130 एनएसजी कमांडो पहली बार बीकानेर आएंगे, अभ्यास 22 से:काउंटर टेररिज्म पर शहर में होगा ब्लैक टॉरनेडो और साइक्लोन जैसा ऑपरेशन
शहर की बिल्डिंग में कुछ आतंकी घुस आए हैं। उन्होंने लोगों को बंधक बना लिया है। बंधकों को छुड़ाने के लिए एनएसजी कमांडो काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन को अंजाम देते हैं। काउंटर टेररिज्म के लिए बीकानेर में पहली बार ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो और साइक्लोन जैसा ऑपरेशन होगा, जिसे जनता अपनी आंखों से देख सकेगी। काउंटर टेररिज्म पर अभ्यास के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गारद(एनएसजी) का करीब 130 कमांडो का दल 22 फरवरी को दिल्ली से यहां आएगा। कमांडो चार दिन तक शहर के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को कुचलने का अभ्यास करेंगे।इसके लिए कलेक्ट्रेट सहित कई सरकारी भवन, होटल, मॉल, सिनेमा हॉल, बिल्डिंग चिन्हित की गई हैं। मेजर कमलेश बुआनिया और आसुतोष श्रीवास्तव के नेतृत्व में आधा दर्जन से अधिक कमांडोज की टीम अभ्यास के लिए बिल्डिंग्स चिन्हित करने में जुटी हैं। उन्होंने गजनेर होटल की मुआयना किया। दोनों मेजर ने इस संबंध में एसपी योगेश यादव से भी चर्चा की। एनएसजी से को-ऑर्डिनेशन के लिए दो सीआई तैनात किए गए हैं। काउंटर टेररिज्म पर अब तक महाजन फील्ड फायरिंग में ही अभ्यास होता आया है। भारतीय सेना के साथ अभ्यास करने के लिए विदेशी सेना भी हर साल आती है, लेकिन सेना ने शहरी क्षेत्र में कभी इस तरह का अभ्यास नहीं किया।
मुंबई हमले में चलाया था ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो
एनएसजी कमांडो काउंटर टेररिज्म पर अभ्यास के लिए 22 फरवरी को बीकानेर आएंगे। उन्हें शहर की प्रमुख और बड़े भवनों की जानकारी दी गई है। पुलिस पूरा सहयोग करेगी। – योगेश यादव, एसपी
एनएसजी का सबसे अहम और शायद सबसे चुनौतीपूर्ण मिशन था 2008 के मुंबई हमले। हालात कंट्रोल से बाहर थे। आतंकियों ने कई प्रमुख इमारतों पर कब्जा कर लिया था और लगातार गोलियां बरसा रहे थे। एनएसजी को भेजा गया। ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो और ऑपरेशन साइक्लोन लॉन्च कर आतंकियों का सफाया कर दिया गया। इस दौरान 900 से ज्यादा कमरों की तलाशी ली गई। कुल 9 आतंकियों को मार गिराया गया और 600 से ज्यादा लोगों को बचाने में एनएसजी कामयाब रही। इसके अलावा एनएसजी ने कई बड़े ऑपरेशन किए हैं।
बीकानेर इसलिए : काउंटर टेररिज्म अभ्यास के लिए एनएसजी ने इस बार बीकानेर को चुना है। सामरिक दृष्टि से बीकानेर महत्वपूर्ण है। पाक के निशाने पर है। कभी ऐसी आपात स्थित में एनएसजी को भेजा गया तो उन्हें ऑपरेशन चलाने में सुविधा रहेगी। इस अभ्यास के जरिए शहरी क्षेत्र के लोगों में सुरक्षा की भावना भी जागेगी। उन्हें इस बात का भरोसा मिलेगा, एनएसजी है तो हम सुरक्षित हैं। बीकानेर की सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है। बॉर्डर पर बीएसएफ तैनात है। सेना की 24वीं इंफेंट्री डिवीजन भी यहां है। वायुसेना का नाल एयरबेस है। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज है, जहां सेना का युद्धाभ्यास पूरे साल चलता है। इस लिहाज से एनएसजी का अभ्यास काफी महत्व रखता है। इससे पहले एनएसजी जयपुर में भी अभ्यास कर चुकी है।
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