भारत-ईरान चाबहार पोर्ट समझौता दुनिया के लिए बना सीक्रेट, पाकिस्तानी कर रहे तारीफ, भड़क सकता है अमेरिका
Chabahr Port Deal US Sanctions: चाबहार पोर्ट को लेकर भारत और ईरान के बीच हुआ समझौता अब दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। ईरान ने खुलासा किया है कि चाबहार समझौते का एक बड़ा हिस्सा गोपनीय रखा गया है। ऐसा अमेरिकी प्रतिबंधों के खतरे को देखते हुए भारत ने किया है। इसको लेकर पाकिस्तानी भारत की तारीफ कर रहे हैं।
हाइलाइट्स
- भारत और ईरान के बीच चाबहार समझौता पूरे इलाके के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है
- भारत इस डील के बाद अब रूस तक आसानी से माल भेज सकेगा और अफगानिस्तान को फायदा
- भारत के साथ हुए चाबहार बंदरगाह समझौते के कुछ हिस्से को गोपनीय रखा गया है
तेहरान: भारत और ईरान के बीच चाबहार बंदरगाह के लिए हुआ समझौता न केवल दोनों देशों बल्कि पूरे इलाके के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। भारत इस डील के बाद अब रूस तक आसानी से माल भेज सकेगा। वहीं अफगानिस्तान के लिए भी अब ब्लैकमेल करने वाले पाकिस्तान पर से निर्भरता घटाने का बड़ा मौका मिल गया है। वहीं अब ईरान के बंदरगाह संगठन के प्रमुख ने खुलासा किया है कि भारत के साथ हुए चाबहार समझौते के कुछ हिस्से को गोपनीय रखा गया है। ईरानी अधिकारी का कहना है कि इसका उद्देश्य अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण होने वाली समस्याओं से बचना है। इस खुलासे के बाद जहां पाकिस्तानी विशेषज्ञ भारत के रुख की तारीफ कर रहे हैं, वहीं अमेरिकी विश्लेषक इससे बौखलाए हुए हैं।
ईरानी अधिकारी अली अकबर साफेई ने ईरानी मीडिया के साथ बातचीत में शनिवार को कहा, ‘भारतीय ऑपरेटर के साथ हुए समझौते को गोपनीय नहीं रखा गया है लेकिन इसके कुछ हिस्से जरूर गोपनीय हैं।’ इससे पहले एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में ईरानी अधिकारी अली अकबर ने चाबहार पोर्ट में भारत की भविष्य की गतिविधियों के बारे में कुछ भी जानकारी बताने से इंकार कर दिया था। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका है कि चाबहार पोर्ट समझौते की सारी डिटेल को मीडिया को बताया गया तो भारत अमेरिका के दबाव में आ सकता है।
चीन के ग्वादर पोर्ट का जवाब है चाबहार बंदरगाह
इस पोर्ट में कुल 25 करोड़ डॉलर का निवेश किया जाना था। अब ताजा समझौते के बाद यह निवेश अब 37 करोड़ डॉलर तक हो सकता है। ईरान भी इस बंदरगाह को लेकर बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। इस पोर्ट को जोड़ने के लिए रेल और सड़क मार्ग बनाए जा रहे हैं। आगे चलकर इसे रूस तक के लिए बनाए जा रहे कॉरिडोर का आधार बनाने की तैयारी है। भारत को साल 2018 में चाबहार पोर्ट के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों में छूट मिली थी। हालांकि अब अमेरिका इससे पलट रहा है। भारत और ईरान के बीच इस सीक्रेट डील की पाकिस्तान की चर्चित पत्रकार मरियाना बाबर ने तारीफ की है।
पाकिस्तानी कर रहे तारीफ, अमेरिकी भड़के
मरियाना बाबर ने ट्वीट करके कहा, ‘अगर आप वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो तो आप अमेरिका की आंखों में आंख डालकर देख सकते हो और रूस से प्रतिबंधित तेल भी खरीद सकते हो। साथ ही ईरान के साथ प्रतिबंधों के बाद भी व्यापार कर सकते हो। वहीं ईरान पाकिस्तान गैस पाइपलाइन प्रॉजेक्ट…’ बता दें कि पाकिस्तान ईरान के साथ गैस पाइपलाइन बनाना चाहता है लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों की डर से वह ऐसा नहीं कर पा रहा है। पाकिस्तान पर अरबों डॉलर के हर्जाने का डर सता रहा है। वहीं अमेरिकी विश्लेषक डेरेक ग्रॉसमैन कहते हैं कि भारत संभवत: अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने के लिए चाबहार पोर्ट समझौते को छिपा रहा है। अगर यह सही है तो यह अमेरिका और भारत के पहले से ही खराब चल रही रणनीतिक भागीदारी में एक और तनाव का बिंदू हो सकता है।
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