20 साल से पाकिस्तान में फंसी हमीदा:दुबई की जगह एजेंट ने सिंध पहुंचाया, मजबूरी में शादी की; वीडियो से पता चला वे कराची में हैं
ये किस्सा 70 साल की हमीदा बानो का है। हमीदा रहने वाली हैं भारत की। काम के लिए दुबई के लिए निकली थीं। पहुंच गईं पाकिस्तान। इन तीन लाइनों में हमीदा के 20 साल छिपे हैं। इतने ही वक्त से वे पाकिस्तान में हैं। बिना नागरिकता के। ये सजा एक एजेंट पर भरोसा करने की है। इसी एजेंट की मदद से हमीदा दुबई जाने वाली थीं।
अब हमीदा के आज की कहानी जान लीजिए। पाकिस्तान के सोशल वर्कर वलीउल्लाह मारुफ ने 3 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। यह वीडियो कराची में रह रहीं हमीदा का ही था। सर्कुलेट होते हुए वीडियो मुंबई के कुछ लोगों तक पहुंचा। उन्होंने हमीदा को पहचाना और उनके परिवार को बताया। इसके बाद 20 साल से लापता हमीदा बानो की पूरी आपबीती सामने आ गई।
3 घंटे का सफर, 20 साल में पूरा नहीं
हमीदा मुंबई से सटे कुर्ला के कुरैशी नगर में रहती थीं। 2002 में दुबई के निकली थीं। मुंबई से दुबई का रास्ता 3 घंटे का है, लेकिन 20 साल बाद भी वे अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचीं।…
पाकिस्तान ले गए और वीजा भी नहीं दिया

वलीउल्लाह मारुफ को हमीदा के परिवार का पता चला तो उनकी बात कराई। हमीदा की बीते 19 साल में अपनों से पहली बातचीत थी।
हमीदा ने बताया कि मुझे दुबई का बोलकर पाकिस्तान ले जाया गया। वहां एक एजेंट ने सिंध के हैदराबाद में ले जाकर छोड़ दिया। मेरे हाथ में वीजा भी नहीं दिया। तीन महीने तक बंधक बनाकर रखा। टॉर्चर किया गया। कभी एक टाइम खाने को मिलता था, कभी वह भी नहीं।
भारत में शादी हो चुकी थी, उनके बच्चे भी थे, लेकिन मजबूरी में पाकिस्तान में अब्दुल्ला नाम के एक शख्स से शादी कर ली। उनके पहले से 4 बच्चे थे। हमीदा मां की तरह उनकी देखभाल कर रही हैं। उनके पास न पाकिस्तान की नागरिकता है, न ही किसी सरकारी रिकॉर्ड में नाम। 5 साल पहले पति का निधन हो चुका है।
बच्चे भी पाकिस्तान से भारत भेजना चाहते हैं
हमीदा का कहना है कि मेरी थोड़ी सी जिंदगी बची है। अब तक मेरे बच्चों का पता नहीं था। अब भारत में मेरे खून के बच्चों का पता चल गया है, इसलिए अपने देश वापस जाना चाहती हूं। ये बच्चे भी मुझे खुशी से भेजना चाहते हैं। मैं पाकिस्तान को सलाम करती हूं। यहां की सरकार ने कभी कोई तकलीफ नहीं दी। मैं भारत सरकार से कहना चाहती हूं कि मेहरबानी करके मुझे बुलवा लें।

वलीउल्लाह मारुफ हमीदा के घर के बगल में रहते हैं। उन्हें पता था कि इन्हें धोखे से पाकिस्तान लाया गया था। इसलिए वे हमीदा को असली परिवार तक पहुंचाने में जुट गए।
वीडियो पोस्ट करने वाले मारुफ हमीदा के पड़ोसी
हमीदा का मामला पाकिस्तान में उनके पड़ोसी वलीउल्लाह मारुफ सामने लाए हैं। मारुफ बच्चों की ऑनलाइन क्लास लेते हैं। उन्होंने बताया कि वे अब तक हमीदा की तरह दूसरे देशों में रह रहीं 40 से ज्यादा महिलाओं को खोज चुके हैं। इनमें ज्यादातर बांग्लादेश की हैं। कई को पाकिस्तान से उनके देश पहुंचने में मदद की। ये अम्मा मेरी पड़ोसन हैं। हम इनकी दुकान से चीजें खरीदा करते थे। बचपन में मेरी मां ने इनके बारे में बताया था कि इन्हें फ्रॉड करके यहां लाया गया है।
इंडियन ऐंबैसी से जुड़े लोगों ने हमीदा से संपर्क किया
मारुफ ने बताया कि मैं कई दिनों से इनकी जानकारी देने की कोशिश कर रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि कैसे मदद करूं। फिर मुझे सोशल मीडिया का आइडिया आया। मैंने इनका एक वीडियो बनाया और उसे पोस्ट किया। यह वीडियो मुंबई के एक यूट्यूबर ने देखा और उनके परिवार को खोजा।
मारुफ ने बताया कि हमीदा ने पाकिस्तान में रहने के दौरान यहां की नागरिकता नहीं ली, न ही किसी सरकारी रिकॉर्ड में उनका नाम है। उनका वीडियो देखकर इंडियन ऐंबैसी के एक अधिकारी ने उनसे संपर्क किया है। उम्मीद है कि जल्द ही वे हमीदा को भारत पहुंचाने में मदद करेंगे।
मुंबई में पूरा परिवार, उन्होंने बताया हमीदा के जाने के बाद क्या हुआ

हमीदा की बहन शायदा (बाएं) और बेटी यास्मिन (दाएं) एक साल तक हमीदा की तलाश करती रहीं। इसके बाद उन्होंने भी उम्मीद छोड़ दी थी।
हमीदा से 20 साल छोटी उनकी बहन शायदा बताती हैं कि अपनी बहन को खोने के बाद हमने उन्हें दुबई और दूसरे देशों में खोजा। उन्हें ले जाने वाली महिला एजेंट एक साल तक कहती रही कि वे हमसे बात नहीं करना चाहती हैं। हमने पुलिस के पास जाने की बात कही तो वह लापता हो गई। हमीदा को दुबई ले जाने के नाम पर एजेंट ने हमसे 20 हजार रुपए लिए थे।
शायदा ने बताया कि परिवार के लोग उन्हें मना करते थे कि वह काम के लिए दूसरे देश न जाएं, लेकिन खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए वे हमें बिना बताए दुबई के लिए निकली थीं। उनके जाने के एक साल बाद कुछ देर बात हुई। तब भी वे सिर्फ रोती रहीं।
परिवारवाले दुबई और अबुधाबी में खोजते रहे
हमीदा के बहनोई मुबारक अली ने बताया कि आखिरी बार उनका फोन आया था तो वह कुछ कहना चाह रहीं थीं, लेकिन बोल नहीं सकीं। इसके बाद हमने उन्हें दुबई और फिर अबुधाबी में खोजा। कई देशों की ऐंबैसी में भी संपर्क किया, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। अब मालूम हुआ है कि वे पाकिस्तान में रह रही हैं।
एक साल खोजने के बाद तलाश बंद की

यास्मिन के हाथ में हमीदा की 20 साल पुरानी फोटो है। भारत छोड़ने से पहले की ये उनकी आखिरी तस्वीर है।
हमीदा की बेटी यास्मिन कहती हैं कि मेरी मां एक एजेंट की लापरवाही के कारण पाकिस्तान चली गईं। उनके लापता होने के बाद हमें पता ही नहीं चला कि वे कहां हैं। अब वीडियो में देखा कि वे पाकिस्तान में हैं। शुरुआत के एक साल हमने उन्हें ढूंढने की बहुत कोशिश की। कुछ पता नहीं चला तो हम शांत हो गए। अब फिर उम्मीद जागी है कि वे जल्द वापस आएंगी। हम चाहते हैं कि सरकार उन्हें वापस लाने में हमारी मदद करे।

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