लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने बदलें 8 जिलाध्यक्ष:पूर्व विधायक और विधानसभा प्रत्याशी को बनाया जिलाध्यक्ष, जातिगत समीकरण का भी रखा ध्यान
जयपुर
लोकसभा चुनाव से पहले लगातार प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी संगठन में बदलाव कर रहे हैं। क्षेत्रीय व जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर सीपी जोशी अपनी टीम बना रहे हैं। कुछ दिन पहले सीपी जोशी ने प्रदेश कार्यकारिणी में बदलाव किया था। वहीं, आज सीपी जोशी ने प्रदेश में 8 जिलाध्यक्ष बदल दिए हैं।
प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के निर्देश पर महामंत्री दामोदर अग्रवाल ने झुंझुनूं, सीकर, टोंक, डूंगरपुर, कोटा शहर, कोटा देहात, बूंदी और बारां के जिलाध्यक्षों को बदल दिया है। नए जिलाध्यक्षों में पूर्व विधायक औऱ विधानसभा प्रत्याशी को भी मौका दिया गया है।
इसके साथ ही लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी ने इन नियुक्तियों में जातिगत समीकरण भी साधने की कोशिश की है। खासतौर पर मूल ओबीसी को इन नियुक्तियों में प्राथमिकता दी गई है।
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में बीजेपी ने जातिगत समीकरणों को भी साधने की कोशिश की हैं।
पूर्व विधायक और विधानसभा प्रत्याशी को मौका
बीजेपी ने झुंझुनूं में बनवारीलाल सैनी को जिलाध्यक्ष बनाया है। सीकर में पवन मोदी को हटाकर कमल सिकवाल को जिम्मेदारी दी गई हैं। इसी तरह से टोंक में पूर्व विधायक अजीत मेहता को जिलाध्यक्ष बनाया गया हैं अजीत महेता ने पिछला विधानसभा चुनाव सचिन पायलट के सामने लड़ा था। वे 2013 में टोंक सीट से विधायक भी रह चुके हैं। अब उन्हें टोंक जिले के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी पार्टी ने सौंपी हैं।
इसी तरह से डूंगरपुर में प्रभु पंड्या को हटाकर हरीश पाटीदार को जिलाध्यक्ष बनाया गया हैं। पाटीदार पहले भी जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। कोटा और बूंदी में सांसद ओम बिरला गुट के जिलाध्यक्ष लगाए गए है। व्यापार प्रकोष्ठ में काम कर रहे राकेश जैन को कोटा शहर का जिलाध्यक्ष बनाया गया हैं।
वहीं पीपल्दा विधानसभा से प्रत्याशी रहे प्रेम गोचर को कोटा देहात की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। इसी तरह से बूंदी में सुरेश अग्रवाल औऱ बारां में नंदलाल सुमन को जिलाध्यक्ष बनाया गया हैं।
जातिगत समीकरणों को भी साधने की कोशिश
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में जातिगत समीकरणों का भी विशेष ध्यान रखा गया है। इन 8 जिलाध्यक्षों में 3 ओबीसी (2 मूल ओबीसी), 2 वैश्य, 1 एमबीसी (गुर्जर), 1 ब्राह्मण और 1 जैन को जगह दी गई हैं।
डूंगरपुर में जहां रिर्जव कैटिगिरी के बाद ओबीसी दूसरे नम्बर का बड़ा वोट बैंक है। वहां ओबीसी वर्ग से हरीश पाटीदार को जिलाध्यक्ष बनाया गया हैं।
वहीं झुंझुनूं और बारां जिले में मूल ओबीसी (माली समाज) से जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं। इसी तरह से वैश्य समाज से टोंक में अजीत मेहता और बूंदी में सुरेश अग्रवाल को जिलाध्यक्ष बनाया गया हैं। सीकर में ब्राह्मण कोटे से कमल सिकवाल, कोटा शहर में जैन समाज से राकेश जैन और कोटा देहात में गुर्जर समाज से प्रेम गोचर को जिलाध्यक्ष बनाया गया हैं।
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