संदिग्ध पकड़ने के लिए RPSC का नवाचार:10वीं से यूजी-पीजी तक थर्ड डिवीजन आए तो विभाग देगा सूचना
प्रदेश के सभी विभागों को अब ऐसे अभ्यर्थियों की सूची राजस्थान लोक सेवा आयोग को देनी होगी जो 10वीं से यूजी-पीजी तक थर्ड डिवीजन में पास हुए। लाखों प्रतिभागियों वाली आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में बैठे और तीन गुना की विचारित सूची में शामिल हो गए। ऐसे अभ्यर्थियों को संदिग्ध माना जाएगा।
आयोग द्वारा फर्जी व डमी कैंडिडेट्स को पकड़ने के लिए किए गए नवाचार में विभागों का दायित्व बढ़ गया है। आयोग ने संबंधित विभागों को कहा है कि अभ्यर्थियों के दस्तावेज मूल शैक्षणिक दस्तावेज से मिलान ही पर्याप्त नहीं होगा। बल्कि अभ्यर्थी का शैक्षिक रिकॉर्ड का रेखा चित्र बताएगा कि वह सही कैंडिडेट है या परीक्षा में किसी स्तर पर गड़बड़ी कर के विचारित सूची में आया है।
आयोग की ओर से विभागों को संदेश दिया गया है कि दस्तावेज सत्यापन में केवल शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज का मूल दस्तावेज से मिलाना करना ही पर्याप्त नहीं होगा। बल्कि बड़ी सजगता से अभ्यर्थी के सतत शैक्षिक रिकॉर्ड जैसे 10वीं, 12वीं, यूजी और पीजी कोर्स के रेखा चित्र (ट्रेल) को भी समझना होगा। यह भी देखना होगा कि यदि लगातार अभ्यर्थी का शैक्षणिक रिकॉर्ड या मूल्यांकन अत्यंत ही निराशाजनक एवं तृतीय श्रेणी का रहा है, तो अभ्यर्थी में ऐसा क्या बदलाव आया है कि वह लाखों अभ्यर्थियों की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित हुआ है। इसका अभिप्राय यही है कि वह दस्तावेज सत्यापन के दौरान कई बार इसकी भी जानकारी आ जाती है कि परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है या नहीं।
उच्च स्तरीय समिति से जांच कराएं
आयोग ने विभागों को निर्देश दिए हैं कि यदि ऐसा कोई अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन के दौरान पकड़ में आता है, जो शैक्षिक रिकॉर्ड से संदिग्ध लग रहा है तो उसके दस्तावेज सत्यापन की विभाग द्वारा एक उच्च स्तरीय समिति से सतर्कता व गहनता से जांच कराई जाएगी। समिति के निष्कर्षों से आयोग को भी अवगत कराया जाए। पद के लिए शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यताओं का स्पष्ट निर्धारण विभाग द्वारा पहले ही कर लिया जाए, ताकि दस्तावेज सत्यापन में लगे कार्मिक को किसी प्रकार का संशय नहीं हो।
कार्मिकों को सत्यापन की ट्रेनिंग दें
आयोग ने कहा है कि दस्तावेज सत्यापन के लिए विभाग जो टीम बनाएंगे, उसके प्रत्येक दल में कम से कम 4 कार्मिकों में से दो कार्मिक राजपत्रित एवं दो अराजपत्रित अधिकारी होंगे। प्रशासनिक विभाग द्वारा दस्तावेज सत्यापन के लिए जो टीम गठित की जाए, उसके मास्टर ट्रेनर द्वारा दस्तावेज सत्यापन टीम को सघन प्रशिक्षण देकर ही दस्तावेज के सत्यापन के काम में लगाया जाए।
इन दस्तावेज की होगी कड़ाई से जांच
दस्तावेज की जांच कड़ाई से होगी। अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत किए शैक्षणिक डिप्लोमा, डिग्रियों, अंक तालिकाओं, खेल प्रमाण पत्र, दिव्यांग व निशक्तता प्रमाण पत्रों, जाति प्रमाण पत्रों आदि की विशेष जांच की जाएगी। खेल प्रमाण पत्र व दिव्यांग प्रमाण पत्रों पर भी विशेष नजर रहेगी।
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