दिल्ली में ISIS मॉड्यूल…घर में बम बनाया, यमुना किनारे टेस्टिंग:मुंबई-अहमदाबाद तक रेकी, बैंक अकाउंट के लिए बसंती को मरियम बनाया
22 अगस्त, 2024
दिल्ली पुलिस की टीमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश और झारखंड पहुंचीं। तीनों राज्यों से 14 लोग हिरासत में लिए और दावा किया ये सभी आतंकी संगठन अलकायदा के मॉड्यूल से जुड़े हैं। इनका सरगना डॉ. इश्तियाक झारखंड की राजधानी रांची का रहने वाला है। इश्तियाक एक हॉस्पिटल में रेडियोलॉजिस्ट था।
9 अगस्त, 2024
दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS के आतंकी रिजवान अली को अरेस्ट किया। रिजवान दिल्ली के दरियागंज का रहने वाला है। वो 12वीं तक पढ़ा है। रिजवान का साथी शाहनवाज आलम 2023 में अरेस्ट हुआ था। 31 साल का शाहनवाज झारखंड के हजारीबाग का रहने वाला है।
रिजवान और शाहनवाज नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल थे। एजेंसी ने दोनों पर 3-3 लाख रुपए का इनाम रखा था।
14 दिन में दिल्ली पुलिस ने दो बड़े आतंकी संगठनों के मॉड्यूल को पकड़ा है। ISIS मॉड्यूल के रिजवान और शाहनवाज के बारे में जानकारी जुटाई। दिल्ली पुलिस की इंटरनल रिपोर्ट से पता चला कि दोनों 2016 से साथ थे। अलग-अलग राज्यों में जाकर बम ब्लास्ट करने की प्रैक्टिस कर रहे थे। बम के लिए मेहंदी कोडवर्ड इस्तेमाल करते थे।
दोनों यूपी, उत्तराखंड, झारखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में नेटवर्क तैयार कर रहे थे। इन लोगों ने बसंती नाम की नर्सिंग स्टूडेंट का धर्म बदलवाकर अपने मॉड्यूल में शामिल किया था। पढ़िए रिजवान और शाहनवाज के बारे में क्या-क्या सामने आया है।
पाकिस्तान में ISI से जुड़े बाबर से कॉन्टैक्ट में था रिजवान
पुलिस रिजवान अली को डेढ़ साल से तलाश कर रही थी। रिजवान 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ा है। वो सोशल मीडिया के जरिए लड़कों को जिहादी बना रहा था। एप के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े फरहतुल्लाह बाबर से बात करता था। पिछले 3 साल में रिजवान और शाहनवाज गुजरात से लेकर मुंबई तक कई इलाकों में रेकी कर चुके थे।
इमरान और यूनुस से पूछताछ में शाहनवाज-रिजवान का नाम आया
दिल्ली पुलिस ने शाहनवाज आलम को 2 अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने एक रिपोर्ट बनाई थी। रिपोर्ट में शाहनवाज और रिजवान की डिटेल है।
शाहनवाज से पहले, जुलाई 2023 में पुणे में दो लोग इमरान खान और यूनुस खान अरेस्ट किए गए थे। दोनों ISIS मॉड्यूल के लिए काम कर रहे थे। इमरान और यूनुस से पूछताछ में ही शाहनवाज और रिजवान का नाम पता चला था।
शाहनवाज माइनिंग इंजीनियर, दिल्ली में रिजवान से मिला
पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015-16 से रिजवान अली का झुकाव कट्टरपंथ की तरफ होने लगा था। वो सोशल मीडिया पर अपने जैसी सोच वाले लोगों से जुड़ने लगा। 2016 में शाहनवाज पढ़ने के लिए दिल्ली आ गया। यहां पहली बार रिजवान से मिला। दोनों अच्छे दोस्त बन गए।
2016 में दिल्ली के शाहीन बाग में धार्मिक संस्था वहदत-ए-इस्लामी की मीटिंग हुई थी। इसी में शाहनवाज और रिजवान मिले थे। दोनों ISIS की सोच वाले टेलीग्राम चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव थे।
दिल्ली आने से पहले शाहनवाज ने अप्रैल, 2016 तक NIT नागपुर से माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। शाहनवाज और रिजवान दोनों हिजरत के लिए जाना चाहते थे। हिजरत का मतलब है अपना देश छोड़कर दूसरे देश में बस जाना। शाहनवाज और रिजवान हिजरत के लिए फंड जुटाने लगे। इसके लिए चोरी और लूटपाट भी करने लगे।
शाहनवाज इस्लामिक धर्म प्रचारक अनवर के वीडियो देखता था
दिल्ली स्पेशल सेल की इंटरनल रिपोर्ट में दावा है कि शाहनवाज इस्लाम का प्रचार करने वाले अनवर अल-अवलाकी को फॉलो करता था। उसके वीडियो देखता था। वहीं से उसके दिमाग में कट्टरता पनपी थी। अनवर के सैकड़ों वीडियो यूट्यूब पर बैन कर दिए गए हैं।
अनवर अमेरिका में पैदा हुआ। बाद में यमन शिफ्ट हो गया था। वहीं अलकायदा से जुड़ा। 2011 में अमेरिका के ड्रोन हमले में इसकी मौत हो गई थी।
पेशे से लेक्चरर अनवर अल-अवलाकी अमेरिकी नागरिक था। उस पर ड्रोन स्ट्राइक के ऑर्डर तब अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने दिए थे। वो पहला ऐसा यूएस सिटीजन था, जिसकी मौत अमेरिकी सरकार के आदेश पर हुए हमले में हुई।
पैसों की जरूरत पड़ी तो चोरी-लूटपाट करने लगे रिजवान और शाहनवाज
कॉलेज की पढ़ाई के बाद शाहनवाज को नौकरी नहीं मिली। उसे पैसों की जरूरत थी, इसलिए वो चोरी और लूटपाट जैसे क्राइम करने लगा। उस पर हजारीबाग में 6 से ज्यादा क्रिमिनल केस दर्ज हुए। वहां से भागकर वो दिल्ली आ गया। यहीं उसे रिजवान का साथ मिला। दोनों मिलकर चोरी करने लगे।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2020 में शाहनवाज और रिजवान ने एक बाइक चुराई थी। दोनों बाइक लेकर हजारीबाग गए थे। जून और जुलाई, 2022 में पुणे में शाहनवाज और रिजवान का नाम बाइक चोरी में आया। इसके बाद रिजवान फरार हो गया था।
2018 में पुलिस ने पकड़ा, पूछताछ के बाद छोड़ दिया
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की रिपोर्ट के अनुसार, रिजवान और शाहनवाज शाहीन बाग में कट्टरपंथी संगठन हिज्ब उत तहरीर के कार्यक्रम में जाते थे। यहां इस्लामिक लेक्चर होते थे। रिजवान अली पर दिल्ली पुलिस को पहले से शक था। 2018 में स्पेशल सेल ने उससे पूछताछ की थी।
तब रिजवान का बैकग्राउंड पता नहीं चला था, इसलिए पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया था। उसकी काउंसलिंग भी की गई थी। परिवार को समझाया गया था कि उसे कट्टरपंथी विचारधारा से दूर रखा जाए। रिजवान से पुलिस ने पूछताछ की है, इसका पता चलते ही शाहनवाज दिल्ली से भागकर हजारीबाग चला गया। हालांकि दोनों एक दूसरे के कॉन्टैक्ट में बने रहे।
टेलीग्राम चैनल पर अफगानिस्तानी हैंडलर्स से जुड़े
पुलिस की इंटेरोगेशन रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में शाहनवाज और रिजवान एक टेलीग्राम चैनल से जुड़े थे। इसका एडमिन जमाल अफगानिस्तान का रहने वाला था, लेकिन सीरिया से टेलीग्राम चैनल चला रहा था। जमाल इनका ब्रेनवॉश करता था।
फरवरी, 2018 में जंग के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद रिजवान और शाहनवाज अफगानिस्तान के हुजाइफा बाकिस्तानी और कासिम खुरासानी के संपर्क में आए।
रिजवान ने घर छोड़ा, शाहनवाज के साथ बटला हाउस एरिया में रहने लगा
2020 में रिजवान ने दिल्ली के बटला हाउस के जाकिर नगर में फ्लैट ले लिया। जनवरी, 2021 में शाहनवाज भी उसके साथ रहने आ गया था। चोरी और लूट के मामलों में शाहनवाज हजारीबाग की जेल में 7-8 महीने रहा था। दिसंबर, 2020 में वो जेल से छूटा था। शाहनवाज के दिल्ली आने के बाद वो और रिजवान अबू सुलेमान के कॉन्टैक्ट में आए। सुलेमान भी ISIS से प्रभावित था।
धर्म बदलकर बसंती से मरियम बनी लड़की से शादी की
पुलिस के मुताबिक, शाहनवाज और रिजवान को फंडिंग के लिए एक बैंक अकाउंट की जरूरत थी। इसके लिए इन्होंने एक हिंदू लड़की को टारगेट किया, जिसने धर्म परिवर्तन किया था। शाहनवाज ने उससे शादी कर ली। लड़की का नाम बसंती पटेल था और वो छत्तीसगढ़ की रहने वाली थी। रायगढ़ से उसने 12वीं की पढ़ाई की और 2016 में मेडिकल की तैयारी के लिए कोटा चली गई।
उसी समय बसंती की दोस्ती एक मुस्लिम लड़की से हुई। उस लड़की का एडमिशन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हो गया। वो बीएससी नर्सिंग कर रही थी। लड़की अलीगढ़ आई, तो उसने बसंती को भी तैयारी के लिए अलीगढ़ बुला लिया। एक गेस्ट हाउस में दोनों साथ रहने लगीं।
2017 में बसंती को भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नर्सिंग कोर्स में एडमिशन मिल गया। कुछ दिनों बाद बसंती ने धर्म परिवर्तन कर लिया। उसने ये बात परिवार से छिपाकर रखी। 2018 में बसंती दिल्ली आई। यहां उसने अपना नाम खादिजा मरियम रख लिया।
2020 में लॉकडाउन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का हॉस्टल बंद हो गया। बसंती एक पेइंग गेस्ट में रहने लगी। इसे हैरिस फारूक चलाता था। फारूक की रिजवान से पहचान थी। उसने रिजवान को अलीगढ़ बुलाया। रिजवान शाहनवाज के साथ अलीगढ़ पहुंचा। सभी ने मिलकर बसंती उर्फ खादिजा मरियम को शाहनवाज से शादी के लिए तैयार किया।
मार्च, 2021 में दोनों की शादी करा दी गई। दो महीने अलीगढ़ में रुकने के बाद दोनों दिल्ली लौट गए। सभी बाटला हाउस में रहने लगे और करीब 4-5 महीने यहां रहे। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में दावा है कि बसंती उर्फ खादिजा से शादी करने की असली वजह उसके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करना था। उसी के बैंक अकाउंट से शाहनवाज पैसों का लेनदेन करता था।
अलीगढ़ में मिला बम बनाने का फॉर्मूला
दिल्ली स्पेशल सेल की रिपोर्ट के मुताबिक, शाहनवाज और रिजवान अलीगढ़ गए थे, तभी फारूक ने उन्हें एक लैपटॉप और पेन ड्राइव दी थी। उस पेन ड्राइव में PDF फाइलें थीं, जिनमें जिहाद के लिए उकसाने वाला मटीरियल और केमिकल एक्सप्लोसिव बनाने का तरीका था। IED से जुड़ी जानकारियां भी थीं।
इन जानकारियों को पढ़ने के बाद इन्होंने लैपटॉप और पेन ड्राइव अलीगढ़ में ही छोड़ दिया था। बाद में शाहनवाज दिल्ली लौटा और सभी जानकारी रिजवान से शेयर की। दोनों ने IED बनाने की जानकारियां जुटाईं और बम बनाने में जुट गए।
शाहनवाज को मिले लैपटॉप में बम बनाने की विधि और फोटो भी थीं। इसमें कौन से केमिकल लगते हैं, किस केमिकल को कितना मिलाना और कितनी देर तक गैस पर गर्म करना है, ये जानकारी भी दी गई थी।
घर में IED तैयार की, यमुना किनारे सुनसान एरिया में ट्रायल किया
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, रिजवान और शाहनवाज ने घर पर ही मेटल पाइप वाला IED तैयार किया था। उन्होंने 3 मेटल पाइप के जरिए IED बनाया। इसकी टेस्टिंग के लिए जाकिर नगर एरिया के पास यमुना नदी के किनारे जगह चुनी। वहां दूर-दूर तक कोई नहीं रहता था। अगस्त 2021 में दोनों ने बम का टेस्ट किया, लेकिन ये फेल हो गया।
सितंबर, 2021 में दोनों उत्तराखंड के हल्दानी गए और वहां बम की टेस्टिंग की। दोनों ने एक जंगल में IED तैयार किया था। फिर उसे एक जगह रखा और 20 से 30 मीटर दूर जाकर रिमोट से ब्लास्ट कराया। ये टेस्ट कामयाब हो गया। इसके बाद दोनों दिल्ली लौट आए थे।
बड़ा धमाका कराने के लिए राजस्थान में भी टेस्ट किया
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, हल्द्वानी में किया टेस्ट कम पावर वाला था। इसलिए इन्होंने तीन किलो गैस सिलेंडर से IED जोड़कर बड़े धमाके के टेस्ट की तैयारी की। इसके टेस्ट के लिए शांत और बड़ी जगह चाहिए थी। इसके लिए दोनों ने हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर एक जगह फाइनल की। नवंबर, 2021 में उन्होंने बम का ट्रायल किया था। ये जगह हरियाणा के नूंह में है। यहीं 2023 में दंगे हुए थे।
मुंबई के नरीमन पॉइंट में रहने वाले यहूदी थे निशाने पर
अबू सुलेमान रिजवान और शाहनवाज को फंड देने के साथ ही उनसे रेकी भी कराता था। उनके टारगेट पर नरीमन पॉइंट के आसपास रहने वाले यहूदी थे। इसके लिए रिजवान और शाहनवाज ने नरीमन पॉइंट और कोलाबा के आसपास रेकी की थी। वहां की फोटो और वीडियोग्राफी भी कराई थी।
उन्होंने हमले के लिए एक जगह चुनी थी, लेकिन देखा कि वहां काफी संख्या में नेवी ऑफिस के CCTV कैमरे लगे हैं। इस वजह से वे कुछ कर नहीं पाए। दोनों के मोबाइल से नेवी ऑफिस के आसपास के नक्शे की फोटो भी मिली हैं।
गुजरात में RSS ऑफिस, BJP ऑफिस की रेकी की
रिजवान और शाहनवाज जनवरी, 2023 में गुजरात गए थे। वहां सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद में रेकी की थी। वे ट्रेन से अहमदाबाद गए थे। दो दिन रुके और रेलवे स्टेशन, सिनेमा हॉल, यूनिवर्सिटी और कई नेताओं के घर से ऑफिस आने-जाने के रास्तों की रेकी की थी। इसके लिए रेंट पर बाइक भी ली थी।
असल में वे गोधरा दंगों का बदला लेना चाहते थे। उन्होंने गांधीनगर के RSS ऑफिस, विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट समेत BJP ऑफिस की भी रेकी की थी। इसके बाद वे मुंबई लौट आए। सारे विजुअल और डिटेल अबू सुलेमान को दे दिए।
मुंबई लौटने के बाद दोनों फिर से नरीमन पॉइंट और कोलाबा पहुंचे। यहां फिर से रेकी की। इसके बाद अबू सुलेमान ने अप्रैल, 2023 में शाहनवाज और रिजवान को पुणे भेज दिया। पुणे में दोनों मीठा नगर के पास मास्टर हाइट बिल्डिंग में रुके थे।
शाहनवाज ने यहां पर IED तैयार करने की बात कही थी। इसके लिए दोनों को 3 लाख रुपए मिले थे। इससे इन्होंने एक स्पोर्ट्स बाइक, टेंट और जरूरी सामान खरीदा था।
पुणे के पास वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी में सुनसान जगह देखकर दोनों ने ठिकाना बनाया। इनके साथ कुछ नए लोग भी थे। यहां तय हुआ कि मेहंदी बनाई जाएगी। मेहंदी बम का कोड वर्ड था। बम बनाने का तरीका और फोटो शाहनवाज के फोन से मिले थे।
फिलहाल स्पेशल सेल केस की चार्जशीट तैयार कर रही है। रिजवान से पूछताछ के आधार पर उससे जुड़े लोगों की तलाश की जा रही है। पाकिस्तान लिंक पर भी काम हो रहा है, जो रिजवान को युवाओं को जोड़ने के लिए गाइड कर रहा था।
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