4 दोस्तों को बस ने घसीटा, दो की मौत:कोचिंग से बिना हेलमेट बुलेट पर आ रहे थे, कार से टकराकर सड़क पर गिरे थे
बयाना
कोचिंग से लौट रहे 10वीं क्लास के चार दोस्तों को कार ने टक्कर मार दी। इसी दौरान पीछे से आ रही बस बाइक समेत उन्हें 100 मीटर तक घसीट कर ले गई। हादसे में दो दोस्तों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा भरतपुर के बयाना थाना क्षेत्र के सिकंदरा गांव के पास गुरुवार दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ। चारों दोस्त बिना हेलमेट के बुलेट पर अपने घर लौट रहे थे।
हादसे में लोकेंद्र (बाएं) और दीपक (दाएं) की मौत हो गई।
कोतवाली थाना के एसआई रमेश चंद्र ने बताया- निजी स्कूल में 10वीं के छात्र सिकंदरा गांव निवासी दीपक (16) पुत्र राम प्रकाश गुर्जर, तरसूमा गांव निवासी लोकेंद्र गुर्जर (16) पुत्र सुबे सिंह, सिकंदरा निवासी सचिन (18) पुत्र राजू सिंह और तरसूमा निवासी अजवीर (16) पुत्र बिंदा गुर्जर बयाना से कोचिंग से पढ़कर घर लौट रहे थे। बाइक सचिन के बड़े भाई कुलदीप की थी। चारों छात्र बिना हेलमेट के बाइक से आ रहे थे।
सिकंदरा से एक किमी पहले उनकी बाइक कार से टकरा गई। चारों दोस्त बाइक समेत सड़क पर गिर गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस दौरान पीछे से आ रही बस बाइक को 100 मीटर तक घसीटते हुए ले गई। हादसे में चारों दोस्त बुरी तरह घायल हो गए। सचिन का पैर कटकर अलग हो गया।
स्थानीय लोगों ने बयाना पुलिस और एंबुलेंस को सूचित किया। इसके बाद चारों को बयाना सीएचसी लाया गया। बयाना सीएचसी में गंभीर घायल लोकेंद्र की मौत हो गई। बाकी तीनों दीपक, सचिन, और अजवीर को भरतपुर जिला हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।
वहां से दीपक को परिजन प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए जहां इलाज के दौरान दीपक ने भी दम तोड़ दिया। दीपक के पिता रामप्रकाश रिटायर्ड फौजी हैं, वे दिल्ली में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं।
अस्पताल में घायल छात्रों का इलाज करते डॉक्टर।
सीएचसी इंचार्ज जोगेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया- दीपक, सचिन और लोकेंद्र गंभीर हालत में सीएचसी लाए गए थे। लोकेंद्र ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। प्राथमिक उपचार के बाद सचिन, अजवीर और दीपक को भरतपुर रेफर किया था।
हादसे के बाद मौके पर पड़ी बाइक और कार।
एसआई रमेश चंद्र ने बताया- लोकेंद्र का पोस्टमॉर्टम करा कर शव परिजनों को सौंप दिया है। कार और बाइक को जब्त कर लिया है। कारऔर बस ड्राइवर की तलाश की जा रही है।
मृतक छात्र के परिजनों को चुप करवाते हुए ग्रामीण।
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