ईरान के साथ डील करने वाले सतर्क रहें… गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट पर अमेरिका ने पाकिस्तान को दी खुली धमकी
पाकिस्तान और ईरान की गैस पाइपलाइन दोनों देशों के बीच की एक दीर्घकालिक और बहुत अहम प्रोजेकेट है। बीते कई साल से ये प्रोजेक्ट वित्तपोषण और दूसरी चुनौतियों के चलते मुश्किलों का सामना कर रहा है। पाकिस्तान पर इस परियोजना से अलग होने लिए अमेरिका का भी जबरदस्त दबाव है।
हाइलाइट्स
- पाकिस्तान और ईरान ने डेढ़ दशक पहले की थी ये डील
- अमेरिका की नाराजगी से डर के चलते पाक कर रहा देरी
- ईरान ने प्रोजेक्ट पूरा ना करने पर दी है मुकदमे की धमकी
इस्लामाबाद: अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान को ईरान के साथ गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से हटने के लिए दबाव डाला है। अमेरिका ने पाकिस्तान की ऊर्जा चुनौतियों से निपटने में सहायता करने का वादा करते हुए उसे ईरान के साथ गैस पाइपलाइन परियोजना में शामिल होने पर चेतावनी दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पाइपलाइन परियोजना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि हम ईरान के खिलाफ अपने प्रतिबंधों को लागू करना जारी रखेंगे। साथ ही हम ईरान के साथ व्यापारिक सौदों पर विचार करने वालों को भी उन सौदों के संभावित प्रभावों के बारे में जागरूक रहने की सलाह देते हैं।
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मैथ्यू मिलर का बयान प्रतिबंधों के जरिए ईरान पर दबाव बनाए रखने के अमेरिका के रुख को दिखाता है और पाकिस्तान के लिए भी सीधी चेतावनी है। ऐसे में यह पाकिस्तान की सीमा में प्रस्तावित गैस पाइपलाइन परियोजना को प्रभावित कर सकता है। इस गैस पाइपलाइन परियोजना में पाकिस्तान के ग्वादर से ईरान तक 80 किलोमीटर की पाइपलाइन का विस्तार किया जाना है लेकिन ये लगातार देरी का सामना कर रहा है।
अमेरिका ने दिया उर्जा चुनौती से निपटने का भरोसा
मिलर ने पाकिस्तान को ईरान के साथ ना जाने के लिए चेताया है तो साथ ही ये आश्वासन भी दिया कि उसकी ऊर्जा की कमी को दूर करने को अमेरिका अपनी प्राथमिकता मानता है। मिलर ने कहा कि हम पाकिस्तान सरकार के साथ ऊर्जा सुरक्षा पर चर्चा करना जारी रखेंगे। पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों के लिए व्यवहार्य समाधान खोजने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहेगी।
ईरान और पाकिस्तान के बीच पाइपलाइन समझौते के वक्त इस प्रोजेक्ट को दिसंबर 2014 तक पूरा करने कालक्ष्य रखा गया था। ईरान ने अपनी सीमा पर काम किया है लेकिन पाकिस्तान की साइड इस परियोजना को पूरा नहीं किया जा सका है। पाकिस्तान ने इस पर फिर से काम शुरू किया है और अब 44 अरब रुपए की अनुमानित लागत के साथ इसके आगले दो साल में पूरा होने की उम्मीद जताई गई है।
ईरान ने दी है मुकदमे की धमकी
पाकिस्तान पर एक और अमेरिका का दबाव है तो दूसरी ओर ईरान ने मुकदमे की धमकी दे दी है। ईरान ने कहा है कि पाकिस्तान को अपने हिस्से में गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा। ऐसा नहीं करने पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत का सामना करने और अरबों डॉलर का जुर्माना सहने के लिए तैयार रहना चाहिए। ईरान ने पाकिस्तान को इसके लिए ‘फाइनल नोटिस’ दे दिया है। ईरान ने पाकिस्तान को सीमा पार गैस पाइपलाइन के अपने खंड को पूरा करने या अरबों डॉलर के जुर्माने का सामना करने के लिए कहा है।
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