भारतीय परमाणु पनडुब्बी अरिघात का खौफ, चीन ने बंगाल की खाड़ी में उतार दी महाशक्तिशाली जासूसों की फौज, जानें पूरा मामला
INS Arighat Submarine China: चीन ने अपने तीन जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में तैनात किया है। ये जासूसी जहाज ऐसे समय पर हिंद महासागर में पहुंचे हैं जब भारत आज अपनी दूसरी परमाणु पनडुब्बी को कमिशन करने जा रहा है। चीन के जासूसी जहाज अंडमान निकोबार के आसपास मौजूद हैं और कई दिनों से गश्त लगा रहे हैं।
हाइलाइट्स
- भारत की दूसरी परमाणु ऊर्जा से चालित मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को आज कमीशन किया जा रहा
- इस परमाणु पनडुब्बी को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह विशाखापत्तनम में कमीशन करेंगे जिस पर चीन ने नजरें गड़ा दी है
- चीन ने अपने तीन जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में उतार दिया है जो बंगाल की खाड़ी में उस इलाके में घूम रहे हैं
बीजिंग: भारत की दूसरी परमाणु ऊर्जा से चालित बलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को आज कमिशन किया जा रहा है। आईएनएस अरिघात आईएनएस अरिहंत श्रेणी की परमाणु पनडुब्बी है। इस परमाणु पनडुब्बी को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह विशाखापत्तनम में कमिशन करेंगे। यह पनडुब्बी 6000 टन की है जो हिंद प्रशांत क्षेत्र में लंबी दूरी तक गश्त लगाने में सक्षम है। इस पनडुब्बी को 750 किमी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइल K-15 से लैस किया गया है। इस परमाणु पनडुब्बी की मदद से पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से लेकर चीन के यून्नान प्रांत तक आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। भारत की परमाणु पनडुब्बी को देखकर चीन हरकत में आ गया है। चीन ने अपने तीन जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में उतार दिया है। ये महाशक्तिशाली चीनी जासूसी जहाज बंगाल की खाड़ी में उस इलाके में घूम रहे हैं जहां से विशाखापत्तनम पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी।
चीन का पहला जासूसी जहाज शिआंग यांग होंग 03 इस समय विशाखापत्तनम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के बीच में मौजूद है और लगातार गश्त लगा रहा है। चीन का दूसरा जासूसी जहाज हेई यांग शी यू 718 मलक्का स्ट्रेट के रास्ते हिंद महासागर में दाखिल हुआ है और अंडमान निकोबार के दूसरी ओर मौजूद है। चीन का तीसरा जासूसी जहाज BEI DIA0996 इस समय श्रीलंका के पास से गश्त लगाकर इंडोनिशिया के पास हिंद महासागर में मौजूद है। चीन के ये तीनों ही जहाज अत्याधुनिक जासूसी उपकरणों से लैस हैं। ये मिसाइल से लेकर सबमरीन तक का पता लगाने में सक्षम माने जाते हैं। इससे पहले इसी श्रेणी का जहाज श्रीलंका पहुंचा था तो भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था
भारत के करीब पनडुब्बियों के लिए रास्ता खोज रहा चीन
शेषज्ञों का कहना है कि चीन इन जासूसी जहाजों को भेजकर हिंद महासागर में अपनी पनडुब्बियों के लिए रास्ता तैयार कर रहा है। साथ ही हिंद महासागर के प्राकृतिक संसाधनों की खोज कर रहा है। चीन दक्षिण चीन सागर पर शिकंजा कस चुका है और अब उसकी नजर हिंद महासागर पर है। चीन म्यांमार में एक बंदरगाह के रास्ते सीधे हिंद महासागर में उतरने की तैयारी कर चुका है। यही नहीं सिंगापुर और थाइलैंड जैसे देशों के साथ चीन म्यांमार के रास्ते व्यापार करने पर जोर दे रहा है। म्यांमार में चीन रेलवे दौड़ाने पर काम कर रहा है। चीन मालदीव में भी अपनी पकड़ मजबूत कर चुका है जिससे उसका इस महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग पर प्रभाव काफी बढ़ गया है।
चीन का बहुत ज्यादा व्यापार हिंद महासागर से होता है और उसे डर सताता रहता है कि भारत और अमेरिका मलक्का स्ट्रेट में उसकी घेरेबंदी कर सकते हैं। यही वजह है कि चीन पाकिस्तान के ग्वादर में पोर्ट बना रहा है ताकि वह सीधे पश्चिम एशिया से जुड़ जाए। मलक्का स्ट्रेट चीन की दुखती रग है। भारत की इस नई पनडुब्बी आईएनएस अरिघात में कई नई तकनीकों को शामिल किया गया है। इसमें नए सेंसर और पेरिस्कोप लगाए गए हैं। इसमें ज्यादा के-15 मिसाइल को तैनात किया जा सकता है। इस पनडुब्बी में आगे चलकर 3000 किमी तक मार करने वाली के-4 परमाणु मिसाइल को भी तैनात किया जा सकेगा। इस परमाणु पनडुब्बी के शामिल होने से भारत को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि वह दुश्मन के परमाणु हमला होने की स्थिति में इस पनडुब्बी की मदद से जवाबी परमाणु हमला कर सकेगा।
चीन से लेकर पाकिस्तान तक तबाही मचा सकती है के-15 मिसाइल
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की के 15 मिसाइल से चीन और पाकिस्तान दोनों के महत्वपूर्ण ठिकानों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। अगर अरब सागर से अरिहंत के 15 मिसाइल को दागती है तो कराची को तबाह किया जा सकता है जो उसकी आर्थिक राजधानी है। इसके अलावा ग्वादर, लाहौर जैसे शहरों को भी तबाह किया जा सकता है। अगर यह पनडुब्बी पाकिस्तान के तट के पास जाकर हमला करती है तो राजधानी इस्लामाबाद और सेना मुख्यालय रावलपिंडी को भी तबाह किया जा सकता है। इसी तरह से अगर चीन के खिलाफ बंगाल की खाड़ी के उत्तरी इलाके से हमला किया जाता है तो तिब्बत और यून्नान प्रांत में तबाही मचाई जा सकेगी।
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