जयपुर में CBI-NIA अफसरों की ट्रेनिंग के लिए यूनिवर्सिटी बनेगी:125 करोड़ रुपए खर्च होंगे, डीएनए फिंगर प्रिंट पर रिसर्च भी की जाएगी
ईडी, सीबीआई, आईबी, एनआईए, डीआरआई के अफसरों को अब राजस्थान में भी ट्रेनिंग मिलेगी। फॉरेंसिक साइंस में अलग-अलग विंग के एक्सपर्ट तैयार करने के साथ ही रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए जयपुर में 100 एकड़ में राजस्थान फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनेगी। यहां नार्को, ब्रेन मैपिंग जैसे टेस्ट होंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्सपर्ट, वर्ल्ड क्लास इक्यूपमेंट पर सवा सौ करोड़ खर्च होंगे। एफएसएल एक्सपर्ट कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार कर गृह विभाग को सौंप दिया है। सरकार की मंशा पर गृहविभाग ने एफएसएल को ड्राफ्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा था।
डीएनए फिंगर प्रिंट, ड्रोन फॉरेंसिक पर रिसर्च भी ड्राफ्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी में 10 से ज्यादा रिसर्च ब्लॉक बनेंगे। इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक बायोलॉजिकल साइंसेज में फॉरेंसिक बायोलॉजी, सिरोलॉजी, डीएन फिंगर प्रिंटिंग पर शोध होगा। इंस्टीट्यूट ऑफ साइबर फॉरेंसिक एंड साइबर सिक्योरिटी में साइबर फॉरेंसिक, साइबर क्राइम इंवेस्टिंगेशन, साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियन इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और ड्रोन फॉरेंसिक पर शोध किए जाएंगे। इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल फॉरेंसिक में लाई डिटेक्शन, नाकों टेस्ट, ब्रेन मेपिंग पर रिसर्च होगा।
गांधीनगर, लखनऊ का दौरा करेगी टीम, हॉस्टल भी बनेगा
बजट प्रावधान के लिए विशेषज्ञों की टीम नेशनल फॉरेंसिक साइंस विवि गांधीनगर और यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ का दौरा करेगी। ड्राफ्ट में कुलपति सचिवालय से लेकर प्रशासनिक रिसर्च ब्लॉक, हॉस्टल, आवासीय परिसर का वर्गीकरण है।
मंजूरी के साथ ही एफएसएल भी यूनिवर्सिटी के अधीन होगा
यूनिवर्सिटी को मंजूरी मिलने पर एफएसएल के वर्तमान डिवीजन भी यूनिवर्सिटी का ही पार्ट बन जाएंगे। ऐसे में यूनिवर्सिटी की स्थापना से राजस्थान का फॉरेंसिक साइंस क्षेत्र में भी बड़ा नाम होगा। देश-विदेश के फॉरेंसिक साइंस | रिसर्चर और स्कॉलर यहां आएंगे।
प्रोजेक्ट पाइपलाइन में, आचार संहिता बाद तेजी से काम
गृह विभाग के एडि. चीफ सेक्रेटरी आनंद कुमार ने बताया- राजस्थान फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है। अलग-अलग स्टेज पर एक्जामिन होगा। चुनाव बाद सरकार एक्शन मोड में नजर आएगी।
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