भारतीय सेना के अपाचे हेलिकॉप्टर का पहला बैच अब तक नहीं आया… PAK सीमा पर होनी थी तैनाती
भारतीय थल सेना के एविएशन कॉर्प्स अपना अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर स्क्वॉड्रन नहीं बना पा रहा है. अमेरिका छह अपाचे हेलिकॉप्टर देने में देरी कर रहा है. वजह तकनीकी दिक्कत बताई जा रही है. यह स्क्वॉड्रन पाकिस्तानी की सीमा के पास मौजूद जोधपुर सैन्य बेस पर बनना था.
ये है अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की फाइल फोटो, इसी हेलिकॉप्टर के पहले बैच को जोधपुर में तैनात होना था.
सेना को इस साल मई में जोधपुर के नागतालाओ में पहला अपाचे स्क्वॉड्रन बनाना था. इस हेलिकॉप्टर के जरिए पश्चिमी सीमा की सुरक्षा बढ़ाने का इरादा था. लेकिन फिलहाल इन सभी पर पानी फिर गया. ये नए हेलिकॉप्टर अपनी ताकत, फायर पावर, रेंज, क्षमता और एडवांस्ड टारगेटिंग सिस्टम के लिए जाने जाते हैं.
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर हैं. इनकी डील अलग से 2015 में हुई थी. लेकिन सेना केो इन हेलिकॉप्टर्स की जरूरत थी. इसलिए सेना के लिए अलग से छह हेलिकॉप्टर की डील की गई थी. ताकि सेना के एविएशन कॉर्प्स की ताकत को बढ़ाया जा सके.
आइए जानते हैं कि आर्मी एविएशन कॉर्प्स में और कौन-कौन से एयरक्राफ्ट्स हैं…
1. हेलिकॉप्टर्स
एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव…
यह एक स्वदेसी मल्टीरोल हेलिकॉप्टर है. जिसका इस्तेमाल कई तरह के मिशन में किया जाता है. इसका इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट, निगरानी, खोजबीन और रेस्क्यू मिशन के लिए भी किया जाता है.
रूद्र…
ये एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर का अटैक वर्जन है. यानी हमला करने वाला हेलिकॉप्टर. इसमें क्लोज एयर सपोर्ट के लिए हथियार लगाए गए हैं. साथ ही यह एंटी-टैंक मिशन में भाग ले सकता है.
चीता और चेतक
ये दोनों ही लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर्स हैं, जिनका इस्तेमाल रीकॉन्सेंस, कैजुल्टी इवेक्युएस और लॉजिस्टिक के लिए होता है. इनकी तैनाती आमतौर लद्दाख में देखी जा सकती है.
लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर प्रचंड…
यह अधिक ऊंचाई पर मिशन करने वाला हेलिकॉप्टर है. यह किसी भी तरह के हमलावर मिशन का हिस्स बन सकता है. ताकि जमीनी सैन्य टुकड़ी को सपोर्ट दे सके.
2. फिक्स-विंग विमान
डॉर्नियर 228… हल्का ट्रांसपोर्ट विमान जिसका इस्तेमाल रीकॉन्सेंस, लॉजिस्टिक और कम्यूनिकेशन ड्यूटी के लिए किया जाता है.
3. मानवरहित एरियल व्हीकल
हेरॉन… मीडियम अल्टीट्यूड और लॉन्ग एंड्यूरेंस यूएवी, जिसका इस्तेमाल सर्विलांस और रीकॉन्सेंस के लिए किया जाता है.
सर्चर… टैक्टिकल ड्रोन ताकि कम रेंज में सर्विलांस और रीकॉन्सेंस मिशन पूरे किए जा सकें.
4. ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर्स
Mi-17…
यह एक मीडियम लिफ्ट हेलिकॉप्टर है. जिसका इस्तेमाल सैनिकों को पहुंचाने, लॉजिस्टिक सपोर्ट और इवेक्यूएशन मिशन में किया जाता है.
भारतीय सेना अपने इन एसेट्स के जरिए कई तरह के मिशन को पूरा करती है. चाहे वह जंग का मैदान हो या निगरानी करनी हो. जासूसी से लेकर लॉजिस्टिक सपोर्ट देना हो. या फिर आपदा में बचाव कार्य.
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