वायु प्रदूषण का मामला:उद्यमी 7 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से सर्विस चार्ज देते हैं : उद्योग संघ झूठ बोलते हैं, सर्विस चार्ज के 7 करोड़ बकाया पड़े
बीकानेर
खारा गांव में पीओपी इंडस्ट्रीज के प्रदूषण को लेकर विवाद बढ़ गया है। औद्योगिक क्षेत्र में सफाई व्यवस्था, सड़क और रोड लाइट के मुद्दे को लेकर उद्यमी और रीको अधिकारी आमने-सामने हो गए हैं। उद्यमियों का कहना है कि प्रदूषण को कम करने के लिए वे हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एरिया में साफ सफाई की जिम्मेदारी रीको की है, जो नहीं की जा रही है। इसके लिए हर साल उद्यमी 7 से 12 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से अपने भूखंड का सर्विस चार्ज भी दे रहे हैं। जबकि रीको का कहना है कि यह झूठ है।
उद्यमियों पर सर्विस चार्ज के सात करोड़ रुपए से अधिक बकाया पड़े हैं। इस साल 80 लाख रुपए की रिकवरी निकाली है। उद्योग संघ को सूची भेजकर वसूली के लिए कहा तो पीछे हट गए। बहरहाल रीको उद्योगिक क्षेत्र में सुविधाओं को लेकर मामला गरमा गया है। खारा, बीछवाल, करणी औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कें टूटी पड़ी हैं। फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।
करणी विस्तार में फैक्ट्रियों से निकलने वाला कैमिकल युक्त पानी कई बीघा में फैला हुआ है। कृषि विश्वविद्यालय परिसर तक के बुरे हालात हैं। प्रदूषण के मामले में एनजीटी रीको पर चार करोड़ से अधिक की पेनल्टी लगा चुका है। वायु प्रदूषण कम करने को लेकर गुरुवार को खारा उद्योग संघ की मीटिंग भी हुई। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों से बातचीत की।
रीको उद्योग संघ ने लिए प्रदूषण कम करने के लिए ये फैसले
1. शाम को 4.30 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक फैक्ट्रियां बंद रहेंगी। 2. ग्रामीणाें के सहयोग से पौधरोपण और सफाई अभियान चलाया जाएगा। 3. रीको पर दबाव बनाकर सड़कों की मरम्मत तथा सफाई का काम कराया जाएगा। 4. सभी फैक्ट्री मालिक अपने परिसर और सड़क पर पानी का छिड़काव कराएंगे।
परविंदर सिंह ने कहा- सफाई रीको की जिम्मे है, सड़कें तक उखड़ चुकी है खारा उद्योग संघ के अध्यक्ष परविंदर सिंह का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र में सफाई, मेंटिनेंस, सड़क, पानी, बिजली, गंदे पानी की निकासी आदि मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराना रीको का काम है। इसके बदले रीको हमसे 7 से 12 रुपए प्रति मीटर की दर से सर्विस चार्ज वसूल रहा है। फिर भी पूरा एरिया बदहाल है। रास्तों पर पीओपी का पाउडर बिखरा रहता है, जिसकी सफाई तक नहीं कराई जाती। इतने सालों में आज तक एरिया में झाडू नहीं लगी।
किंकर के पेड़ ही पेड़ हो गए हैं। झाड़ियों के कारण रास्ते अवरुद्ध हो जाते हैं। रात में रोड लाइट की व्यवस्था नहीं है। चोरियां होती हैं। देशभर के उद्यमी राइजिंग राजस्थान में लाखों करोड़ों का निवेश कर रहे हैं, लेकिन रीको में ऐसे हालात देखकर कौन आना चाहेगा। सफाई के लिए डीजीएम को कहते हैं तो जवाब मिलता है, निगम से बात करें।
डीजीएम ने कहा- झाड़ू लगवाना रीको का काम नहीं, सड़कों के टेंडर कर दिए हैं रीको के उप महाप्रंधक एसके गर्ग का कहना है कि झाड़ू लगाना रीको का काम नहीं है। इसके लिए नगर निगम को बजट दिया गया है। निगम टेंडर कर रहा है, जिसके तहत सफाई होगी। सड़कों पर पाउडर फैक्ट्रियों का ही है। सभी को अपना और बाहर का परिसर साफ रखना चाहिए। जहां तक सर्विस चार्ज का सवाल है तो उद्यमियों पर सात करोड़ से अधिक का सर्विस चार्ज बकाया चल रहा है। इस साल 80 लाख की रिकवरी और निकल आई है।
सर्विस चार्ज नहीं भरते और झूठ बोल रहे हैं। हमने कहा, लिस्ट भेज देते हैं। वसूली करवा दीजिए तो पीछे हट गए। सड़कों की मरम्मत के लिए 3.80 करोड़ के टेंडर कर दिए गए हैं। रीको एरिया में क्षतिग्रस्त सड़कों पर पैचवर्क का काम होगा। नालों की सफाई, बिजली के बिल व अन्य मेंटिनेंस के कार्यों पर रीको दो करोड़ रुपए खर्च कर चुका है।
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