनिस्पत पढ़े-लिखे लोग ज्यादा ठगी व जालसाजी के शिकार हो रहे हैं क्योंकि वे इसका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने अनेक उदाहरणों से ठगी के अनेक प्रकार बताएं जैसे- वीडियो कॉलिंग,पैसे का लेनदेन,ओटीपी शेयरिंग आदि। उन्होंने ऑनलाइन पत्राचार में गोपनीयता, दुर्भावना पूर्ण सॉफ्टवेयर जैसे इंटरनेट वायरस, वार्म से बचना, अपने पासवर्ड को लगातार अपडेट करते रहना, ईमेल व अनजान हाइपरलिंक खोलने से बचना आदि जानकारी छात्राओं को दी। मुख्य वक्ता प्रो. इंदिरा गोस्वामी ने स्वरचित संगीत पैरोडी “ए-दिल है मुश्किल जीना यहां ….. जरा हटके जरा बचके… यह है साइबर का जाल…” सुनाकर साइबर अपराध को परिभाषित किया उन्होंने कहा कि साइबर अपराध व्यक्ति के मानवाधिकारों का हनन है, जिसमें व्यक्तिगत जानकारी की चोरी, उसे नष्ट करना, उसमें फेरबदल करना, बिना अनुमति के उसे किसी और तक पहुंचाना शामिल है।
प्रो. गोस्वामी ने साइबर अपराध के प्रकार जैसे कि हैकिंग, डाटा चोरी,साइबर आतंकवाद, आर्थिक अपराध, ईमेल व्यापार व बैंकिंग धोखाधड़ी,साइबर छल,स्पाइवेयर,पहचान चोरी, स्पैम,अश्लीलता आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रो. उज्जवल गोस्वामी ने साइबर सुरक्षा से बचाव के अनेक उपाय बताते हुए कहा कि अपने मोबाइल में हमेशा एंटीवायरस रखें, हमेशा क्रोम ब्राउज़र का इस्तेमाल करें, अनजान व्यक्ति से बात व वीडियो कॉल ना करें, वाई-फाई की सुरक्षा सुनिश्चित करें व अपने पासवर्ड हमेशा बदलते रहे व पासवर्ड बड़ा व कठिन हो ताकि हैकर उसे हैक ना कर पाए।
राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला समन्वयक प्रो. हेमेंद्र अरोड़ा ने विद्यार्थियों को अनेक उदाहरणों के मार्फत समझाया कि वे अजनबी लिंक को ना खोले व किसी के भी साथ किसी भी तरह का ओटीपी को साझा ना करें।
राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तृतीय के कार्यक्रम अधिकारी अंजू सांगवा ने सुरक्षा कवच की जानकारी देते हुए बताया की साइबर ठगी व डिजिटल हमलों से बचने केलिए मोबाइल, इंटरनेट आदि के उपयोग में सावधानियां बरतने की जरूरत है। इतिहास विभागाध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक डॉ सुनीता बिश्नोई ने कहा डिजिटल दुनिया में व्यक्तिगत जानकारी को साइबर हमलों से बचाने के लिए निजी जानकारी व वित्तीय विवरण को सार्वजनिक करने से बचना चाहिए। कार्यक्रम में इतिहास विभाग की छात्राओं व राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविकाओं ने बड़े उत्साह के साथ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया व कार्यक्रम के अंत में स्वयंसेविकाओं को अल्पाहार वितरित किया गया।

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