दिल्ली की ओल्ड राजेंद्र नगर घटना के बीच UPSC ने लिया बड़ा फैसला, इस रिटायर्ड अधिकारी को बनाया नया चेयरमैन
प्रीति सूदन को यूपीएससी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यूपीएससी भारत में शीर्ष सरकारी पदों के लिए सिविल सेवा परीक्षा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित कराती है।
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) को प्रीति सूदन के रूप में आज अपना नया अध्यक्ष मिल गया है। प्रीति सूदन आंध्र प्रदेश कैडर की 1983 बैच की रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। सूदन इससे पहले यूपीएसएसी की मेंबर रह चुकी हैं। उन्होंने इससे पहले स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया है। आंध्र प्रदेश कैडर की 1983 बैच की आईएएस अधिकारी प्रीति सूदन को यूपीएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जुलाई 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुईं सूदन को सरकारी प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 37 सालों का एक्सपीरिएंस है।
रह चुकीं हैं केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, प्रीति सूदन ने कोविड-19 महामारी से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सूदन ने इससे पहले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव के रूप में भी काम किया है और महिला एवं बाल विकास तथा रक्षा मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उनके राज्य-स्तरीय अनुभव में वित्त एवं योजना, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और कृषि में भूमिकाएँ शामिल हैं।
कौन हैं प्रीति सूदन?
प्रीति सूदन आंध्र प्रदेश कैडर की 1983 बैच की रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं। सूदन ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से अर्थशास्त्र में एम.फिल. और सामाजिक नीति एवं नियोजन में एम.एससी. की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने कई राष्ट्रीय कार्यक्रमों में योगदान दिया है, जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और आयुष्मान भारत जैसे प्रमुख कार्यक्रम शुरू करना शामिल है। इन्हीं के प्रयासों से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का गठन और ई-सिगरेट पर बैन जैसे महत्वपूर्ण कानून बने।
वर्ल्ड बैंक की सलाहकार भी रहीं
इसके अलावा, सूदन ने वर्ल्ड बैंक के साथ सलाहकार के रूप में काम किया है और तम्बाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन के COP-8 की अध्यक्ष और मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य के लिए साझेदारी की उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर कार्य किया है। वह ग्लोबल डिजिटल हेल्थ पार्टनरशिप की अध्यक्ष और महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए WHO के स्वतंत्र पैनल की सदस्य भी थीं। अध्यक्ष नियुक्ति होने से पहले, सूदन 29 नवंबर, 2022 को यूपीएससी में मेंबर के रूप में काम कर रही थी।
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