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हिमटेक 2024: लेह में सैन्य बलों की चुनौती को आसान करेंगी भारतीय रक्षा कंपनियां, खराब मौसम में बढ़ेगी निगरानी

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हिमटेक 2024: लेह में सैन्य बलों की चुनौती को आसान करेंगी भारतीय रक्षा कंपनियां, खराब मौसम में बढ़ेगी निगरानी

 हिमटेक 2024 का आयोजन 20-21 सितंबर को हो रहा है। इसमें देश की कंपनियों ने गजब के अपने उत्पाद को विकसित किया है। दरअसल हिम ड्रोन-ए-थॉन और हिमटेक 2024 का आयोजन भी एक खास संदेश देने के लिए भी किया जा रहा है।

2020 में चीन की सेना ने लेह-लद्दाख क्षेत्र में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण) पर अपनी हदों को पार कर दिया। नतीजतन भारत को हाड़ चीरती बर्फीली तूफानी हवा, दुरूह मौसम, और कड़े वातावरण में 50-60 हजार की फौज तैनात करनी पड़ी। इस चुनौती को आसान बनाने के लिए भारतीय सेना ने लेह में हिम ड्रोन-ए-थॉन और हिमटेक 2024 का आयोजन किया है। हिमटेक 2024 का आयोजन 20-21 सितंबर को हो रहा है। इसमें देश की कंपनियों ने गजब के अपने उत्पाद को विकसित किया है। दरअसल हिम ड्रोन-ए-थॉन और हिमटेक 2024 का आयोजन भी एक खास संदेश देने के लिए भी किया जा रहा है।

हिम ड्रोन-ए-थॉन में देश की तमाम रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र की कंपनियों ने तरह-तरह के ड्रोन की प्रदर्शनी लगाई है। इसमें सबसे छोटे और निगरानी के काम में आने वाले ड्रोन से लेकर हवा, जमीन, पानी में भी ऑपरेशन करने में सक्षम तमाम यूएवी (मानव रहित वेहिकिल) प्रदर्शित किए गए। इसमें सामान ले जाने वाले (लॉजिस्टिक), हथियार ले जाने में सक्षम, हमला करने में सक्षम, दुश्मन पर नजर रखने में सक्षम ड्रोन का प्रदर्शन किया जाएगा।

हिमटेक 2024: सैन्य बलों को दिखेगा गोली, मोर्टार, रॉकेट से बचाने वाला लाइटवेट, पोर्टेबल बंकर
सैन्य बल दुरुह परिरिस्थतियों में कैसे रहें? कैसे बर्फीले तूफान आने की स्थिति में वह अपने आपरेशन को अंजाम दें। इसे ध्यान में रखकर देश की रक्षा कंपनी एटीएल ने पोर्टेबल, लाइट बंकर तैयार किया है। इस बंकर के बारे में बताते हुए कंपनी के निदेशक राघव कहते हैं कि इसे हेलीकॉप्टर आदि से कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। कहीं भी गिराया जा सकता है। 15-20 मिनट में इस बंकर को कहीं भी असेंबल किया जा सकेगा। राघव बताते हैं कि इस बंकर में लांग रेज की राइफल की गोलिया, मोर्टार, रॉकेट के हमलों को झेलने की क्षमता है। बंकर डीकंपोजेबल प्लास्टिक से बना है। माइनस 40-50 डिग्री से लेकर 50-60 डिग्री के तापमान में न केवल यह मजबूती के साथ टिका रहेगा, बल्कि जमीन के ऊपर होने के कारण इससे हमारे सैनिक सुरक्षित रहकर निगरानी, दुश्मनों पर हमला और मौसम से भी अपना बचाव कर सकेंगे।

ई-एनर्जी पर विशेष ध्यान
हिमटेक में रक्षा क्षेत्र की तमाम कंपनियां अपने उत्पाद लेकर जा रही है। लेह-लद्दाख में सैनिकों के रहन-सहन, लॉजिस्टिक सपोर्ट, खान-पान से जुड़े उत्पादों को लेकर रक्षा क्षेत्र की तमाम कंपनियां लेह में पहुंच चुकी है। इसके लिए कंपनियां ग्रीन एनर्जी पर काफी ध्यान दे रही हैं। दरअसल लेह-लद्दाख क्षेत्र काफी ऊंचाई पर और हिमालय पर स्थित है। 2020 से वहां भारतीय सैन्य बलों, आईटीबीपी, बीएसएफ समेत अन्य अर्धसैनिक बलों की तैनाती है। आईटीबीपी तो काफी पहले इस क्षेत्र में एलएसी के पास तक पेट्रोलिंग करती रही है। इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों का रहन-सहन, खान-पान, लॉजिस्टिक सपोर्ट और सैन्य ऑपरेशन से निपटना अपने आप में बड़ी चुनौती है। इसे ध्यान में रखकर सेना की नादर्न कमान ने इस तरह के रक्षा प्रदर्शनी थीम को प्रमुखता से स्थान दिया है।

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