*15 करोड़ लोन नहीं चुकाया, 10 मंजिला बिल्डिंग पर कब्जा:जयपुर के पॉश एरिया में एसएनजी ग्रुप के लग्जरी प्रोजेक्ट पर रेरा का एक्शन*
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने आज जयपुर के पॉश एरिया में एक मल्टी स्टोरी ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट का कब्जा लिया। कंपनी ने प्रोजेक्ट के लिए बैंक से लिया करोड़ों रुपए का लोन नहीं चुका पाने के कारण प्रोजेक्ट अधूरा रह गए। इसके बाद प्राेजेक्ट में फ्लैट खरीदने वाले लोगों ने रेरा में अर्जी लगाई थी। इसके बाद रेरा ने चैयरमेन ने इस मामले में सुओमोटो फैसला लेते हुए बैंक से प्रोजेक्ट का कब्जा सौंपने के लिए कहा था।रेरा रजिस्ट्रार रमेश चंद शर्मा ने बताया कि जयपुर के अशोक मार्ग सी-स्कीम स्थित एसएनजी रियल एस्टेट प्रा. लि. ग्रुप का सनराइजर्स प्रोजेक्ट है। इस 10 मंजिला प्रोजेक्ट में 38 लग्जरी फ्लैट बनाए जाने प्रस्तावित है। डवलपर्स की तरफ से इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 15 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन बैंक ले लिया। इस लोन को कंपनी ने समय पर नहीं चुकाया, जिसके बाद प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने वाले लोगों ने रेरा में प्रोजेक्ट का कब्जा नहीं देने की शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत के बाद रेरा चैयरमेन ने निर्णय करते हुए बैंक से प्रोजेक्ट को रेरा को सुपुर्द करने के लिए निर्देशित किया।
इसी के तहत आज बैंक की लीगल ऑफिसर श्वेता फौजदार ने प्रोजेक्ट का कब्जा रेरा रजिस्ट्रार को सौंपा। रजिस्ट्रार शर्मा ने बताया कि रेरा की तरफ से अब इस प्रोजेक्ट का बचा काम किसी दूसरे प्रमोटर या एजेंसी से करवाकर इसके आवंटियों को फ्लैट का कब्जा दिया जाएगा।
*मार्च 2018 में फ्लैट बनाकर कब्जा देना था*
कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को अप्रैल 2014 में शुरू किया था और लोगों से बुकिंग लेना शुरू कर दिया। कंपनी ने सितंबर 2017 तक प्रोजेक्ट पूरा करने की बात कही। इसके बाद 6 महीने का और समय लेते हुए मार्च 2018 तक प्रोजेक्ट पूरा करने की बात कही। इस बीच कंपनी को बैंक का लोन भी चुकाना था, जिसे वह चुका नहीं सकी और डिफॉल्टर हो गई। इसके बाद बैंक ने लोन को एनपीए में डालते हुए अक्टूबर 2018 को प्रोजेक्ट अपने कब्जे में ले लिया था।
*70 लाख से 1.70 करोड़ की कीमत में खरीदा फ्लैट*
जानकारी के मुताबिक इस प्राेजेक्ट में 10 से ज्यादा लोगों ने रेरा में शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें लोगों ने 70 लाख से लेकर 1.70 करोड़ रुपए तक की कीमत के फ्लैट खरीदे। इसमें कई ऐसे खरीददार है, जिन्होंने थर्ड पार्टी एग्रीमेंट करते हुए फ्लैट खरीदने के लिए दूसरे बैंकों से लोन उठा लिया। फ्लैट की पूरी कीमत देने के बाद भी डवलपर में खरीददार को न तो फ्लैट का कब्जा दिया और न ही फ्लैट की रजिस्ट्री करवाई।
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