DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

पाक बॉर्डर पर हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट की जिप्सी:जमीन से टैंक और आसमान से फाइटर जेट सुखोई ने बरसाए बम, दुश्मन भी कंफ्यूज हो गया

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

पाक बॉर्डर पर हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट की जिप्सी:जमीन से टैंक और आसमान से फाइटर जेट सुखोई ने बरसाए बम, दुश्मन भी कंफ्यूज हो गया

राजस्थान से सटी पाकिस्तान बॉर्डर। भारतीय इलाके में कुछ दुश्मन छिपे बैठे थे। जैसे ही मिलिट्री इंटेलीजेंस को पता चला, सेना हरकत में आ गई। भारतीय सेना के दस से ज्यादा टैंकों ने मोर्चा संभाला, दुश्मन को कुचलने के लिए वे आगे बढ़े। रेत के धोरों में कई जगह ऐसी थीं, जहां सेना की गाड़ी दुश्मन तक नहीं पहुंच पा रही थी। ऐसे में हेलिकॉप्टर से जिप्सी को एयरलिफ्ट कर उस इलाके में पहुंचाया गया। वहीं इंडियन एयरफोर्स भी तुरंत एक्टिव हुई और सुखोई फाइटर जेट चंद मिनटों में आसमान पर मंडराने लगे।

हमले की सारी तैयारी पूरी हुई। एयरफोर्स और टैंकों के बीच को-ऑर्डिनेशन बैठाया गया और फिर वह वक्त आया, जब जमीन पर टैंकर से और आसमान में सुखोई फाइटर जेट से एक साथ दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर दिया गया। महज 10 सेकेंड में छिपे बैठे दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर दिया। भारतीय सेना और एयरफोर्स के बीच इस शानदार को-ऑर्डिनेशन को सोमवार को बीकानेर की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हुए युद्धाभ्यास ‘शत्रुनाश’ में अंजाम दिया गया।

धोरों में सेना की जिप्सी पहुंचाने में हेलीकॉप्टर ने गजब की फुर्ती दिखाई। कुछ ही मिनट में जिप्सी पहुंच गई और दुश्मन को पता भी नहीं चला।

धोरों में सेना की जिप्सी पहुंचाने में हेलीकॉप्टर ने गजब की फुर्ती दिखाई। कुछ ही मिनट में जिप्सी पहुंच गई और दुश्मन को पता भी नहीं चला।

जब दुश्मन के सांकेतिक ठिकानों पर हमले शुरू हुए तो रेगिस्तान में कतारबद्ध धुएं के गुब्बार दिखाई दिए।

जब दुश्मन के सांकेतिक ठिकानों पर हमले शुरू हुए तो रेगिस्तान में कतारबद्ध धुएं के गुब्बार दिखाई दिए।

युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय सेना ने टैंक टी-72, टी-90, भीष्म और भारत के स्वदेशी वज्र के-9 का उपयोग किया। इस दौरान रेगिस्तान में ही टारगेट बनाए गए। इन डेमो टारगेट को दुश्मन माना गया। जो रेगिस्तान में कहीं छिपे हुए थे। ऐसे में इंटेलीजेंस रिपोर्ट के आधार पर पहले टारगेट तय किया गया।

देखते ही देखते सेना के टैंक दनदनाते हुए आगे बढ़े, आर्टिलरी गन के साथ हमला शुरू हो गया। तभी एयरफोर्स अपने फाइटर प्लेन के साथ मैदान में उतरा। दुश्मन कंफ्यूज हो गया कि वो थल सेना का जवाब दे या फिर इंडियन एयरफोर्स का। वो कुछ समझ पाए, उससे पहले दोनों ने मिलकर दुश्मन के सभी ठिकाने उड़ा दिए। न सिर्फ टैंक और फाइटर प्लेन बल्कि बुलंद हौंसलों के साथ हाथ में आर्टिलरी गन लेकर दौड़ते जवान भी नजर आए।

दुश्मन की सूचना मिलने के साथ ही भारतीय टैंक टी-72 और टी-90 हमले के लिए रवाना हो गए।

दुश्मन की सूचना मिलने के साथ ही भारतीय टैंक टी-72 और टी-90 हमले के लिए रवाना हो गए।

दोनों सेनाएं मिलकर काम करेगी
सप्तशक्ति कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ए.एस. भिंडर ने इस युद्धाभ्यास को देखने के बाद कहा- हमारी दोनों सेनाएं साथ मिलकर काम कर सकती हैं। दुश्मन पर दो तरफा हमला उन्हें संभलने का मौका भी नहीं देगा। भारत निर्मित हथियारों का इस युद्धाभ्यास में शानदार उपयोग हुआ। नई तकनीक के साथ भी सेना के जवान काम करने लगे हैं।

रेत के समंदर में टैंक ऐसे दौड़े जैसे सब कुछ समतल है। दनदनाते हुए टैंक पलक झपकते ही अपनी पोजिशन पर पहुंच गए।

रेत के समंदर में टैंक ऐसे दौड़े जैसे सब कुछ समतल है। दनदनाते हुए टैंक पलक झपकते ही अपनी पोजिशन पर पहुंच गए।

पहले धुआं फिर हमला
भारतीय सेना के टैंक का दुश्मन को पता नहीं चले, इसलिए पहले क्षेत्र में धुआं किया जाता है। फिर एक साथ टैंक आगे निकल जाते हैं। दस से ज्यादा टैंक धोरों में ऐसे दौड़ते हैं, जैसे समतल जमीन हो। बीएमपी-2 टैंक के साथ स्वदेशी सारंग गन कवर देती हुई नजर आती है।

मौके पर आर्टिलरी गन सहित हमले का सारा साजो सामान भी तुरंत पहुंचाया गया।

मौके पर आर्टिलरी गन सहित हमले का सारा साजो सामान भी तुरंत पहुंचाया गया।

आर्मी इंटेलीजेंस ने आसान किया काम
धोरों में बनाए दुश्मन के सांकेतिक ठिकानों पर हमले करने के लिए सेना की इंटेलिजेंस भी काम करती है। थर्मल इमेजर, बैटल फील्ड रडार आदि भी युद्ध क्षेत्र में काम करते नजर आए। इसके अलावा दो लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टरों ने दुश्मन तक जल्दी पहुंचने के लिए दो जिप्सी को एयरलिफ्ट कर दुश्मन की जमीन पर उतार दिया।

जैसे ही सिग्नल मिला, वैसे ही तोपों ने गरजना शुरू कर दिया। एक के बाद एक गोले दागे गए।

जैसे ही सिग्नल मिला, वैसे ही तोपों ने गरजना शुरू कर दिया। एक के बाद एक गोले दागे गए।

सुखोई विमान ने आसमान से बरसाए बम
दुश्मन पर सटीक हमला करने के लिए सुखोई विमान भी नजर आया। इस विमान से दो बम गिराए गए, इससे पूरे क्षेत्र की जमीन हिल गई। इसके साथ ही हेलिकॉप्टर से हमले शुरू हो गए। दरअसल, दुश्मन पर पर तीन-चार बार एक साथ हमला किया गया।

एक-एक टैंक ने दस-दस बार गोले दागे तो दुश्मन कंफ्यूज हो गया कि हमला हो किस तरफ से रहा है।

एक-एक टैंक ने दस-दस बार गोले दागे तो दुश्मन कंफ्यूज हो गया कि हमला हो किस तरफ से रहा है।

ड्रोन से दुश्मन को ढूंढा
इस दौरान वायु सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने पूरे इलाके को स्कैन किया। सेना के ड्रोन इधर से उधर उड़ते नजर आए। इसका सीधा संपर्क टेक्निकल टीम से था। इस दौरान ड्रोन से जानकारी जुटाई गई कि दुश्मन कहां-कहां छिपा हुआ है।

रेत के धोरों पर चढ़ने में भी भारतीय टैंकों काे कुछ सेकेंड का ही समय लगा।

रेत के धोरों पर चढ़ने में भी भारतीय टैंकों काे कुछ सेकेंड का ही समय लगा।

भारतीय सेना ने एक तरफ से रॉकेट लांचर भी दागने शुरू कर दिए। इनकी स्पीड इतनी तेज थी कि कैमरे में कैद करना भी मुश्किल था।

भारतीय सेना ने एक तरफ से रॉकेट लांचर भी दागने शुरू कर दिए। इनकी स्पीड इतनी तेज थी कि कैमरे में कैद करना भी मुश्किल था।

जमीनी हमलों के साथ ही वायुसेना ने भी अपना काम शुरू कर दिया। एयरफोर्स के विमानों ने आसमान से बम बरसाने शुरू किए तो आसमान में आतिशबाजी जैसा नजारा दिखा।

जमीनी हमलों के साथ ही वायुसेना ने भी अपना काम शुरू कर दिया। एयरफोर्स के विमानों ने आसमान से बम बरसाने शुरू किए तो आसमान में आतिशबाजी जैसा नजारा दिखा।

इंडियर एयरफोर्स के जवान बेखौफ होकर दुश्मन की ओर बढ़ते नजर आए। हेलीकॉप्टर का रुद्र रूप देखने को मिला।

इंडियर एयरफोर्स के जवान बेखौफ होकर दुश्मन की ओर बढ़ते नजर आए। हेलीकॉप्टर का रुद्र रूप देखने को मिला।

दूर तक हुए हमलों के बाद रेगिस्तान में धूल के गुबार ही गुबार नजर आए।

दूर तक हुए हमलों के बाद रेगिस्तान में धूल के गुबार ही गुबार नजर आए।

हमला शुरू होने के कुछ ही सेकेंड में आसमान पर इंडियन एयरफोर्स का कब्जा था।

हमला शुरू होने के कुछ ही सेकेंड में आसमान पर इंडियन एयरफोर्स का कब्जा था।

सुखोई से जहां बम गिराए गए, वहां रेत का गुबार आसमान छूने लगा। इस धमाके से आसपास की जमीन तक हिल गई।

सुखोई से जहां बम गिराए गए, वहां रेत का गुबार आसमान छूने लगा। इस धमाके से आसपास की जमीन तक हिल गई।

इन दृश्यों को सेना के आला अधिकारी देखते रहे। सप्तशक्ति कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ए.एस. भिंडर पूरे युद्धाभ्यास को गंभीरता से देख रहे थे।

इन दृश्यों को सेना के आला अधिकारी देखते रहे। सप्तशक्ति कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ए.एस. भिंडर पूरे युद्धाभ्यास को गंभीरता से देख रहे थे।

भारतीय वायुसेना ने थल सेना के साथ समन्वय स्थापित करने में कोई कमी नहीं रखी।

भारतीय वायुसेना ने थल सेना के साथ समन्वय स्थापित करने में कोई कमी नहीं रखी।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!