केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार ने आज दो सर्वेक्षणों, प्रवासी श्रमिकों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण और अखिल भारतीय त्रैमासिक इकाई आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईएसएस) के फील्ड आधारित कार्यों को हरी झंडी दिखाई। ये दो सर्वेक्षण, मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा इस साल कराए जाने वाले पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों में शामिल हैं। मंत्री महोदय ने चंडीगढ़ में इस वर्ष फरवरी माह में इन सर्वेक्षणों के लिए इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया था। फील्ड आधारित कार्य के शुभारंभ के लिए ब्यूरो पिछले दो महीनों में इन सर्वेक्षणों के लिए प्रशिक्षुओं और पर्यवेक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चला रहा था।
इस अवसर पर पर श्री सिंह ने कहा कि इन दोनों सर्वेक्षणों के परिणाम श्रम और रोजगार के क्षेत्र में प्रभावी नीति बनाने के लिए अत्यधिक उपयोगी डाटा उपलब्ध कराएंगे। काफी कम समय होने के बावजूद जिस तरह से ब्यूरो ने सर्वेक्षण की समय सीमा का ध्यान रखते हुए उसकी शुरूआत की है, वह प्रशंसनीय है। मंत्री महोदय ने यह भी बताया कि बहुत जल्द शेष तीन सर्वेक्षण यानी घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण, पेशेवरों द्वारा सृजित रोजगार पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण और परिवहन क्षेत्र में पैदा हुए रोजगार पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण भी ब्यूरो द्वारा लॉन्च किया जाएगा।
श्रम एवं रोजगार सचिव श्री अपूर्व चंद्र ने फील्ड कार्य की शुरूआत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इन दोनों सर्वेक्षणों के फील्ड अधिकारी डाटा संग्रह के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी से युक्त टैबलेट पीसी से युक्त होंगे। जिनमें आधुनिक सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले घरेलू सर्वेक्षण के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली आईटी प्रौद्योगिकी के एकीकरण का रास्ता भी खोलेगा। उन्होंने एक साल के अंदर श्रम ब्यूरो द्वारा 5 सर्वेक्षण कराए जाने के प्रयासों की सराहना की। इन सर्वेक्षणों में आईटी सहयोग प्रदान करने के लिए उन्होंने बीईसीआईएल (भारत सरकार की मिनी नवरत्न कंपनी) के प्रयासों की सराहना की।
इन सर्वेक्षणों के शुरू होने के साथ, प्रवासी श्रमिकों पर मूल्यवान डाटा एकत्र करने के लिए ब्यूरो अगले कुछ महीनों में लाखों घरों को सर्वेक्षण करेगा। ब्यूरो एक्यूईएसएस के तहत विभिन्न इकाइयों को शामिल करेगा ताकि रोजगार की स्थिति के बारे में आंकड़े जुटाए जा सकें और रोजगार की स्थिति में बदलाव लाया जा सके। ये सर्वेक्षण श्रम एवं रोजगार के क्षेत्र में नीति निर्माण के लिए अहम डाटा प्रदान करेंगे। एक्यूईएसएस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य तिमाही आधार पर रोजगार डाटा एकत्र करना है। यह सर्वेक्षण इकाई आधारित रोजगार सर्वेक्षण के लिए डिजाइन किया गया है। जो 10 या उससे अधिक श्रमिकों को नियुक्त करने वाली इकाइयों की रोजगार की जरूरत और 9 या उससे कम श्रमिकों की भर्ती करने वाले इकाइयों के लिए तिमाही आधार पर सर्वेक्षण करेगा।
यह सर्वेक्षण भारतीय श्रम बाजार के आंकड़ों के सबसे बड़े अंतर को पूरा करेगा। इसी तरह प्रवासी श्रमिक सर्वेक्षण, प्रवासी श्रमिकों के सामाजिक आर्थिक और कामकाजी परिस्थितियों का अध्ययन करने वाला पहला सर्वेक्षण है, सर्वेक्षण भारत में प्रवासी श्रमिकों पर कोविड-19 के प्रभाव का भी आकलन करेगा।
एलबीआई के महानिदेशक श्री डी.पी. एस नेगी ने अब तक की सभी समय सीमाओं को पूरा करने और पांच श्रम आधारित सर्वेक्षणों की महत्वाकांक्षी परियोजना आगे बढ़ने के लिए उत्साह व्यक्त किया। श्री नेगी ने कहा है कि यह पहली बार है कि इस तरह के आईटी आधारित सर्वेक्षण किसी संगठन द्वारा इतने बड़े पैमाने पर किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष ब्यूरो, प्रवासी श्रमिकों, घरेलू कामगारों, एक्यूईएसएस, पेशेवरों द्वारा सृजित रोजगार और परिवहन क्षेत्र में उत्पन्न रोजगार पर पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों को लॉन्च और पूरा करेगा। ये अखिल भारतीय सर्वेक्षण रोजगार और श्रम कल्याण के लिए सही नीतियों को तैयार करने के लिए विशाल डाटा उपलब्ध कराएंगे। करेंगे। “ये सर्वेक्षण प्रवासी श्रमिकों पर सरकार के लिए संगठित और असंगठित उद्यमों में रोजगार की स्थिति के संबंध में डाटा उपलब्ध कराएंगे। और वह सरकार के लिए बेहद उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि ब्यूरो समय पर और तेजी से परिणाम प्राप्त करने के लिए नवीनतम उपलब्ध तकनीक के साथ सर्वेक्षण कार्य को एकीकृत कर रहा है।” उन्होंने कहा कि आज शुरू किए गए दो सर्वेक्षणों के परिणाम इस वर्ष यानी 2021 तक उपलब्ध होने की उम्मीद है।
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