बीकानेर में मिलावटखोरी पर सख्त कार्रवाई, तिरुपति मंदिर के प्रसाद में कथित मिलावट की जांच के लिए पहुंची एसआईटी टीम
बीकानेर। प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में कथित मिलावट के मामले की जांच के लिए एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) की टीम बुधवार को बीकानेर पहुंची। टीम ने यहां कोयला गली स्थित श्वेता घी फर्म मोहनलाल आशीष कुमार के प्रतिष्ठान पर छापेमारी की और जांच-पड़ताल की।
घी के सैंपल जब्त, मिल रही थी शिकायतें
सूत्रों के अनुसार, लंबे समय से श्वेता घी के डीलर को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके आधार पर जांच दल को कार्रवाई करनी पड़ी। एसआईटी की टीम ने फर्म में मौजूद घी के टीनों से सैंपल लिए और इन्हें लैब परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि घी की गुणवत्ता में किसी प्रकार की मिलावट थी या नहीं।
कड़ी सुरक्षा में चला जांच अभियान
इस छापेमारी के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। फर्म के बाहर भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया था ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। कार्रवाई की सूचना मिलते ही मौके पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई। लोग उत्सुकतावश यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि जांच किस कारण हो रही है और क्या फर्म में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई है।
एसआईटी टीम रही सतर्क, मीडिया से बनाई दूरी
एसआईटी टीम के अधिकारियों ने इस पूरी जांच प्रक्रिया के दौरान मीडिया से दूरी बनाए रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की जाएगी। हालांकि, प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यदि घी में मिलावट की पुष्टि होती है, तो संबंधित फर्म के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मिलावट पर सरकार की सख्ती, दोषियों पर होगी कार्रवाई
गौरतलब है कि हाल ही में खाद्य सुरक्षा विभाग ने प्रदेशभर में मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान तेज किया है। खासकर धार्मिक स्थलों पर वितरित किए जाने वाले प्रसाद की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
स्थानीय व्यापारियों में चिंता, उपभोक्ताओं में आक्रोश
इस कार्रवाई के बाद बीकानेर के अन्य व्यापारियों में भी हलचल मच गई है। खाद्य पदार्थों का कारोबार करने वाले व्यापारी अब अपनी गुणवत्ता मानकों को लेकर सतर्क हो गए हैं। वहीं, आम उपभोक्ताओं में भी मिलावटखोरी को लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि धार्मिक स्थलों के प्रसाद में भी मिलावट हो रही है, तो यह आस्था और स्वास्थ्य, दोनों के साथ खिलवाड़ है।
अब आगे क्या?
एसआईटी टीम द्वारा लिए गए सैंपलों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई तय होगी। यदि मिलावट की पुष्टि होती है, तो संबंधित फर्म के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि इस मामले में अन्य फर्मों की भी जांच की जा सकती है, ताकि मिलावटखोरी पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।
फिलहाल, बीकानेर के व्यापार जगत और आम जनता की निगाहें इस जांच की रिपोर्ट और प्रशासन की आगामी कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।
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