गृह मंत्रालय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 31 मार्च, 2021 से आगे पांच साल की अवधि के लिए यानि 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक कुल 1,364.88 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ आप्रवासन वीजा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग (आईवीएफआरटी) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी
योजना को जारी रखना दिखाता है कि मोदी सरकार आप्रवासन और वीज़ा सेवाओं के आधुनिकीकरण और उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय का उद्देश्य सुरक्षित और एकीकृत सेवा प्रदाता फ्रेमवर्क प्रदान करना तथा इस योजना के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करते हुए वैध यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराना है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 31 मार्च, 2021 से आगे पांच साल की अवधि के लिए यानि 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक कुल 1,364.88 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ आप्रवासन वीजा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग (आईवीएफआरटी) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है।
योजना की निरंतरता, आईवीएफआरटी के मूल उद्देश्य के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाती है, जो आप्रवासन और वीजा सेवाओं के आधुनिकीकरण और उन्नयन से सम्बंधित है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय का उद्देश्य सुरक्षित और एकीकृत सेवा प्रदाता फ्रेमवर्क प्रदान करना तथा इस योजना के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करते हुए वैध यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराना है।
इस परियोजना की वैश्विक पहुंच है और यह दुनिया भर में स्थित 192 भारतीय मिशनों, भारत में 108 आप्रवासन चेक पोस्ट (आईसीपी), 12 विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) और कार्यालय एवं 700 से अधिक विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ), पुलिस अधीक्षक (एसपी)/पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) की सहायता से आव्रजन, वीजा जारी करने, विदेशियों के पंजीकरण और भारत में उनके आवागमन पर नज़र रखने से संबंधित कार्यों को आपस में जोड़ने और अनुकूलित करने का प्रयास करता है।
आईवीएफआरटी के शुरू होने के बाद, जारी किए गए वीज़ा और ओसीआई कार्ड की संख्या 2014 के 44.43 लाख से बढ़कर 2019 में 64.59 लाख हो गई और इसमें 7.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की गयी। वीजा प्रसंस्करण का औसत समय 15 से 30 दिनों (पूर्व-आईवीएफआरटी अवधि के दौरान) से घटकर ई-वीजा के लिए अधिकतम 72 घंटे हो गया, जिसके अंतर्गत 95 प्रतिशत ई-वीजा 24 घंटों के भीतर जारी किये गए। पिछले 10 वर्षों के दौरान 7.2 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ भारत आने वाला और भारत से बाहर जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय यातायात 3.71 करोड़ से बढ़कर 7.5 करोड़ हो गया है।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 31 मार्च, 2021 से आगे पांच साल की अवधि के लिए यानि 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक कुल 1,364.88 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ आप्रवासन वीजा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग (आईवीएफआरटी) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी
योजना को जारी रखना दिखाता है कि मोदी सरकार आप्रवासन और वीज़ा सेवाओं के आधुनिकीकरण और उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय का उद्देश्य सुरक्षित और एकीकृत सेवा प्रदाता फ्रेमवर्क प्रदान करना तथा इस योजना के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करते हुए वैध यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराना है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 31 मार्च, 2021 से आगे पांच साल की अवधि के लिए यानि 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक कुल 1,364.88 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ आप्रवासन वीजा विदेशी पंजीकरण ट्रैकिंग (आईवीएफआरटी) योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है।
योजना की निरंतरता, आईवीएफआरटी के मूल उद्देश्य के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाती है, जो आप्रवासन और वीजा सेवाओं के आधुनिकीकरण और उन्नयन से सम्बंधित है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय का उद्देश्य सुरक्षित और एकीकृत सेवा प्रदाता फ्रेमवर्क प्रदान करना तथा इस योजना के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करते हुए वैध यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराना है।
इस परियोजना की वैश्विक पहुंच है और यह दुनिया भर में स्थित 192 भारतीय मिशनों, भारत में 108 आप्रवासन चेक पोस्ट (आईसीपी), 12 विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) और कार्यालय एवं 700 से अधिक विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ), पुलिस अधीक्षक (एसपी)/पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) की सहायता से आव्रजन, वीजा जारी करने, विदेशियों के पंजीकरण और भारत में उनके आवागमन पर नज़र रखने से संबंधित कार्यों को आपस में जोड़ने और अनुकूलित करने का प्रयास करता है।
आईवीएफआरटी के शुरू होने के बाद, जारी किए गए वीज़ा और ओसीआई कार्ड की संख्या 2014 के 44.43 लाख से बढ़कर 2019 में 64.59 लाख हो गई और इसमें 7.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की गयी। वीजा प्रसंस्करण का औसत समय 15 से 30 दिनों (पूर्व-आईवीएफआरटी अवधि के दौरान) से घटकर ई-वीजा के लिए अधिकतम 72 घंटे हो गया, जिसके अंतर्गत 95 प्रतिशत ई-वीजा 24 घंटों के भीतर जारी किये गए। पिछले 10 वर्षों के दौरान 7.2 प्रतिशत के सीएजीआर के साथ भारत आने वाला और भारत से बाहर जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय यातायात 3.71 करोड़ से बढ़कर 7.5 करोड़ हो गया है।
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