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राजस्थान में फिर तेज बारिश और ओले का अलर्ट:आंधी भी चलने की आशंका; मार्च में सामान्य से ढाई गुना ज्यादा बरसात

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जयपुर। राजस्थान में दो दिन बाद फिर बारिश-ओले गिरने की चेतावनी है। राज्य में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसका सबसे ज्यादा असर 23-24 मार्च को पश्चिमी और पूर्वी राजस्थान में देखने को मिलेगा। इधर, प्रदेश में दो सप्ताह से रुक-रुककर हो रही बरसात किसानों पर कहर बनकर टूटी है। फसल खराब हो गई।
मौसम केन्द्र के मुताबिक मार्च में इस बार सामान्य से ढाई गुना ज्यादा बारिश अब तक हो गई है। पिछले 24 घंटे में राजसमंद, चित्तौड़गढ़, नागौर, जयपुर, भीलवाड़ा, धौलपुर, कोटा, उदयपुर, भरतपुर, सीकर, चूरू, हनुमानगढ़, झालावाड़, बारां, झुंझुनूं, अलवर, सवाई माधोपुर, कोटा, गंगानगर जिलों में बारिश हुई।
सबसे ज्यादा बरसात अलवर के मालाखेड़ा कस्बे में 53MM दर्ज हुई। अलवर में बारिश के कारण यहां गेहूं और सरसों की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। मालाखेड़ा के अलावा नीमराणा में 45, कोटकासिम में 30, बहरोड़, गोविंदगढ़, कठूमर, रामगढ़ और बहादुरगढ़ में 10 से 15MM के बीच बारिश हुई।
हनुमानगढ़ शहर और नोहर तहसील में भी एक इंच पानी बरसा। इससे यहां कई जगह पानी भर गया। संगरिया के एक सरकारी स्कूली में बच्चे भरे पानी के बीच से होकर निकलते दिखाई दिए। यहां तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे। इससे यहां खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान हुआ।

अजमेर में बारिश से भारी नुकसान

अजमेर जिले के कई स्थानों पर 20 मार्च को बारिश के साथ ओले गिरे। यहां सड़क और खेतों में ओलों की सफेद चादर बिछ गई। बारिश और ओले गिरने से अजमेर में दिन का तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस गिरकर 26.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इधर गंगानगर, कोटा जिले में भी बारिश से दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया, जिससे यहां सर्दी फिर से बढ़ गई।
राजस्थान इस महीने सामान्य से ढाई गुना ज्यादा बरसात हुई है। इससे बहुत नुकसान हुआ। अमूमन पूरे राज्य में मार्च के महीने में औसत 4.1MM बारिश होती है, लेकिन इस बार 20 दिन के अंदर ही 10.5MM बारिश हो गई। जिलेवार स्थिति देखें तो झुंझुनूं, अलवर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर ही ऐसे जिले हैं, जहां औसत से कम बारिश हुई। जबकि शेष जिलों में औसत से ज्यादा बरसात हुई है।

बाड़मेर, फलोदी, डूंगरपुर, जालोर में पारा 30 पर
राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश, ओलावृष्टि से गर्मी तो कंट्रोल हुई। तापमान भी सामान्य से नीचे चला गया है। बाड़मेर, फलोदी, डूंगरपुर, जालोर को छोड़कर सभी जिलों में दिन का पारा 30 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया है। 23.9 डिग्री सेल्सियस के साथ हनुमानगढ़़ में कल सबसे सर्द दिन रहा। धौलपुर, चूरू, सीकर, अलवर, अजमेर में तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने लगा है।

23 मार्च से फिर बदलेगा मौसम

मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि राज्य में आज से बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधियों पर विराम लगेगा। कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी के अलावा शेष राज्य में आज और कल मौसम शुष्क रहेगा। 23 मार्च से एक नया पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय होगा, जो काफी प्रभावशाली होगा। इस सिस्टम का 23 मार्च को असर पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर संभाग में देखने को मिलेगा। जबकि 24 मार्च को जयपुर, अजमेर, भरतपुर संभाग में इस सिस्टम का असर रहेगा। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के प्रभाव से पश्चिमी राजस्थान में धूलभरी आंधी चलने के साथ कई जगह बारिश और ओले भी गिर सकते हैं।
जोधपुर जिले में बेमौसम बारिश से जीरा और ईसबगोल की फसल तबाह हो गई है। कृषि विभाग ने 42 हजार हेक्टेयर में जीरा, 9 हजार हेक्टेयर में ईसबगोल, 38 हजार हेक्टेयर में सरसों और 6 हजार हेक्टेयर में चना की फसल में नुकसान बताया है।
सीकर में हुई तेज बरसात व ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को इस बार प्रकृति की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। फसल बुवाई से लेकर 140 दिनों में किसानों ने 4 बार प्रकृति की मार झेली है। इससे किसान टूट चुके हैं। जिन किसानों ने सरसों की कटाई कर रखी है। वह बारिश और ओलावृष्टि से भीग गई। सरसों के दाने की गुणवत्ता में गिरावट आने का अनुमान है। साथ ही गेहूं की फसल भी पकाई के अंतिम पड़ाव पर थी। ऐसे में गेहूं की फसल को भी खासा नुकसान हुआ है।

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