जरूरत की खबर- BHEL अधिकारी हुआ हनी-ट्रैप का शिकार:हनी-ट्रैप में फंसने की 8 वजहें, इन 7 संकेतों से पहचानें फ्रॉड, रहें अलर्ट
हाल ही में भोपाल में BHEL के एक अधिकारी हनी ट्रैप का शिकार हो गए। एक ठेकेदार ने पहले उन्हें एक होटल में बुलाया, जहां उन्हें एक महिला से मिलवाया गया। फिर उनका आपत्तिजनक वीडियो बनाकर पैसे ऐंठे गए। अधिकारी ने दो किस्तों में 2.5 लाख रुपए ट्रांसफर किए और बाकी रकम चुकाने के लिए कुछ और समय मांगा। फिर ज्यादा धमकाए जाने पर अधिकारी ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की।
आज की डिजिटल दुनिया में बहुत तरह से फ्रॉड हो रहे हैं। इन्हीं में से एक तरीका है- हनी ट्रैप।
हनी ट्रैप ऐसा फ्रॉड है, जिसमें लोग एक महिला की मदद से रसूख वाले लोगों को फंसाकर संवेदनशील जानकारी से लेकर पैसे तक ऐंठते हैं। अनपढ़ तो छोड़िए, पढ़े-लिखे लोग भी इस फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं।
हनीट्रैप को लेकर आए दिन सुर्खियां बनती रहती हैं। भारत में हनी ट्रैप के और भी कई मामले सामने आए हैं। 2023 में महाराष्ट्र के एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के एक साइंटिस्ट को गिरफ्तार किया था। साइंटिस्ट पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगा। ये दरअसल एक ‘हनी ट्रैप’ था, जिसमें उन्हें फंसाने वाली महिला दरअसल एक पाकिस्तानी एजेंट थी।
साल 2023 में UN ह्यूमन राइट्स ने भी हनी ट्रैप पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, संगठित अपराधियों के गैंग ने दक्षिण पूर्व एशिया में हजारों लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया था। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में हनी ट्रैप से करीब 64 हजार करोड़ रुपए वसूले गए।
इसलिए आज ‘जरूरत की खबर’ में हम बात करेंगे हनी ट्रैप की और जानेंगे कि–
- इस तरह के फ्रॉड से बचा जा सकता है।
- हनी ट्रैप के संकेतों को कैसे पहचानें।
एक्सपर्ट– ईशान सिन्हा, साइबर एक्सपर्ट, नई दिल्ली
डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, मनोचिकित्सक, भोपाल
सवाल- हनी ट्रैप क्या होता है?
जवाब- हनी ट्रैप फ्रॉड में एजेंट द्वारा किसी महिला के जरिए अमीर इंसान या बड़े पद पर बैठे अधिकारियों को अपने जाल में फंसाया जाता है। ताकि वो उनसे कोई खुफिया जानकारी निकलवा सके या फिर पैसों की मांग कर सके। हनी ट्रैप का शिकार बना रहे व्यक्ति को आपसे पैसा या इंफॉर्मेशन या दोनों चीजें चाहिए हो सकती हैं। वे पहले हनी ट्रैप का शिकार बनाने वाले व्यक्ति को ट्रैक करते हैं, उसकी कमजोरियों के बारे में पता लगाते हैं और फिर उसे अपने जाल में फंसाते हैं।
दुनिया में पहली बार ‘हनीट्रैप’ शब्द का इस्तेमाल ब्रिटिश उपन्यासकार जॉन ली कैरी ने किया था। उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल अपने उपन्यास ‘टिंकर टेलर सोल्जर स्पाई’ (1974) में किया। इसके बाद से यह शब्द दुनिया की खुफिया एजेंसियों और मीडियाकर्मियों के साथ-साथ आम लोगों में भी काफी पॉपुलर हो गया।
सवाल- किन कारणों से पढ़े-लिखे लोग भी हनी ट्रैप में फंस जाते हैं?
जवाब- इस तरह के ट्रैप में फंसने का सबसे बड़ा कारण मानवीय कमजोरियां, वलनरेबिलिटी या फिर मूर्खता होती है। और सच पूछिए तो इन सारी चीजों का पढ़ा-लिखा होने या किसी गंभीर, जिम्मेदार पद पर बैठे होने से कोई वास्ता नहीं है। हनी ट्रैप का शिकार वही होता है, जिसके पास या तो पैसा है या फिर इंफॉर्मेशन। यानी आपके पास कुछ ऐसा है, जो दूसरे व्यक्ति को चाहिए। वो सीधे तरीके से आपसे मांग नहीं सकता तो आपको अपने जाल में फंसाएगा, मजबूर करेगा।
नीचे ग्राफिक में देखिए कि किस तरह के लोगों के हनी ट्रैप का शिकार होने के चांस ज्यादा होते हैं–
सवाल- किन-किन तरीकों से हनी ट्रैप हो सकता है?
जवाब- हनी ट्रैप के कई तरीके होते हैं। इनमें सोशल मीडिया, ऑनलाइन डेटिंग, वर्चुअल हनी ट्रैप शामिल हैं। हनी ट्रैप में फंसाने वाले ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स से लेकर सोशल मीडिया ऐप्स तक का इस्तेमाल करते हैं। सबसे पहले वे खुद को आकर्षक और सफल व्यक्ति के रूप में पेश करते हैं और सामने वाले का विश्वास जीतते हैं। फिर उन्हें अपने जाल में फंसाते हैं।
सवाल- हनी ट्रैप जैसे फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है?
जवाब- लोगों को किस चीज की चाहत होती है। प्यार, सेक्स, पैसा। इसलिए किसी भी व्यक्ति को बेसिक कॉमन सेंस और समझदारी के साथ-साथ अपनी कमियों और कमजोरियों को भी आइडेंटीफाई करने की जरूरत है।
मान लीजिए कि सोशल मीडिया पर आपको कोई लड़की मिली। आपसे मीठी-मीठी बातें कीं। वो सब किया, जो आप चाहते हैं। बात वीडियो कॉल तक पहुंच गई। अब वीडियो कॉल पर वो ऑन डिमांड आपकी इच्छाएं पूरी कर रही है। आप तो सिर्फ आनंद ले रहे थे, लेकिन उसने आपका वीडियो बना लिया और अब उसे वायरल करने की धमकी देकर आपको ब्लैकमेल कर रही है।
यहां गलती किसकी है? उस महिला की कि वो फ्रॉड है। या फिर आपकी कि आप इतने कमजोर और अज्ञानी हैं। आप ऐसी मूर्खता में फंसे ही कैसे।
नीचे पॉइंटर्स में जानें कि हनी ट्रैप जैसे फ्रॉड से बचने के किन बातों का ख्याल रखना चाहिए–
सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते वक्त रहें सावधान
हनी ट्रैप में फंसाने वाले लोग ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके अपना शिकार ढूंढते हैं। वे अपने शिकार के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं और फिर उनसे संपर्क करते हैं। कई लोग अनजान लोगों से सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती कर लेते हैं। फिर कहानी दोस्ती, प्रेम से होकर ब्लैकमेलिंग तक पहुंच जाती है।
किसी अनजान व्यक्ति से होटल या अकेले में मिलने से बचें
कुछ दलाल भी हनी ट्रैप के गेम में शामिल हो सकते हैं। इसलिए किसी भी होटल, गेस्ट हाउस या अकेले में अनजान लोगों से बिलकुल न मिलें। अगर मिलना जरूरी है तो सिर्फ पब्लिक प्लेस, कैफे रेस्तरां में ही मिलें। पब्लिक प्लेस पर भी अचानक टकरा गए किसी अनजान से दोस्ती न करें। उसकी ऑफर की कोई ड्रिंक, चाय, कॉफी न पिएं।
डेटिंग ऐप पर भी रहें सावधान
आजकल डेटिंग ऐप का इस्तेमाल भी इस तरह के फ्रॉड के लिए धड़ल्ले से हो रहा है। इसलिए डेटिंग ऐप को लेकर भी बहुत सावधान रहने और नीचे लिखी बातों का ख्याल रखने की जरूरत है–
- डेटिंग ऐेप पर मिले किसी व्यक्ति का डिजिटल फुटप्रिंट चेक करें। क्या वह सोशल मीडिया एप्स पर है। उसकी प्रोफाइल कितनी रिअल है। वह कहां जॉब करता है। उसके बारे में गूगल करके उससे जुड़ी हर जानकारी जुटा लें।
- डेटिंग ऐप पर मिले व्यक्ति से पहली मुताकात पब्लिक प्लेस पर सिर्फ चाय और कॉफी के लिए होनी चाहिए।
- पहली मुलाकात में शराब न पिएं। उसकी ऑफर की कोई चीज न खाएं।
- अगर बातचीत में थोड़ा भी शुबहा लगे या कुछ अजीब महसूस हो तो तुरंत वहां से चले जाएं।
- अगर आप अकेले हैं, सेक्शुअली डिप्राइव्ड हैं, आपको रिलेशनशिप की जरूरत है और आप बहुत डेसपेरेटली ये चीजें ढूंढ रहे हैं, तभी आपके इस तरह के हनी ट्रैप में फंसने के ज्यादा चांस हैं। इसलिए प्लीज, किसी काउंसलर से बात करें। अपनी समस्याएं शेयर करें। दुख और अकेलेपन के कारण फ्रॉड में न फंसे। अकेलेपन से उबरने का क्रिएटिव तरीका ढूंढें।
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