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ईरान की सीक्रेट सर्विस का हेड निकला मोसाद का सीक्रेट एजेंट

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ईरान की सीक्रेट सर्विस का हेड निकला मोसाद का सीक्रेट एजेंट

Mossad in Iran: इजराइल का ईरान के अंदर कितना बड़ा खुफिया जाल है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ईरान की सीक्रेट सर्विस का हेड भी इजराइल का एजेंट था. ईरान में मोसाद के खुफिया तंत्र के बारे में ईरान के पूर्व राष्ट्रपति अहमदीनेजाद ने कई चौंकाने वाली जानकारी दी है.

ईरान की सीक्रेट सर्विस का हेड निकला मोसाद का सीक्रेट एजेंट

इजराइली एजेंसी मोसाद

ईरान के पूर्व राष्ट्रपति ने तुर्की में दिए एक इंटरव्यू में चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने यह कहकर चौंका दिया कि इजराइल की मोसाद ईरान में संचालित अपने खुफिया नेटवर्क के जरिए सुप्रीम लीडर खामनेई की सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकती है. उन्होंने इसके लिए आठ साल पहले का एक उदाहरण दिया, जिससे यह समझा जा सकता है कि मोसाद ने ईरान के भीतर अपनी जड़े कितनी गहरी जमा ली हैं.

अहमदीनेजाद ने बताया कि ईरान ने देश के भीतर मोसाद की गतिविधियों से निपटने के लिए एक विशेष यूनिट की स्थापना की थी, लेकिन बाद में यह पता चला कि इस यूनिट का प्रमुख स्वयं एक इजराइली एजेंट था और 20 अन्य एजेंटों के साथ मिलकर उसने 2018 में “महत्वपूर्ण परमाणु दस्तावेज” चुरा लिए थे. इसके साथ ही इन्होंने कई ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की. उन्होंने यह भी दावा किया कि पकड़े जाने से पहले सभी एजेंट ईरान से भागने में सफल रहे और अब वे इजराइल में रहते हैं.

चुराए थे एक लाख परमाणु दस्तावेज

T.I.N. के मुताबिक, छह साल पहले एक साहसिक अभियान में मोसाद एजेंटों ने आधी रात को तेहरान के एक गोदाम में घुसपैठ की और ईरान के परमाणु हथियारों के विकास का विवरण देने वाले 100,000 से ज्यादा दस्तावेज चुरा लिए. सिर्फ छह घंटों के दौरान दो दर्जन से अधिक एजेंटों ने दस्तावेजों तक पहुंचने के लिए गोदाम के अंदर तिजोरियों को काट दिया, जिन्हें बाद में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा प्रामाणिक के रूप में सत्यापित किया गया.

इसके बाद प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने घोषणा की कि उनके देश ने ईरान के परमाणु हथियार के लिए प्रयास से संबंधित फाइलों का एक खजाना प्राप्त किया है. उन्होंने तेल अवीव में एक मंच से उन दस्तावेजों की प्रस्तुति दी. नेतन्याहू ने राष्ट्रपति ट्रंप को एक निजी ब्रीफिंग में दस्तावेज दिखाए, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति को ईरान के साथ 2015 के परमाणु समझौते को खत्म करना पड़ा.

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि इजराइल ईरान के अंदर जटिल ऑपरेशन आयोजित करता है. वे बहुत महत्वपूर्ण जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. ईरानी अधिकारी अभी भी इस स्थिति के बारे में चुप हैं. मोसाद के पास ईरान में सड़कों पर और सरकार के भीतर एजेंटों का इतना बड़ा नेटवर्क था कि वे किसी की भी हत्या कर सकते थे. अहमदीनेजाद 2013 तक ईरान के राष्ट्रपति थे. उनके बाद हसन रूहानी ने पदभार संभाला.

ईरान के हर विभाग में इजराइल के एजेंट

हसन रूहानी के मुख्य सलाहकार और ईरान के पूर्व खुफिया मंत्री अली यूनेसी ने 2022 में एक इंटरव्यू में कहा, “मोसाद ने पिछले दस सालों में ईरान की विभिन्न राज्य यूनिटों में घुसपैठ की है. सभी सरकारी अधिकारियों को अब अपने जीवन के लिए डरने की जरूरत है. हालात इस हद तक पहुंच गए हैं कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों को खुलेआम धमकाना शुरू कर दिया है. खुफिया मंत्रालय में काम करने वाले व्यक्ति के रूप में यह स्थिति मुझे पीड़ा पहुंचाती है.”

27 सितंबर को इजराइली सेना ने बेरूत में हवाई हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई. इस हत्या ने ईरानी शासन के भीतर जासूसी के बारे में व्यापक चर्चा को जन्म दिया है. एक रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि नसरल्लाह का पता लगाने के लिए एक शख्स ने उनसे हाथ मिलाया था, जिसने कोई संदिग्ध पदार्थ लगाया हुआ था. वह पदार्थ नसरल्लाह के हाथ पर लग गया और उसके इमारत में पहुंचने के 2 मिनट के बाद ही इजरायली वायुसेना ने बमबारी कर दी.

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