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सादिक सराफ, अब्दुल करीम बाबा तथा आसिफ मिर्ज़ा राजस्थान से NIA की  गिरफ्त में,गुरुवार आधी रात से राजस्थान सहित 11 राज्यों में PFI के कई ठिकानों पर छापेमारी

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*सादिक सराफ, अब्दुल करीम बाबा तथा आसिफ मिर्ज़ा राजस्थान से  नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की  गिरफ्त में,गुरुवार आधी रात से  राजस्थान सहित 11 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी*
NIA टीम ने एक युवक क़ो लिया हिरासत में पॉपुलर फ्रंट राजस्थान के सचिव सादिक शराफ को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। NIA टीम जयपुर पूछताछ के लिए लेकर हुई रवाना,Kota में NIA टीम द्वारा भी छापेमारी की गई है। जिनमे विज्ञान नगर, अमन कॉलोनी में दी गई थी देर रात दबिश, अमन कॉलोनी में अब्दुल करीम बाबा के घर पर दी थी दबिश, अब्दुल करीम बाबा से बातचीत में कहा कि  “देर रात 20 अधिकारियों की टीम आई थी घर पर, घर में घुसते ही शुरू की छानबीन, करीब 2 घंटे तक घर में चली छानबीन के बाद लौटी टीम, PFI से जुड़ा आसिफ मिर्जा काफी रहता था अब्दुल करीम के मकान में

आसिफ़ मिर्जा


*PFI के ठिकानों पर NIA-ED का एक्शन:13 राज्यों में आधी रात से छापेमारी जारी, चीफ ओमा सालम अरेस्ट; गृह मंत्रालय में हाई लेवल मीटिंग*
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार आधी रात से 11 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की, जो अब तक जारी है। टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई में PFI से जुड़े 106 सदस्यों को अरेस्ट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरफ्तार होने वालों में संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल है।NIA और ED की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रेदश, पुडुचेरी और राजस्थान में चल रही है। इधर, कार्रवाई के बीच गृह मंत्रालय में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग शुरू हो गई है। मीटिंग में NSA अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला और NIA के महानिदेशक मौजूद हैं।

*छापेमारी के विरोध में सड़क पर उतरे PFI कार्यकर्ता*
NIA, ED और राज्य पुलिस की तरफ की जारी इस रेड के विरोध में PFI के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु समेत कई जगहों पर संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। PFI ने बयान जारी करते हुए कहा है कि आवाज दबाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। सेंट्रल एजेंसी हमें प्रताड़ित कर रही है।

*2 बड़े विवादों में आया PFI का नाम*

*1. जुलाई में पटना के फुलवारी शरीफ में आतंकी साजिश का खुलासा, पीएम मोदी थे निशाने पर*
जुलाई में पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर आतंकी साजिश का खुलासा किया था। खुलासे के मुताबिक आंतकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री मोदी थे। इस केस में PFI के कार्यकर्ताओं का नाम सामने आने के बाद सितंबर में NIA ने बिहार में छापेमारी की थी।

*2. कर्नाटक के उडुपी में हिजाब विवाद को शुरू करने का आरोप*
कर्नाटक के उडुपी में इसी साल के शुरुआत में हिजाब का विवाद शुरू हुआ। कर्नाटक सरकार के मुताबिक इस विवाद के पीछे भी PFI के कार्यकर्ता थे। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि PFI की साजिश की वजह से कर्नाटक में हिजाब का विवाद पैदा हुआ।

सोशल मीडिया पर यह लिस्ट सर्कुलेट हो रही है। इसमें दावा किया गया है कि NIA ने ED और राज्य पुलिस के साथ मिलकर 11 राज्यों से 106 लोगों को गिरफ्तार किया है।
NIA छापेमारी के बीच तमिलनाडु के डिंडगुल जिले में PFI के ऑफिस पर तैनात सेंट्रल फोर्स के जवान।
मंगलुरु में प्रदर्शन कर रहे PFI कार्यकर्ताओं को कर्नाटक पुलिस ने हिरासत में लिया
PFI ने 18 सितंबर को ‘सेव द रिपब्लिक’ प्रोग्राम का आयोजन किया था। इसी प्रोग्राम में कासिमी ने विवादित बयान दिया था।
फुलवारी शरीफ से पुलिस ने अतहर और अलाउद्दीन को गिरफ्तार किया था। आरोप था इनके पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट भी मिला है। इसमें दर्ज प्लान पर काम करते हुए ये अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे।

*झारखंड में बैन है संगठन, केंद्र के भी रडार पर*
समाज में सांप्रदायिकता फैलाने के आरोप में PFI अभी सिर्फ झारखंड में ही बैन है। इसके खिलाफ संगठन ने कोर्ट में अपील भी की है। वहीं केंद्र सरकार भी PFI पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए अगस्त में ही एक टीम बनाई गई थी, जिसे 3 मोर्चे पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

PFI के नेटवर्क की मैपिंग करना। शुरुआत कर्नाटक से, लेकिन देश के उन सभी इलाकों का भी एक मैप तैयार होगा जहां PFI से जुड़ा एक भी व्यक्ति रहता है।
PFI की फंडिंग के सोर्सेज का का पता लगाना। साथ ही उससे जुड़े सारे डॉक्युमेंट कलेक्ट करना।
PFI का नाम जिन-जिन दंगों या फिर घटनाओं में आया उन सभी मामलों को जॉइंट टीम रीविजिट करेगी।

*PFI नेता कासिमी ने विवादित बयान दिया था*
18 सितंबर को केरल के कोझिकोड में एक रैली के दौरान PFI नेता अफजल कासिमी ने कहा था- संघ परिवार और सरकार के लोग हमें दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस्लाम पर जब भी खतरा होगा तब हम शहादत देने से पीछे नहीं हटेंगे। कासिमी ने कहा- यह आजादी की दूसरी लड़ाई है और मुसलमानों को जिहाद के लिए तैयार रहना है।

*केरल में 12 साल पहले ईशनिंदा के आरोप में प्रोफेसर का हाथ काटा गया, PFI से जुड़े थे आरोपी*
केरल में 2010 में कॉलेज के प्रोफेसर टीजे जोसेफ कट्‌टरपंथियों के निशाने पर आए थे। प्रोफेसर जोसेफ ने परीक्षा के लिए तैयार क्वेश्चन पेपर में ‘मोहम्मद’ नाम लिखा था। जोसेफ पर धार्मिक भावनाएं आहत करने और ईशनिंदा का आरोप लगा। कट्‌टरपंथियों ने उनके दाएं हाथ को काटकर बोले- इस हाथ से तुमने पैगंबर का अपमान किया। इसलिए इस हाथ से अब तुम्हें दोबारा कभी नहीं लिखना चाहिए। यह पहली घटना थी जब भारत में PFI का नाम ईशनिंदा के खिलाफ किसी मामले में जुड़ा था।

*2007 में गठन, 20 राज्यों में विस्तार*
2007 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 20 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है।

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