राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान बीकानेर के एम.एड. विद्यार्थियों का फूटा गुस्सा:परीक्षा केंद्र को लेकर गहराया विवाद
बीकानेर। शिक्षा नगरी बीकानेर के प्रतिष्ठित राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान के एम.एड. विद्यार्थियों के सामने अब परीक्षा से पहले ही एक नई परेशानी खड़ी हो गई है।
महज दो दिन पहले सोमवार को आयोजित होने वाली परीक्षा से पूर्व परीक्षा केंद्र को लेकर बवाल मच गया है। संस्थान को परीक्षा केंद्र न बनाए जाने से छात्र-छात्राएं आक्रोशित हैं और पूरे मामले ने अब प्रशासनिक लापरवाही का रूप ले लिया है।
सरकारी संस्थान को किया नजरअंदाज, निजी कॉलेज को सौंपी जिम्मेदारी
शिक्षा विभाग ने राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षण संस्थान जैसे संसाधनों से परिपूर्ण सरकारी कॉलेज को परीक्षा केंद्र न बनाकर एक निजी महाविद्यालय को परीक्षा केंद्र बना दिया है। यह निर्णय न सिर्फ चौंकाने वाला है बल्कि सरकारी संसाधनों की अनदेखी का प्रतीक भी है। बताया जा रहा है कि इस सरकारी संस्थान में बी.एड. के लगभग 300 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, लेकिन प्राचार्य के लिखित इनकार के बाद एक निजी महाविद्यालय को परीक्षा केंद्र की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
प्राचार्य पहले ही कर चुके थे असमर्थता जाहिर, फिर क्यों नहीं हुई वैकल्पिक व्यवस्था?
सूत्रों की मानें तो राजकीय उच्च अध्ययन संस्थान की प्राचार्य पहले ही लिखित में विश्वविद्यालय को सूचित कर चुकी थीं कि संस्थान वर्तमान में परीक्षा केंद्र के रूप में कार्य करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्यों असमर्थता जाहिर की गई थी?
छात्र परेशान, एडमिट कार्ड पर हस्ताक्षर भी मुश्किल
अब हालात ये हैं कि एम.एड. के छात्र अपने एडमिट कार्ड पर हस्ताक्षर कराने को लेकर भी भटक रहे हैं, क्योंकि छात्रों के विरोध के बाद संस्थान की प्रिंसिपल छुट्टी पर चली गई हैं। छात्रों का कहना है कि सोमवार को परीक्षा है और न तो उन्हें परीक्षा केंद्र को लेकर कोई स्पष्टता मिल रही है और न ही प्रशासन उनकी सुध ले रहा है।
शिक्षा निदेशालय और विश्वविद्यालय के बीच उलझा मामला
गुरुवार को नाराज विद्यार्थी शिक्षा निदेशालय तक जा पहुंचे और वहां से महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय को इस संदर्भ में फोन किया गया। हालांकि विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कथित तौर पर मामले को संज्ञान में लेने की बात कही, लेकिन अभी तक छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। न ही विश्वविद्यालय की ओर से कोई लिखित स्पष्टीकरण या वैकल्पिक निर्देश जारी किए गए हैं।
छात्रों का आरोप—”हमारे करियर के साथ हो रहा खिलवाड़”
छात्रों का कहना है कि यह पूरी स्थिति उनके भविष्य से खिलवाड़ है। “क्या एक इतना बड़ा सरकारी संस्थान 31 विद्यार्थियों के लिए भी परीक्षा केंद्र नहीं बन सकता?”—यह सवाल अब बीकानेर के शिक्षा तंत्र पर सवालिया निशान बनकर खड़ा है।
शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय से जवाब की मांग
अब छात्रों और उनके अभिभावकों की मांग है कि शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और परीक्षा से पहले सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें, जिससे एम.एड. विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य संकट में न पड़े।
यदि समय रहते समाधान नहीं हुआ, तो हो सकता है आंदोलन
सूत्रों के अनुसार छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे सोमवार से आंदोलन का रुख अपना सकते हैं, जिससे परीक्षा प्रक्रिया भी बाधित हो सकती है।
BY DEFENCE JOURNALIST SAHIL
Add Comment