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‘भारत से PAK एयरफोर्स 12-14 साल आगे निकल गई है…’, पाकिस्तानी एयर कमोडोर ने J-31 स्टेल्थ पर बघारी शेखी

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‘भारत से PAK एयरफोर्स 12-14 साल आगे निकल गई है…’, पाकिस्तानी एयर कमोडोर ने J-31 स्टेल्थ पर बघारी शेखी

पाकिस्तानी एयरफोर्स के पूर्व एयर कोमोडोर जिया उल हक शम्सी ने कहा है कि पाकिस्तानी वायुसेना इस समय भारतीय वायुसेना से 12-14 साल आगे निकल चुकी है. इसकी वजह है चीन से मंगाया हुआ FC-31 स्टेल्थ फाइटर जेट. जबकि भारत के पास अभी एक भी स्टेल्थ फाइटर जेट नहीं है. आइए समझते हैं इस बयान के मायने…

ये है चीन की ओर से पाकिस्तान को दिया गया FC-31 स्टेल्थ फाइटर, जिसे लेकर एयर कोमोडोर ने शेखी बघारी है. (सभी फोटोः शेनयांग कॉर्पोरेशन)

ये है चीन की ओर से पाकिस्तान को दिया गया FC-31 स्टेल्थ फाइटर, जिसे लेकर एयर कोमोडोर ने शेखी बघारी है. (सभी फोटोः शेनयांग कॉर्पोरेशन)

पाकिस्तानी एयरफोर्स बेहद तेजी से अपनी फ्लीट को आधुनिक कर रही है. चीन से लगातार नए-नए फाइटर जेट्स खरीद रही है. इस बीच PAF यानी पाकिस्तानी एयरफोर्स के पूर्व एयर कोमोडोर जिया उल हक शम्सी का बयान आया है कि पाकिस्तानी वायुसेना इस समय भारतीय वायुसेना से 12-14 साल आगे निकल चुकी है. 

एयर कोमोडोर जिया उल हक ने कहा कि इसकी वजह है चीन से खरीदा गया FC-31 स्टेल्थ फाइटर जेट. जिसे J-31 के नाम से भी जाना जाता है. पाकिस्तान के पास अब पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है, जबकि भारत के पास ऐसा एक भी फाइटर जेट नहीं है. यह चीन का मल्टीरोल स्टेल्थ फाइटर है, जो भारत को परेशान कर सकता है.

पाकिस्तान ने चीन से कितने J-31 फाइटर जेटर खरीदे हैं, इसका खुलासा तो नहीं किया गया है. लेकिन एक बात तो यह है कि भारत के पास फिलहाल स्टेल्थ फाइटर जेट तो छोड़िए, पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट भी नहीं है. चीन से लिए फाइटर जेट के सहारे पाकिस्तान भारतीय वायुसेना के लिए चुनौती बन सकता है. भारत के पास चौथे और 4.5 जेनरेशन के फाइटर जेट्स का मिश्रण है. जिसमें राफेल और तेजस सबसे नए हैं. 

भारत के AMCA से तुलना, जिसे आने में करीब 10-12 साल लग जाएंगे

पाकिस्तान के इस प्लेन की तुलना भारत के AMCA यानी एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट से की जा रही है. एएमसीए प्रोजेक्ट अब धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. लेकिन इसे बनकर आने में करीब 11 साल और लगेंगे. सेना में शामिल होने में 2-3 साल और मान लीजिए. इस हिसाब से एयर कोमोडोर जिया उल हक की बात सही लगती है. 

भारत के पास फिलहाल इस पीढ़ी का कोई फाइटर जेट नहीं है. भारत में अभी AMCA फाइटर जेट बनाया जा रहा है. जिसे बनकर आने में अभी कुछ साल बाकी हैं. इस फाइटर जेट का पूरा नाम है- एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट. एक बार यह फाइटर जेट बन गया तो भारत पाकिस्तान पर ज्यादा भारी पड़ेगा. क्योंकि इसकी गति 2600 km/hr रहेगी. इसकी कॉम्बैट रेंज 1620 किलोमीटर और पूरी रेंज 3240 किलोमीटर होगी. यह अधिकतम 65 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकेगा. 

कई मामलों में भारतीय वायुसेना पाकिस्तानी एयरफोर्स से कई गुना आगे

अगर फ्लीट, अनुभव, ताकत, और सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो भारतीय वायुसेना आज भी पाकिस्तानी एयरफोर्स से कई गुना आगे हैं. भारतीय वायुसेना का फोकस फिलहाल नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर पर है. लॉन्ग रेंज प्रेसिशन स्ट्राइक पर है. एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम पर है. ये तीनों ही पाकिस्तान के J-31 का खतरा खत्म कर देंगे.

ताकत हथियार में नहीं, चलाने वाले में होती है… अभिनंदन का उदाहरण 

J-31 के जरिए आसमानी जंग में पाकिस्तान को टैक्टिकल एडवांटेज मिल जाएगा. हालांकि यह जरूरी नहीं कि उसके पास नया और आधुनिक विमान हो तो वो ताकतवर है. वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने पुराने मिग-21 बाइसन फाइटर जेट से पाकिस्तानी एयरफोर्स के F-16 फाइटर जेट को मार गिराया था. 

अब हम पहले आपको पाकिस्तान के इस नए फाइटर जेट के बारे में बताते हैं… 

जानिए J-31 स्टेल्थ फाइटर जेट की ताकत… 

चीन का दावा है कि जो देश अपने लिए अमेरिका में बने F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट को नहीं खरीद सकते. वो चीन से ये फाइटर जेट खरीद सकते हैं. 2012 से लेकर 2019 तक इसमें कई बार डिजाइन में बदलाव किए गए. टेस्ट फ्लाइट्स हुईं. इसे एक ही पायलट उड़ाएगा. 56.9 फीट लंबे इस लड़ाकू विमान की ऊंचाई 15.9 फीट है. 

टेकऑफ के समय अधिकतम वजन 28000 kg रहता है. यह अधिकतम 2205.08 km/hr की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. इस जेट की कॉम्बैट रेंज यानी हथियारों के साथ यह 1200 km की उड़ान भर सकता है. हवा में रीफ्यूलिग हो तो 1900 km तक आसानी से आ-जा सकता है. अधिकतम 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.  

8 सुपरसोनिक मिसाइलें और दर्जनों बमों से हो सकता है लैस

इस फाइटर जेट में 6 बाहरी और 6 अंदरूनी हार्डप्वाइंट्स हैं. जिसमें कुल मिलाकर 10 हजार kg वजनी हथियार लगा सकते हैं. इसमें मीडियम रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली 12 मिसाइलें, हवा से जमीन पर हमला करने वाली 8 सुपरसोनिक मिसाइलें लगा सकते हैं. इसमें 500 kg वजन के 8 डीप-पेनेट्रेशन बम लगा सकते हैं. या फिर 30 छोटे बम. 

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