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सप्त शक्ति कमांड के ज्ञान शक्ति थिंक टैंक द्वारा “रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता: राजस्थान में अवसर” पर सेमिनार का आयोजन

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सप्त शक्ति कमांड के ज्ञान शक्ति थिंक टैंक द्वारा “रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता: राजस्थान में अवसर” पर सेमिनार का आयोजन

जयपुर, सोमवार, 11 नवंबर 2024 – सप्त शक्ति कमांड जयपुर के अधीन स्थापित ज्ञान शक्ति थिंक टैंक (जीएसटीटी) ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से “रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता: राजस्थान में अवसर” विषय पर एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन जयपुर मिलिट्री स्टेशन में किया। इस उद्घाटन सेमिनार का मुख्य उद्देश्य राजस्थान में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना और राज्य में रक्षा उद्योग की क्षमता को पहचानने पर विचार-विमर्श करना था।

इस अवसर पर राजस्थान के उद्योग, वाणिज्य, आईटी और संचार मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। साथ ही, फिक्की के सह-अध्यक्ष श्री अंकित मेहता भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सप्त शक्ति कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने इस सेमिनार को संबोधित किया और सरकार के आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत राज्य की रक्षा क्षेत्र में संभावनाओं पर जोर दिया।

जीएसटीटी: वेटरन्स और रक्षा विशेषज्ञों का मंच

ज्ञान शक्ति थिंक टैंक (जीएसटीटी) सप्त शक्ति कमांड द्वारा एक पहल है, जिसका उद्देश्य वेटरन्स को एक मंच प्रदान करना है, जहां वे अपने अनुभव और ज्ञान को राष्ट्र के रणनीतिक दृष्टिकोण के निर्माण में योगदान कर सकें। जीएसटीटी रक्षा क्षेत्र से जुड़े वेटरन्स, विद्वानों, शिक्षाविदों, उद्योग जगत और सरकार को एकीकृत करते हुए क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक समर्पित मंच के रूप में काम करेगा। यह मंच सरकार के विकसित भारत @ 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप काम करते हुए वेटरन्स और अन्य विशेषज्ञों के अनुभव और कौशल को राष्ट्र निर्माण में जोड़ने का प्रयास करेगा।

राजस्थान: रक्षा मैन्युफैक्चरिंग का नया केंद्र

इस सेमिनार का एक मुख्य उद्देश्य यह था कि राजस्थान राज्य की रक्षा विनिर्माण, रखरखाव और मरम्मत क्षेत्र में संभावनाओं की पहचान की जाए। राजस्थान अपनी पश्चिमी सीमा पर दुश्मन देशों से सटा है और इसके पास अच्छी सड़कों, रेल और हवाई संपर्क के साथ पर्याप्त भूमि है, जो इसे एक महत्वपूर्ण रक्षा हब के रूप में उभरने की क्षमता प्रदान करता है। लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने राज्य की इस सामरिक स्थिति पर प्रकाश डाला और कहा कि यह पहल राज्य की औद्योगिक क्षमता को बढ़ाने और रक्षा निर्यात को प्रोत्साहन देने का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राजस्थान का यह प्रयास राज्य सरकार के राइजिंग राजस्थान पहल के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य 2029 तक 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।

राजस्थान में रक्षा उद्योग को सरकार का समर्थन

कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कार्यक्रम में थिंक टैंक के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि यह राजस्थान के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में रक्षा अनुसंधान एवं विकास अवसंरचना के विकास से रक्षा मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रयासों का समर्थन करेगी और राजस्थान में एक मजबूत रक्षा हब के विकास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

एमएसएमई और उद्योग जगत की भागीदारी

इस सेमिनार में 29 से अधिक उद्योगों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) ने हिस्सा लिया और 23 स्टॉल लगाकर रक्षा क्षेत्र में अपनी क्षमताओं और पहलों का प्रदर्शन किया। इन स्टॉल्स में विभिन्न एजेंसियों ने रक्षा क्षेत्र में अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित किया, जिनमें रक्षा उपकरणों का निर्माण, रखरखाव और मरम्मत से संबंधित उपकरण एवं तकनीकें शामिल थीं।

जीएसटीटी और फिक्की के इस साझा प्रयास से राज्य में रक्षा मैन्युफैक्चरिंग और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलने की संभावना है। इस सेमिनार के माध्यम से राजस्थान ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है और राज्य के सामरिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए नए द्वार खोले हैं।

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