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G-20 मीटिंग में बजा भारत का डंका:समिट की मेजबानी मिली, बाइडेन ने सबसे ज्यादा अहमियत दी; सुनक जारी करेंगे 3 हजार वीजा

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G-20 मीटिंग में बजा भारत का डंका:समिट की मेजबानी मिली, बाइडेन ने सबसे ज्यादा अहमियत दी; सुनक जारी करेंगे 3 हजार वीजा

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में भारत को G20 की अध्यक्षता सौंपी।

इंडोनेशिया के बाली में जी-20 समिट बुधवार दोपहर खत्म हो गई। मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने अगले साल के लिए अध्यक्षता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी। प्रेसिडेंसी मिलने के बाद मोदी ने कहा- दुनिया इस वक्त भारत भारत की तरफ देख रही है। उसे हमसे उम्मीदें हैं। अगले एक साल के दौरान हम चाहेंगे कि जी-20 एकजुट होकर काम करे।

समिट में छाए रहे मोदी

  • बाली में मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मिले। इस वर्ल्ड स्टेज पर भारत की अहमियत कितनी है, इसकी मिसाल मंगलवार को फर्स्ट सेशन के दौरान मिली।
  • दरअसल, मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति को देख नहीं पाए थे। वो सीट से उठकर दूसरी तरफ जा रहे थे, तभी US प्रेसिडेंट ने उन्हें पुकारा और फिर दोनों गर्मजोशी से मिले। इमैनुएल मैक्रों भी वहां पहुंचे और कुछ देर तक तीनों नेता बातचीत करते रहे।
  • इसके बाद ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और मोदी की मुलाकात दो बार हुई। मंगलवार को अनौपचारिक तौर पर मिले तो बुधवार को औपचारिक बातचीत हुई। ब्रिटेन ने लगे हाथ ऐलान कर दिया कि 3 हजार भारतीयों को नए वीजा जारी होंगे।
भारत को अध्यक्षता मिलने के बाद मोदी ने कहा- हमें महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देना होगा। ये हमारी प्राथमिकता होगी।

भारत को अध्यक्षता मिलने के बाद मोदी ने कहा- हमें महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देना होगा। ये हमारी प्राथमिकता होगी।

जिनपिंग से सिर्फ हाय-हैलो

मंगलवार रात जी-20 की परंपरा के मुताबिक, मेजबान इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने डिनर होस्ट किया। यहां ग्रुप-20 के तमाम राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे। इसी दौरान मोदी और चीन के राष्ट्रपति आमने-सामने हुए तो दुआ सलाम हुई। गलवान झड़प यानी करीब 3 साल बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी।

खास बात यह है कि 15 और 16 सितंबर को मोदी और जिनपिंग SCO समिट में भी एक ही छत के नीचे थे, लेकिन तब दोनों की आंखें तक नहीं मिलीं थीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए और एक दूसरे को गले लगाया।

हमारे लिए और क्या खास

  • भारत के लिए यह जी-20 समिट कई मायनों में बेहद खास रही है। कोरोना के दौर के बाद पहली बार व्लादिमिर पुतिन को छोड़कर इतने हेड ऑफ द स्टेट्स एक ही मंच पर मौजूद थे।
  • भारत को जी-20 की प्रेसिडेंसी मिलने का मतलब साफ है कि वर्ल्ड फोरम पर हमारी बात सुनी जा रही है। इससे भी खास बात यह है कि जर्मनी, फ्रांस, जापान, सऊदी अरब और ब्रिटेन अब भारत से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने के लिए उतावले नजर आ रहे हैं।
  • समिट में भारत का कद कितना ऊंचा रहा, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमेरिका ने पहली बार इस समिट के लिए अपने हिंदी बोलने वाले प्रवक्ता जेड तरार को भेजा। तरार पूरी समिट के दौरान कैमरों के सामने नजर आते रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के मुद्दे पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री मोदी ने इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के मुद्दे पर चर्चा की।

जिनपिंग और ट्रूडो की बहस

समिट के खत्म होने के बाद एक अहम, लेकिन अजीब वाकया हुआ। दरअसल, चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो आमने-सामने हुए तो माहौल काफी कड़वाहट वाला दिखा। दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज और फेस एक्सप्रेशन देखकर साफ नजर आया कि किसी बात पर बहस हो रही है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

दिसंबर में क्या होगा?

भारत को औपचारिक तौर पर जी-20 की मेजबानी मिल गई है। दिसंबर 2022 में इसका इनॉगरल सेशन उदयपुर में होगा। राजस्थान के तीन शहर उदयपुर, जोधपुर और जयपुर में अलग-अलग मुद्दों पर कॉन्फ्रेंस होंगी। भारत 1 दिसंबर से G20 की अध्यक्षता करेगा। 2024 में ब्राजील इसकी प्रेसिडेंसी संभालेगा।

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ प्रधानमंत्री मोदी। इस दौरान भारत और जर्मनी के बीच ट्रेड रिलेशन बेहतर करने पर विचार हुआ।

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ प्रधानमंत्री मोदी। इस दौरान भारत और जर्मनी के बीच ट्रेड रिलेशन बेहतर करने पर विचार हुआ।

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा

बुधवार को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर चर्चा के दौरान मोदी ने कहा- कई टेक इनोवेशन हमारे युग के बड़े ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बन गए हैं। गरीबी से लड़ने में टेक्नोलॉजी ने काफी मदद की है। डिजिटल सॉल्यूशन क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित हो सकते हैं।

स्वदेश के लिए रवाना

समिट खत्म होने के बाद जो बाइडेन, शी जिनपिंग और मोदी समेत तमाम हेड ऑफ स्टेट्स अपने-अपने देश रवाना हो गए।

बाइडेन और जिनपिंग की मीटिंग भी अहम रही

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अहम मीटिंग हुई। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक, मीटिंग से पहले बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिलाया और कहा- आपको देखकर बहुत खुशी हुई। इसके बाद दोनों नेता मीटिंग रूम में चले गए। बाद में एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा- मुझे नहीं लगता कि चीन अभी ताइवान पर हमला करने वाला है। हम हर एक्शन पर नजर रख रहे हैं।

पीएम मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से ग्रीन इकोनॉमी और सोलर एनर्जी के मुद्दे पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से ग्रीन इकोनॉमी और सोलर एनर्जी के मुद्दे पर चर्चा की।

G20 लीडर्स ने मैंग्रोव फॉरेस्ट का दौरा किया
PM मोदी समेत G20 में शामिल सभी नेता बाली के मैंग्रोव फॉरेस्ट पहुंचे। इस दौरान G20 लीडर्स ने मैंग्रोव फॉरेस्ट में जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करने वाले पौधे लगाए। क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन हाल के समय में बहुत ही गंभीर मुद्दा बनकर उभरा है। 2022 में इंग्लैंड और पूरे यूरोप में लोग गर्मी से बेहाल रहे। पाकिस्तान में भारी बारिश से बाढ़ आ गई। भारत में पहले हीटवेव से फसलों को नुकसान हुआ। अमेरिका में भी भीषण गर्मी से जंगलों में आग लगी गई, दूसरी तरफ बारिश से बाढ़ आ गई। माना जा रहा है इस सबके पीछे जलवायु परिवर्तन ही है।

PM मोदी ने G20 नेताओं के साथ बाली के मैंग्रोव फॉरेस्ट में पौधा-रोपण किया।

PM मोदी ने G20 नेताओं के साथ बाली के मैंग्रोव फॉरेस्ट में पौधा-रोपण किया।

हाल ही में भारत ने ग्लोबल मैंग्रोव अलायंस में शामिल होने की घोषणा की थी। ये अलायंस इंडोनेशिया और UAE ने बनाया है। मैंग्रोव तटीय जंगल हैं जो साइक्लोन और स्टॉर्म के प्रभाव को कम करते हैं। इसके अलावा ये ज्यादा कार्बन एमिशन को अब्जॉर्ब करते हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए G20 लीडर्स ने यहां पौधे लगाए हैं।

बाली के मैंग्रोव फॉरेस्ट में G20 लीडर्स की तस्वीरें…

यह तस्वीर दिलचस्प है। मोदी मैंग्रोव फॉरेस्ट देखने पहुंचे। तभी सामने से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आ गए। दोनों नेताओं ने हाथ हिलाकर एक-दूसरे का अभिवादन किया।

जो बाइडेन का बैलेंस बिगड़ा
मैंग्रोव फॉरेस्ट का दौरा करने पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बैलेंस बिगड़ गया। वो सीढ़ियों पर चढ़ते समय लड़खड़ाते हुए नजर आए। हालांकि उन्होंने पास में चल रहे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को पकड़ लिया। गनीमत रही कि उन्हें कोई चोट नहीं लगी।

अब विस्तार से पढ़ें G20 समिट के फर्स्ट सेशन में मंगलवार को क्या हुआ…

इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय को संबोधित किया

मोदी ने कहा- समंदर की लहरों ने दोनों देशों के नातों को जीवंत बना रखा है। भारतीय यहां के विकास में सहयात्री बने हुए हैं।

मोदी ने कहा- समंदर की लहरों ने दोनों देशों के नातों को जीवंत बना रखा है। भारतीय यहां के विकास में सहयात्री बने हुए हैं।

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। यहां उन्होंने कहा- इंडोनेशिया और बाली आने के बाद हर हिंदुस्तानी को एक अलग अहसास होता है। मैं भी वही वाइब्रेशन्स फील कर रहा हूं। हमारा हजारों साल पुराना रिश्ता है। हम हजारों साल से इस परंपरा को निभा रहे हैं।

बाली में जी-20 नेताओं के डिनर के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से बातचीत करते मोदी।

बाली में जी-20 नेताओं के डिनर के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से बातचीत करते मोदी।

मोदी से खुद मिलने पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद मोदी से मिलने पहुंचे। दरअसल, मोदी बाइडेन को देख नहीं पाए थे। वो दूसरी तरफ जा रहे थे। इसी दौरान बाइडेन ने उन्हें पुकारा और फिर दोनों ठहाके लगाते नजर आए। कुछ मिनट बाद प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बुलाया और उनसे भी बातचीत की

20 देशों का समूह है G-20
G20 समूह फोरम में 20 देश हैं। इसमें दुनिया के डेवलप्ड और डेवलपिंग इकोनॉमी वाले देश हैं। 19 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन (EU) शामिल हैं।

ग्लोबल GDP का 85% G20 के पास
G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का मुख्य फोरम है, क्योंकि इसके सदस्य देशों के पास दुनिया की GDP का 85% हिस्सा है। इसमें दुनिया का 75% इंटरनेशनल ट्रेड भी शामिल है। इन देशों में दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या रहती है।

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