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विरासत संवर्धन संस्थान द्वारा आगामी 1 जून से घूमर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन: घूमर के साथ कथक का भी दिया जायेगा प्रशिक्षण

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बीकानेर। राजस्थान की धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से विरासत संवर्द्धन संस्थान राजस्थानी लोक संस्कृति के परिचायक घूमर नृत्य के विधिवत प्रशिक्षण हेतु 10 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। गंगाशहर में 1 से 10 जून तक लगने वाले प्रशिक्षण शिविर में घूमर के साथ कथक भी सिखाया जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं। संस्थान के टोडरमल लालाणी ने बताया कि जयपुर घराने के नृत्य गुरु पंडित पन्नालाल कथक बीकानेर की बेटियों को प्रशिक्षित करेंगे। उनके साथ अशोक जमड़ा भी आएंगे। कार्यशाला संयोजक भैरव प्रसाद कथक ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान लाइव गायन होगा। हारमोनियम व तबले आदि पर पं. पुखराज शर्मा के निर्देशन में कलाकार मंच साझा करेंगे।
संस्थान के जतनलाल दुग्गड़ ने बताया कि घूमर प्रशिक्षण कार्यशाला में केवल बेटियां ही हिस्सा ले सकती हैं। इसके लिए 29 मई तक रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है। केवल 40 का ही रजिस्ट्रेशन होगा। यह पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर रखा गया है। दो सौ रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस भी शिविर पूरा करने वालों को वापस लौटा दी जाएगी। शिविर सुबह 8 बजे से 11 बजे तक चलेगा। यह विरासत को संरक्षित करने की दिशा में उठाया जा रहा कदम है। ऐसे में शिविर के समापन पर प्रतिभागियों के बीच प्रतियोगिताएं करवाई जाएंगी। विजेताओं को पुरस्कार दिए जाएंगे।

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