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राजस्थान में उद्योगों की बिजली गांव में होगी डायवर्ट, पॉवर क्राइसिस को मैनेज करने की कोशिश

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Power Crisis In Rajasthan: राजस्थान में पॉवर क्राइसिस जारी है. हालात की गंभीरता को इस बात से समझिए कि मांग और उपलब्धता में अंतर पांच करोड़ यूनिट प्रतिदिन से ज्यादा हो चुका है. ढाई करोड़ यूनिट बिजली कटौती से बचाई जा रही है.

कई इलाकों में अघोषित कटौती की जा रही है. बिजली उपलब्धता का सकंट मई और जून में रहने की आशंका के बाद खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बिजली और पानी बचाने की लोगों से अपील कर चुके हैं.

बिजली पानी संकट के बीच मुख्यमंत्री की नागरिकों से अपील की है और कहा है कि बिजली बचाएं- पानी बचाएं. सीएम गहलोत ने कहा कि मई-जून महीने में पड़ने वाली भीषण गर्मी अप्रैल से ही शुरू हो गयी है.सीएम ने कहा है कि वर्तमान में पूरा देश बिजली सकंट से जूझ रहा है. राजस्थान में इससे अछूता नहीं है. मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ा है. इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से खरीद के लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं है.

बिजली की कटौती की जद में उद्योग भी आ चुके हैं. प्रदेश में 5000 से ज्यादा आबादी के गांव और शहरों में 1 से लेकर तीन घंटे तक घोषित पॉवर कट है. गांवों में 24 घंटों में से 15 घंटे तक का अघोषित पॉवर कट हैं. कल यानि 3 मई को अक्षय तृतीया और ईद है ऐसे में घरेलू बिजली सप्लाई बेहतर रहे इसके लिए उद्योगों को महज 8 घंटे की बिजली सप्लाई की जा रही है. उद्योगों से काटी गई बिजली गांव में डाइवर्ट होगी.

3 मई को उद्योगों में  पॉवर कट का समय
सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही मिलेगी बिजली
कृषि उपभोक्ताओं को अब 3 ब्लॉक में बिजली सप्लाई
रात 2 बजे से सुबह 6 बजे, सुबह 10 बजे से 2 बजे
दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक सप्लाई

आपको बता दें कि गांवों में बढ़े आक्रोश के बाद ग्रामीण इलाकों में सप्लाई बढ़ाई गयी है. पिछले साल की तुलना में अप्रैल में बिजली की मांग 35 फीसदी बढ़ी है. बिजली एक्सचेंज से 12 रुपए प्रति यूनिट में बिजली खरीदनी पड़ रही है 

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