
हाफिज सईद का करीबी अबु कताल सिंघी की पाकिस्तान में हत्या हो गई
PAK में भारत के दुश्मन का सफाया: लश्कर के मोस्ट वांटेड आतंकी अबु कताल की हत्या, रियासी हमले का था मास्टरमाइंड
नई दिल्ली। पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मोस्ट वांटेड आतंकी अबु कताल की हत्या कर दी गई है। शनिवार रात को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के झेलम इलाके में अज्ञात हमलावरों ने अबु कताल पर गोलियां बरसाईं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अबु कताल को हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाता था और उसे लश्कर का ऑपरेशनल कमांडर बनाया गया था।

भारत में कई आतंकी हमलों को दिया था अंजाम
अबु कताल न केवल लश्कर का एक प्रमुख आतंकवादी था, बल्कि उसने भारत में कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया था। 9 जून 2024 को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी वही था। इस हमले में कई निर्दोष श्रद्धालुओं की जान गई थी और दर्जनों घायल हुए थे। इसके अलावा, 2023 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुए आतंकी हमले के पीछे भी अबु कताल का ही हाथ था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अबु कताल को वांटेड घोषित कर रखा था और उस पर बड़े इनाम की घोषणा भी की गई थी। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, अबु कताल जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहा था और हाफिज सईद के सीधे संपर्क में था।
गुलाम कश्मीर के झेलम में मारा गया अबु कताल
सूत्रों के अनुसार, शनिवार रात करीब 8 बजे झेलम में अज्ञात हमलावरों ने अबु कताल पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे वह मौके पर ही ढेर हो गया। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस हत्या के पीछे कौन है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि यह या तो पाकिस्तान की आंतरिक गुटबाजी का नतीजा हो सकता है या फिर भारतीय एजेंसियों द्वारा किए गए किसी ऑपरेशन का हिस्सा।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में पाकिस्तान में कई भारत विरोधी आतंकी मारे गए हैं। कुछ दिन पहले लश्कर का एक और टॉप कमांडर रियाज अहमद उर्फ कासिम को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। वहीं, बशीर अहमद की भी रहस्यमय तरीके से मौत हुई थी।
अबु कताल: हाफिज सईद का सबसे भरोसेमंद आतंकवादी
अबु कताल को हाफिज सईद का राइट हैंड कहा जाता था। हाफिज ने ही उसे लश्कर का ऑपरेशनल कमांडर बनाया था। वह पाकिस्तानी सेना और ISI के इशारे पर भारत में आतंकी हमलों की साजिश रचता था और घाटी में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के काम में भी जुटा था।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने कई बार अबु कताल की गतिविधियों को ट्रैक किया था, लेकिन वह हर बार पाकिस्तान में ISI की सुरक्षा में छिपा रहता था। हालांकि, अब उसकी हत्या से भारत को एक बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि वह देश के खिलाफ आतंकी साजिशों का प्रमुख सूत्रधार था।
क्या यह टारगेट किलिंग है?
अबु कताल की हत्या को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक सुनियोजित टारगेट किलिंग हो सकती है। पिछले कुछ वर्षों में, पाकिस्तान में कई वांटेड आतंकियों की रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या हो चुकी है, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि कोई न कोई इन आतंकियों को ठिकाने लगा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अबु कताल की हत्या या तो भारतीय खुफिया एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई हो सकती है या फिर आतंकी संगठनों के आपसी मतभेद और पाकिस्तानी सेना-ISI के आंतरिक संघर्ष का नतीजा।
आतंकी संगठनों में डर का माहौल
अबु कताल की हत्या के बाद पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के बीच दहशत का माहौल बन गया है। हाल के दिनों में पाकिस्तान में कई बड़े आतंकियों की हत्या हुई है, जिससे यह साफ होता है कि या तो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां इन आतंकियों को खत्म कर रही हैं या फिर भारत की खुफिया एजेंसियां अपने दुश्मनों को निशाना बना रही हैं।
अब देखना होगा कि अबु कताल की मौत के बाद लश्कर-ए-तैयबा और हाफिज सईद की अगली रणनीति क्या होगी। लेकिन इतना तय है कि अबु कताल की हत्या से भारत को एक बड़ी राहत मिली है और यह आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
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