NATIONAL NEWS

108 कुंडीय श्रीरामचरित मानस महायज्ञ का हुआ आगाज़अग्निमंथन से प्रकट हुई अग्नि, मंत्रों की गूंज से पवित्र हुई धर्मनगरीहजारों श्रद्धालुओं ने लगाई हवन परिक्रमा, सुनी संतों की वाणी

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare


बीकानेर। बीकानेर में रविवार की सुबह सूर्य भगवान ने धर्म और अध्यात्म की किरणें बिखेरनी प्रारंभ की और सूर्य ढलने तक हर कोई धर्म के रंग में रंगा हुआ था। यह सब दृश्य था सुजानदेसर गंगाशहर-भीनासर गौचर भूमि पर बसे सियारामनगर का। रामझरोखा कैलाशधाम के पीठाधीश्वर श्रीसरजूदासजी महाराज ने बताया कि रविवार को 108 कुंडीय श्रीरामचरित मानस महायज्ञ यज्ञाचार्य पं. जुगलकिशोर ओझा के आचार्यत्व में प्रारंभ हुआ। यज्ञ ब्रह्मा पं. अशोक ओझा ने बताया कि श्रीगणेश पूजन से अनुष्ठान प्रारंभ किया गया। इसके बाद सभी यज्ञवेदियों पर देवताओं का आह्वान स्थापन किया गया। मातृका वेदी, वास्तु वेदी, योगिनी क्षेत्रपाल वेदी, नवग्रह वेदी, रुद्र कलश पूजन किया गया। इसके बाद भगवान श्रीरामदरबार का पूजन किया गया। इसके कुष्कुंडिका, अग्नि मंथन द्वारा अग्नि प्रकट और अग्निस्थापन किया गया। 108 कुंडीय यज्ञ में 429 यजमानों ने आहुतियां दी। खास माहौल तब दिखा जब सैकड़ों श्रद्धालुओं द्वारा हवन स्थल की परिक्रमा लगाई जाती।

श्रीसरजूदासजी महाराज को दी अखिल भारतीय संत संतति के राष्ट्रीय मंत्री पद एवं प्रदेश संरक्षक की जिम्मेदारी
महंत भगवानदासजी महाराज ने बताया कि संत सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्रीश्री जगद्गुरु शंकराचार्य भगवान वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि जब भी धर्म के कार्य और धार्मिक अनुष्ठान हो तो समझ लेना ईश्वर की कृपा हो रही है। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए महंत क्षमारामजी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम ने मर्यादित जीवन जीया, प्रभु श्रीराम के नाम से ही सब संकट दूर हो जाते हैं। संत सम्मेलन में अखिल भारतीय संत समिति राष्ट्रीय अध्यक्ष सप्तम कुबेराचार्य संत केवल ज्ञानपीठ आदिश्वर जगतगुरु अविचल देवाचार्यजी महाराज गुजरात के आदेशानुसार महामंडलेश्वर राधे बाबा ने महामंडलेश्वर श्रीसरजूदासजी महाराज को राष्ट्रीय मंत्री व एवं प्रदेश संरक्षक का दायित्व प्रदान किया। नागौर के बजरंगदासजी महाराज ने राजतिलक किया और दिगम्बर अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री वैष्णोदासजी महाराज ने आशीर्वाद दिया। संरक्षक ने गौरीशंकरदासजी महाराज ने कहा कि श्रीसरजूदासजी महाराज ने बहुत ही कम समय में पूरे संत समाज में पहचान बनाई है और संतों-महात्माओं का मान बढ़े ऐसे सद्कार्य कर सच्चे संत की भूमिका निभाई। इस दौरान पूज्य गुरु रामदासजी महाराज, गौरीशंकरदासजी, महंत क्षमारामजी, श्रीविशोकानंदजी भारती, महामंडलेश्वर लक्ष्मणदासजी महाराज भीलवाड़ा, महंत नरोत्तमदासजी महाराज, महामंडलेश्वर श्री नारायणदासजी महाराज, अखिल भारतीय संत संतति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविचलदासजी महाराज, मथुरा के श्यामसुंदरदासजी महाराज, गुजरात से महामंडलेश्वर पतितपावनदासजी महाराज, बक्सर बिहार के धर्माचार्य स्वामी प्रियमजी महाराज, नौसेरा जम्मू के महामंडलेश्वर श्री संतोषदासजी महाराज ने सम्बोधित किया। निर्देशक महामंडलेश्वर विवेकानंदजी महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वरदासजी महाराज, राष्ट्रीय मंत्री श्री महंत राधे बाबा निर्मोही राजस्थान प्रदेश महामंत्री राष्ट्रीय मंत्री वल्लभ वैदी शरण, महामंडलेश्वर नरसिंह दासजी, महामंडलेश्वर दीनबंधुदासजी महाराज प्रदेश उपाध्यक्ष मध्यप्रदेश महंत श्रीअरुणदासजी महाराज, जगन्नाथ धाम प्रदेश महामंत्री उत्तराखंड महामंडलेश्वर श्रीविजयदासजी, हरियाणा प्रदेश महामंत्री महंत श्रीरामस्वरूपदासजी, उपाध्यक्ष राजस्थान महंत श्रीवैष्णोदासजी महाराज, दिगंबर अखाड़ा महंत श्रीओमकारदासजी महाराज, महंत श्रीरामेश्वरदासजी जिला अध्यक्ष ने शुभाशीष प्रदान किया। इस दौरान आयोजन समिति संयोजक अशोक मोदी व सचिव श्रीभगवान अग्रवाल ने महामंडलेश्वर श्रीसरजूदासजी महाराज का माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!