सेना ने दिया रामस्वरूप को गार्ड ऑफ ऑनर, अंतिम संस्कार में जुटे हजारों लोग
बीकानेर। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तैनात भारतीय सेना के जवान रामस्वरूप कस्वां का अंतिम संस्कार सोमवार को सैन्य सम्मान के साथ किया गया। पांचू पंचायत समिति कार्यालय के पास नाथूसर रोड क्षेत्र में उनकी पार्थिव देह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जो देश के प्रति उनकी सेवा और बलिदान का प्रतीक है।
रामस्वरूप की मौत गोली लगने से हुई थी, जिसके बाद 25 सितंबर की रात को उनका शव बीकानेर के आर्मी एरिया में रखा गया था। इसके बाद से उनके परिजनों और समर्थकों ने अपनी मांगों के समर्थन में कैप्टन चन्द्र चौधरी स्मारक स्थल पर धरना दिया और म्यूजियम सर्किल पर जाम लगा दिया था। यह गतिरोध चार दिन तक बना रहा, जिसमें स्थानीय सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी हस्तक्षेप किया।
अंततः, प्रशासन और सेना के सहयोगात्मक प्रयासों के फलस्वरूप कलेक्टर नम्रता वृष्णि और जीओसी के बीच वार्ता हुई। इसके परिणामस्वरूप, पार्थिव देह का अंतिम संस्कार करते समय फायरिंग कर गार्ड ऑफ ऑनर देने पर सहमति बनी। इस निर्णय के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया, और रामस्वरूप की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए पांचू ले जाया गया।
अंतिम संस्कार में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में नोखा विधायक सुशीला डूडी, पूर्व मंत्री गोविन्दराम मेघवाल, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल, बिशनाराम सियाग और अन्य स्थानीय नेता शामिल रहे। इस अवसर पर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, रेंज आईजी ओमप्रकाश, एसपी कावेन्द्र सागर, एडीएम सिटी रमेश देव, एएसपी ग्रामीण प्यारेलाल शिवरान और एएसपी सिटी भी उपस्थित रहे।
रामस्वरूप की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके बलिदान को याद करते हुए लोगों ने भारतीय सेना की निस्वार्थ सेवा और देशभक्ति को सलाम किया।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि हमारे देश के वीर जवानों का बलिदान केवल उनके परिवारों के लिए नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है। रामस्वरूप का नाम हमेशा याद रखा जाएगा, और उनकी कुर्बानी हमें प्रेरित करती रहेगी।
Add Comment