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शहरवासियों के लिए अच्छी खबर:बीकानेर में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें, इको फ्रैंडली होगा ट्रैफिक

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शहरवासियों के लिए अच्छी खबर:बीकानेर में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बसें, इको फ्रैंडली होगा ट्रैफिक

बीकानेर

शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही उन्हें सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती दिखाई देंगी। इको फ्रेंडली ट्रैफिक को बढ़ावा देने के लिए उप मुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बीकानेर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की स्वीकृति दे दी है। बीकानेर सहित जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, भरतपुर एवं उदयपुर शहर में पांच सौ इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी।

बीकानेर शहर में लंबे अर्से से सिटी बसों के संचालन की जरूरत महसूस की जा रही थी। वर्ष 2021 में तत्कालीन जिला कलेक्टर नमित मेहता ने शहर में सिटी बस संचालन के लिए कमेटी का गठन कर बसों के रूट भी निर्धारित कर दिए थे, लेकिन अफसोस की बात यह रही कि सिटी बसों को लेकर बनी कमेटी के काम सिरे ही नहीं चढ़े। शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने के लिए यहां के जनप्रतिनिधियों ने भी कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।

15 बसें चलाने की स्वीकृति

राज्य सरकार ने बीकानेर और भरतपुर में 15 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करने की स्वीकृति दी है। इसके अलावा 300 बसें जयपुर, जोधपुर में 70, कोटा में 50, उदयपुर में 35 तथा अजमेर में 30 बसें चलाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने वर्ष 2024-25 के लेखानुदान (बजट) में प्रदेशवासियों को प्रदूषण रहित आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने तथा पेट्रोल डीजल की बचत के लिए सार्वजनिक परिवहन में ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इंटर स्टेट के साथ-साथ राज्य के बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की घोषणा की थी।

इलेक्ट्रिक बसें चलाने से ना केवल आमजन को प्रदूषण रहित आवागमन की सुविधा मिलेगी। इलेक्ट्रिक बसों से पेट्रोल-डीजल की बचत होगी, पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा। बसों का संचालन एवं संधारण स्वायत्त शासन विभाग द्वारा कन्वर्जेंस एनर्जी लिमिटेड (सीईएसएल) के माध्यम से किया जाएगा। इससे सरकार पर करीब 105 करोड़ का भार आएगा।

इधर रोडवेज से 25 बसें हटाई, 4 ही मिली

राज्य सरकार भले ही प्रदेश में 500 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करने जा रही हो, लेकिन पिछले दिनों राजस्थान रोडवेज से करीब 3000 अनुबंधित बसों को हटाया गया था। इसमें बीकानेर आगार से भी 25 बसों को हटाया गया था, जिसकी एवज में महज 4 बसों की वापसी हुई है। रोडवेज में बसें हटने से सवारियों को निजी बसों में धक्के खाने पड़ रहे हैं।

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