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एक बटालियन में दो कमांडेंट की दावेदारी, जबरन चार्ज पर मचा घमासान, किसने दिखाया हाईकोर्ट में केस का डर?

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एक बटालियन में दो कमांडेंट की दावेदारी, जबरन चार्ज पर मचा घमासान, किसने दिखाया हाईकोर्ट में केस का डर?

सीआपीएफ के बाकी शीर्ष अफसरों को सिग्नल जारी हो जाता है कि नए कमांडेंट नितिन कुमार कमांडेंट का चार्ज ले रहे हैं। दूसरी तरफ पहले वाले कमांडेंट सुरेश कुमार भी एक सिग्नल जारी कराते हैं। वे कहते हैं कि उनसे जबरदस्ती चार्ज लिया जा रहा है। 16वीं बटालियन के कमांडेंट सुरेश कुमार ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष मामला होने की दुहाई दी है। 

देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीआरपीएफ’ में एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है। बटालियन एक है और कमांडेंट दो हैं। एक कमांडेंट चार्ज लेना चाहता है, तो दूसरा चार्ज छोड़ना नहीं चाहता। प्राधिकृत अथॉरिटी की तरफ से 16वीं बटालियन के कमांडेंट का तबादला आदेश जारी हो जाता है, मगर वह नए कमांडेंट को चार्ज देने में आनाकानी करता है। 

सीआपीएफ के बाकी शीर्ष अफसरों को सिग्नल जारी हो जाता है कि नए कमांडेंट नितिन कुमार कमांडेंट का चार्ज ले रहे हैं। दूसरी तरफ पहले वाले कमांडेंट सुरेश कुमार भी एक सिग्नल जारी कराते हैं। वे कहते हैं कि उनसे जबरदस्ती चार्ज लिया जा रहा है। 16वीं बटालियन के कमांडेंट सुरेश कुमार ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष मामला होने की दुहाई दी है। 

सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ की 16वीं बटालियन, जो मथुरा में है, वहां पर ये मामला सामने आया है। बटालियन के कमांडेंट सुरेश कुमार का तबादला आदेश आता है। नितिन कुमार को चार्ज लेने के लिए कहा जाता है। नियमानुसार, सभी तय कार्यालयों को सूचित कर दिया जाता है। इसके बाद सुरेश कुमार, कमांडेंट 16वीं बटालियन, चार्ज छोड़ने से मना कर देते हैं। वे कहते हैं कि मैने तो पहले ही इस संबंध में प्रार्थना/सूचना दी है। मेरा केस अभी हाई कोर्ट में विचाराधीन है। यह बात डीआईजी लॉ और डीआईजी पर्स के संज्ञान में लाई गई है। उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार किए बिना उन्हें रिलीव किया जा रहा है। कोई भी संस्था, हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकती। उन्हें रिलीव करने का मतलब, हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करना होगा। 

सुरेश कुमार ने शीर्ष अधिकारियों को लिखा, कमांडेंट नितिन कुमार ने जबरदस्ती मुझे यूनिट स्ट्रेंथ से स्ट्रक करने का आदेश जारी कर दिया। उनका यह कदम, प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। उन्हें भी हाईकोर्ट में केस होने की सूचना दे दी गई थी। इतना ही नहीं, नितिन कुमार तो छह अगस्त तक स्वीकृत छुट्टी पर थे। ऐसे में सीआरपीएफ के डीआईजी लॉ को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्हें काउंसिल ऑफ यूनियन ऑफ इंडिया के साथ इस मामले में सलाह करनी चाहिए। नए कमांडेंट ने 6 अगस्त को स्ट्रक ऑफ ऑर्डर जारी कर दिया है। यह सब उस वक्त हुआ है, जब मैने उन्हें चार्ज नहीं सौंपा है। ऐसे में सीआरपीएफ के महानिदेशालय को दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। 

आईजी सेंट्रल सेक्टर ने छह अगस्त को जारी आदेश में सुरेश कुमार का तबादला, 169वीं बटालियन में किया है। यह भी कहा गया है कि उन्हें ज्वाइनिंग टाइम लेने के बाद उक्त बटालियन में ज्वाइन करना होगा। छह तारीख से ही उक्त अधिकारी यूनिट की स्ट्रेंथ से स्ट्रक हो जाएगा। उन्हें भारत सरकार के तय नियमों का पालन करना होगा। सुरेश कुमार ने चार्ज देने से मना कर दिया। उन्होंने भी एक सिग्नल के माध्यम से कहा, नितिन कुमार को चार्ज हैंडओवर नहीं किया जा रहा। वजह, ये मामला दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।

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