सौम्या गुर्जर आज हाईकोर्ट में लगा सकती है याचिका:न्यायिक जांच की रिपोर्ट को दी जाएगी चुनौती; सरकार ने पक्ष सुनने के लिए लगाई केविएट
राज्य सरकार की ओर से मेयर पद से बर्खास्त किए जाने के बाद सौम्या गुर्जर अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे है। वे हाईकोर्ट में न्यायिक जांच की रिपोर्ट को चुनौती दे सकती है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने कल हाईकोर्ट में केविएट दायर कर दी है। इधर भाजपा के पदाधिकारी इस मामले पर सक्रिय हो गए है। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और कैबिनेट में मंत्री रहे अरूण चतुर्वेदी इस मामले को अपने स्तर पर देख रहे है और कानून के जानकाराे से रिट पिटिशन दायर करने पर चर्चा कर रहे है। उन्होंने बताया कि संभावना है कि आज या कल सौम्या गुर्जर इस मामले में रिट फाइल कर देंगी।
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार ने जिस तरह से कार्यवाही की है, वह सब जानते है। न्यायिक जांच में भी कई खामियां है, जिसमें ये कहीं स्पष्ट नहीं हो रहा कि मेयर या अन्य 3 पार्षदों ने आयुक्त के साथ बदसलूकी, मारपीट जैसी कोई घटना की हो। चूंकी न्यायिक जांच में दोषी माना है तो सरकार ने नगर पालिका अधिनियम के तहत कार्यवाही की है। उन्होंने बताया कि हम विधि विशेषज्ञों से राय और सलाह ले रहे है और उसके आधार पर आगे की कार्यवाही करेंगे।
सरकार ने दायर की केविएट
इधर सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल मेहता ने केविएट दायर की है, ताकि इस मामले में हाईकोर्ट एक तरफा सुनवाई के बाद कोई निर्णय करने से पहले सरकार का पक्ष सुने। क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि दोबारा इस मामले में कोई स्टे मिले और सौम्या गुर्जर दोबारा मेयर की कुर्सी पर बैठे। वहीं सरकार का प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द खाली सीटों पर चुनाव करवाए जाए, इसके लिए स्वायत्त शासन विभाग ने खाली वार्डो की सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को भी भिजवा दी है।
6 माह के अंदर में होंगे चुनाव
विधि विशेषज्ञों की माने तो सौम्या गुर्जर की तरफ से रिट पिटिशन में न्यायिक जांच को चुनौती दी जाएगी। इस रिट को अगर हाईकोर्ट मंजूर करके कोई निर्णय करती है तो ठीक है। अगर खारिज करती है तो चुनाव दोबारा होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग 6 महीने के अंदर किसी भी समय चुनाव करवा सकता है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर में अभी वार्ड खाली है, जिन पर चुनाव करवाए जाने है।

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