बीकानेर। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारत में आजादी के 75 साल बाद ऐतिहासिक बदलाव किया गया है, जिसके तहत ब्रिटिश शासन के दौरान जबरन थोपे गए पुराने कानूनों को बदला गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए नई न्याय संहिता लेकर आई है, जबकि अंग्रेजों का मकसद लोगों को दंडित करना था।
उन्होंने कहा, “अंग्रेजों द्वारा लागू किए गए कानूनों का उद्देश्य नागरिकों पर नियंत्रण रखना और उन्हें दंडित करना था। लेकिन मोदी सरकार का उद्देश्य जनता को न्याय दिलाना है। इसलिए हमने भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और साक्ष्य अधिनियम में व्यापक बदलाव कर भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BEA) को लागू किया है।”
पीआईएल दायर करने वालों को जनता के हित को समझना चाहिए
कानून मंत्री ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो नए कानूनों के खिलाफ जनहित याचिका (PIL) दायर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्पष्ट किया है कि जो लोग इन कानूनों के खिलाफ पीआईएल दायर कर रहे हैं, उन्हें जनता के हित में सोचना चाहिए।
“अगर कोई व्यक्ति जनहित याचिका लगाता है और यह कहता है कि पुराने कानून ही जनता और मजदूरों के हित में थे, तो यह गलत सोच है। अंग्रेजों के बनाए कानूनों में कई ऐसे प्रावधान थे जो आम जनता के अधिकारों का हनन करते थे। लेकिन नए कानून न्याय प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाने के लिए लाए गए हैं।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत का न्याय तंत्र सशक्त हो और आम नागरिक को समय पर न्याय मिले।
मणिपुर की स्थिति पर सरकार गंभीर
मणिपुर में हिंसा और अशांति को लेकर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर बेहद संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कर चुके हैं और सरकार लगातार मणिपुर की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
“मणिपुर की स्थितियों को सुधारने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। गृह मंत्रालय स्तर पर उच्चाधिकारियों के साथ इस मामले की समीक्षा की जा रही है और हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हालात सामान्य होंगे।”
सूरत अग्निकांड पर बोले मेघवाल
गुजरात के सूरत में हुए अग्निकांड को लेकर भी कानून मंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि प्रशासन से इस मामले में लगातार बातचीत चल रही है और स्थानीय लोगों ने भी इस पर ज्ञापन सौंपा है।
“सूरत अग्निकांड एक दुखद घटना है। प्रशासन को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं और पीड़ितों की हरसंभव सहायता की जाएगी। जो मांगें आई हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।”
नए कानूनों को लेकर सरकार प्रतिबद्ध
कानून मंत्री ने यह भी कहा कि नए कानूनों को लागू करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी, फर्जी मुकदमों पर रोक लगेगी और न्याय प्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनेगी।
“प्रधानमंत्री मोदी का सपना है कि भारत में न्याय व्यवस्था ऐसी हो, जहां हर नागरिक को समय पर न्याय मिले और किसी को भी बेवजह कानूनी पचड़ों में न फंसना पड़े। नए कानून इसी सोच के तहत बनाए गए हैं।”
निष्कर्ष
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने स्पष्ट कर दिया कि ब्रिटिश काल के कानूनों में बदलाव करके भारत ने एक नया न्यायिक युग शुरू किया है। उन्होंने मणिपुर की स्थिति को लेकर सरकार की गंभीरता और सूरत अग्निकांड पर प्रशासन की तत्परता को रेखांकित किया। उनके अनुसार, नए कानूनों का उद्देश्य नागरिकों को दंड देना नहीं, बल्कि न्याय सुनिश्चित करना है, और जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें जनता के हितों को ध्यान में रखना चाहिए।
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