67,000 करोड़ से कौन से 97 ‘फाइटर’ खरीदने को तैयार इंडियन एयरफोर्स
साल 2021 में 83 तेजस जेट विमान खरीदने के लिए भारतीय वायुसेना ने एचएएल के साथ डील की थी. अब अगर 97 फाइटर जेट खरीदने की डील को मंजूरी मिल जाती है तो 180 तेजस जेट शामिल हो जाएंगे.
भारतीय वायुसेना 97 और स्वदेशी फाइटर जेट तेजस खरीदने की योजना बना रही है. शनिवार (25 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस की उड़ान भरी थी. प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके तेजस की खूब तारीफ की और स्वदेशी क्षमताओं पर भी भरोसा जताया. पीएम मोदी की ओर से तारीफ मिलने के बाद एयरफोर्स 97 स्वदेशी तेजस खरीदने पर विचार कर रही है.
तेजस LCA Mk1A जेट खरीदने के लिए एयरफोर्स ने प्रोपोजल दिया है. 7 बिलियन डॉलर यानी 67,000 करोड़ रुपये में यह जेट खरीदे जाएंगे. हालांकि, अभी रक्षा मंत्रालय की ओर से मंजूरी मिलना बाकी है. रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Auisition Council, DAC) डिफेंस डील पर आखिरी फैसला लेती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसके अध्यक्ष हैं. 30 नवंबर को डीएसी की मीटिंग होनी है, जिसमें तेजस खरीदने के प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा.
2024 में शामिल होंगे 83 तेजस जेट
भारतीय वायुसेना पहले से ही तेजस एमके1 जेट के दो स्क्वाड्रन का संचालन कर रही है, जिसमें प्रारंभिक और अंतिम ऑपरेशनल क्लीयरेंस वेरिएंट के 20-20 स्क्वाड्रन शामिल हैं. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति से मंजूरी के बाद, 83 एलसीए एमके1ए वेरिएंट के लिए 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऑर्डर फरवरी 2021 में एचएएल को दिया गया था, जिनकी 2024 तक डिलीवरी हो सकती है. इनका इस्तेमाल 1960 के सोवियत काल के मिग-21एस की जगह किया जाएगा. 83 तेजस खरीदने के लिए 46,898 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट किया गया है और अब एयरफोर्स 97 और तेजस जेट विमान खरीदने की योजना बना रही है. अगर प्रोपोजल को मंजूरी मिल जाती है तो 180 तेजस जेट शामिल हो जाएंगे.
आने वाले समय में वायु सेना का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा तेजस
83-जेट ऑर्डर में LCA Mk1A के सात ट्रेनर वेरिएंट भी शामिल थे. इस तरह तेजस विमान का यह सेट भारतीय वायुसेना के कम से कम चार लड़ाकू स्क्वाड्रनों को हथियारों से लैस करने के लिए पर्याप्त होगा. अगर 97 तेजस जेट खरीदने के लिए भी मंजूरी मिल जाती है तो ये अतिरिक्त तेजस विमान अन्य पांच लड़ाकू स्क्वाड्रन के लिए पर्याप्त होंगे. इस तरह तेजस आने वाले सालों में भारतीय वायुसेना की लड़ाकू ताकत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाएगा, जिसमें 42 स्वीकृत लड़ाकू स्क्वाड्रनों में से कम से कम दस स्क्वाड्रन स्वदेशी लड़ाकू जेट का संचालन करेंगे.
भारत के तेजस जेट को खरीदने के लिए लाइन में खड़े कई देश
भारत के तेजस जेट खरदीने में कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है. एचएएल अर्जेंटीना, नाइजीरिया, फिलीपींस और मिस्त्र को तेजस एक्सपोर्ट करने की संभावना तलाश रहा है. इनके रक्षा मंत्री तेजस जेट की खूबियों से काफी प्रभावित हैं. वो बात अलग है कि अभी तक किसी भी देश की तरफ से डील फाइनल नहीं हुई है. अर्जेंटीना के रक्षा मंत्री जोर्ज ताएना ने एचएएल में तेजस जेट की खूबियों को जायजा लिया. हालांकि, ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि अर्जेंटीना दक्षिण अमेरिका के F-16s से ज्यादा प्रभावित है और इसकी डील भी कर सकता है.
नाइजीरिया ने भी तेजस को लेकर दिलचस्पी दिखाई है. हाल ही में एचएएल के इंजीनियर 12 तेजस जेट की डील के लिए फिलीपींस के मनीला भी गए थे. हालांकि, फिलीपींस की दक्षिणी कोरिया के FA-50 फाइटर जेट को लेकर भी बात चल रही है इसलिए तेजस की डील को लेकर संशय बना हुआ है. इन देशों के साथ भले ही जिस भी वजह से डील रुकी हो लेकिन ये सभी देश तेजस को लेकर काफी प्रभावित हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया ने भी हल्के विमान तेजस में दिलचस्पी दिखाई है.
हल्के वजन में कारगर लड़ाकू विमान
तेजस जेट विमान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये हल्के वजन का कारगर लड़ाकू विमान है. इसकी बॉडी एल्युमीनियम, लीथियम एलॉय, कार्बन फाइबर कंपोजिट्स और टाइटेनियम एलॉय स्टील से बनाया गया है. इसका वजन सिर्फ 6,560 किलोग्राम है. यह 1.6 मैक की स्पीड से उड़ान भरता है. इसके अलावा, इसकी लैंडिंग और टेक ऑफ के लिए कम जगह की जरूरत होती है. इसमें लगे रडार के कारण यह हवा से हवा और हवा से जमीन में वार करने में कारगर है. हर तरह के मौसम में यह काम कर सकता है और इसके 50 फीसदी कलपुर्जों की मैनुफेक्चरिंग भारत में ही हुई है.
पीएम मोदी ने की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में तेजस से उड़ान भरी थी. तेजस से उड़ान भरने के बाद पीएम मोदी ने इसकी तारीफ की और कहा, ‘मैं आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं. भारतीय वायुसेना, DRDO और HAL के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं.’
18 साल पहले शुरू हो गई थी तेजस को वायु सेना में शामिल करने की तैयारी
साल 1983 में ही तेजस जेट को वायु सेना में शामिल करने की तैयारी शुरू हो गई थी. इसे बनाने के पीछे एक मकसद तो रूसी फाइटर जेट मिग-21 के विकल्प में नया फाइटर जेट तैयार करना था और दूसरा हल्का फाइटर जेट बनाना. जनवरी, 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में तेजस ने पहली उड़ान भरी थी. उन्होंने ही एलसीए को तेजस नाम दिया था. उन्होंने कहा था कि तेजस एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब चमक होता है.
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