NEET पेपर लीक में पहचान बदलकर मेडिकल कॉलेज पहुंची CBI:डॉक्टरी कर रहे 2 स्टूडेंट गिरफ्तार, भरतपुर में किराए के कमरे में रहे रहे थे
NEET पेपर लीक मामले में CBI ने भरतपुर (राजस्थान) के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज के दो स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है। दोनों स्टूडेंट ने डमी कैंडिडेट बनकर हजारीबाग (झारखंड) में 5 मई को पेपर दिया था। CBI की टेक्निकल सर्विलांस टीम ने दोनों स्टूडेंट को एग्जाम के दौरान हजारीबाग में मौजूद होने की पुष्टि की। इसके बाद CBI का स्टाफ नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) का स्टाफ बनकर 16 जुलाई को भरतपुर के मेडिकल कॉलेज पहुंची। दोनों स्टूडेंट के बारे में जानकारी जुटाई थी।
प्रिंसिपल बोले- सीबीआई की कार्रवाई को लेकर जानकारी नहीं
गिरफ्तार किए गए दोनों छात्रों में एक जोधपुर का कुमार मंगलम विश्नोई और दूसरा दौसा जिले का दीपेंद्र कुमार है। फिलहाल कॉलेज से दोनों छात्रों के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। इस बारे में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. तरुण कुमार से बात की। उन्होंने कहा- रैगिंग प्रकरण में जांच करने कुछ लोग NMC की टीम बनकर 16 जुलाई को कॉलेज के कैंपस में आए थे। उसी दिन सीएम भजनलाल शर्मा के पिता बाथरूम में स्लिप होकर घायल हो गए थे। मैं उन्हें लेकर जयपुर चला गया था। टीम को कॉलेज में ही छोड़ आया था। सीबीआई की कार्रवाई के बारे में जानकारी नहीं है।
एक छात्र को रैगिंग मामले में निष्कासित किया गया था
जानकारी के मुताबिक, कुमार मंगलम विश्नोई कॉलेज में रैगिंग मामले में भी दोषी था। उसे इसी साल मार्च महीने में 3 महीने के लिए कॉलेज से निष्काषित भी किया गया था। इसके साथ ही कुमार मंगलम पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था। इसकी जानकारी CBI को थी। इसलिए सबसे पहले 16 जुलाई को CBI की टीम NMC की टीम बनकर मेडिकल कॉलेज पहुंची। CBI की टीम में रैगिंग प्रकरण के मामले की जांच के बहाने सॉल्वर गैंग का पता लगाया। मेडिकल कॉलेज में CBI टीम के बारे में किसी को भनक तक नहीं लगी।
सॉल्वर गैंग का पता लगाने के बाद CBI मेडिकल कॉलेज से चली गई। इसके बाद दोबारा CBI की टीम 18 जुलाई को मेडिकल कॉलेज पहुंची। इसके बाद टीम भरतपुर शहर में पहुंची, जहां किराए का कमरा लेकर दोनों स्टूडेंट रहते थे। कमरे से कुमार मंगलम और दीपेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया। कुमार मंगल 2022 और दीपेंद्र 2023 बैच का स्टूडेंट है। दोनों स्टूडेंट दोस्त हैं।
भरतपुर में नेशनल हाईवे 21 पर रामपुरा स्थित जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज।
दोनों स्टूडेंट पेपर सॉल्व करते थे
सीबीआई की जांच में सामने आया कि कुमार मंगलम और दीपेंद्र पेपर सॉल्व करते थे। नीट मामले में पटना एम्स से पकड़े गए आरोपियों के मोबाइल डिटेल खंगाले तो इन दोनों के बारे में जानकारी मिली थी। परीक्षा वाले दिन का लोकेशन निकाला गया तो दोनों की उपस्थिति हजारीबाग मिली। इसके बाद टीम भरतपुर के लिए रवाना हो गई।
जोधपुर एम्स का स्टूडेंट हुकमाराम चल रहा फरार
इसी मामले में जोधपुर AIIMS का स्टूडेंट्स हुकमाराम भी फरार है। वह प्रयागराज (UP) के एक मशहूर डॉक्टर राजेश प्रसाद (RP) पांडे के बेटे राज पांडे की जगह बिहार के सेंटर पर एग्जाम देने बैठा था। इसके लिए उसे 4 लाख रुपए मिलने थे। सेंटर पर बायोमेट्रिक जांच के दौरान पकड़ा गया था।
इसी संबंध में पिछले दिनों बिहार पुलिस जोधपुर भी आई थी। हुकमाराम को जोधपुर एम्स ने सस्पेंड कर दिया है। यह सस्पेंशन बिहार हाईकोर्ट के अगले फैसले तक रहने वाला है।
नीट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई
नीट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। NEET में गड़बड़ी से जुड़ी 40 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार 18 जुलाई को तीसरी सुनवाई थी। इससे पहले 8 जुलाई और फिर 11 जुलाई को सुनवाई हुई थी। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की डिवीजन बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।
मास्टरमाइंड संजीव मुखिया तक पहुंचने में जुटी सीबीआई
बिहार में पेपर लीक का मुख्य सरगना संजीव मुखिया है। यह नालंदा जिले के नगरनौसा का रहने वाला है। मामला सामने आने के बाद से ही यह फरार है। माना जा रहा है कि गिरफ्तार रॉकी और फरार संजीव मुखिया का बेहद खास है। संजीव अब तक सीबीआई की पहुंच से दूर है। सीबीआई की टीम लगातार संजीव के ठिकाने तक पहुंचने में जुटी है।
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