राजनीतिक शक्ति के दुरुपयोग का आरोप: राज्यश्री कुमारी का बड़ा बयान
बीकानेर। बीकानेर के प्रतिष्ठित राजपरिवार में पारिवारिक विवाद अब राजनीतिक गलियारों में भी गूंजने लगा है। बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धिकुमारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यश्री कुमारी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर इस एफआईआर को “राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग” करार दिया और इसे उनके खिलाफ मानसिक उत्पीड़न की साजिश बताया।
एफआईआर पर राज्यश्री का पक्ष
राज्यश्री कुमारी ने कहा कि यह मामला पारिवारिक विवादों से जुड़ा है, जो पहले से ही न्यायालयों में लंबित है। उनका कहना है कि विधायक सिद्धिकुमारी ने अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल कर उनके और उनके साथियों के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज कराई है। यह एफआईआर संजय शर्मा की ओर से दर्ज करवाई गई, जिसमें सिद्धिकुमारी समेत सात लोगों पर आरोप लगाए गए हैं।
राज्यश्री ने स्पष्ट किया कि इस विवाद में देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त, बीकानेर द्वारा जारी किए गए तथाकथित आदेश को आधार बनाया गया है, जिसमें सिद्धिकुमारी को ट्रस्टी और अध्यक्षा बताया गया है। लेकिन, राज्यश्री ने कहा कि ये आदेश अंतिम नहीं हैं, क्योंकि इन पर देवस्थान आयुक्त, उदयपुर के समक्ष अपील लंबित है। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने भी देवस्थान आयुक्त को इस मामले में दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिससे सिद्धिकुमारी पर कुछ पाबंदियां लगी हुई हैं।
राजमाता की वसीयत पर सवाल
राज्यश्री कुमारी ने आगे कहा कि राजमाता सुशीला कुमारी की संपत्तियों के मामले में वैध वसीयत नहीं है। इसके चलते हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम के तहत उन्होंने अपनी हिस्सेदारी की मांग की है। उन्होंने यह भी दावा किया कि संपत्तियों को खुर्दबुर्द होने से रोकने के लिए न्यायालय द्वारा मौका कमीशन नियुक्त किया गया है। इसी के बाद बौखलाहट में यह एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
एफआईआर को बताया आधारहीन
राज्यश्री कुमारी ने इस एफआईआर को फर्जी करार दिया और इसे विधायक के पद का दुरुपयोग बताते हुए कहा कि इसके खिलाफ वह कानूनी कार्यवाही करेंगी। उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से एक आधारहीन एफआईआर है। विधायक होने का नाजायज फायदा उठाते हुए इसे दर्ज करवाया गया है।”
राजनीतिक और पारिवारिक विवादों का बढ़ता प्रभाव
इस मामले ने बीकानेर के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। राजपरिवार के पारिवारिक विवाद पहले से ही चर्चा में थे, लेकिन अब यह राजनीतिक विवाद का रूप लेता नजर आ रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या कानूनी और राजनीतिक मोड़ आते हैं।
राज्यश्री कुमारी और सिद्धिकुमारी के बीच यह विवाद न केवल राजपरिवार के अंदरूनी मामलों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पारिवारिक विवाद कैसे राजनीति में हस्तक्षेप का कारण बन सकते हैं।
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