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CM से टकराव के बाद पंजाब गवर्नर का इस्तीफा मंजूर:​​​​​​भगवंत मान बोले- मैंने मजबूर नहीं किया, मैं तो पांव छूता था; कटारिया नए राज्यपाल बने

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CM से टकराव के बाद पंजाब गवर्नर का इस्तीफा मंजूर:​​​​​​भगवंत मान बोले- मैंने मजबूर नहीं किया, मैं तो पांव छूता था; कटारिया नए राज्यपाल बने

चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात करते सीएम भगवंत मान। - Dainik Bhaskar

चंडीगढ़ में पत्रकारों से बात करते सीएम भगवंत मान।

पंजाब में CM भगवंत मान से टकराव के बीच गवर्नर बीएल पुरोहित का इस्तीफा स्वीकार हो गया। राष्ट्रपति ने असम के गवर्नर गुलाबचंद कटारिया को पंजाब का नया राज्यपाल बना दिया। इसके साथ ही वह चंडीगढ़ के प्रशासक का पद भी संभालेंगे।

कटारिया राजस्थान सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। उन्हें पिछले साल फरवरी 2023 में असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। राज्यपाल के तौर पर यह उनकी दूसरी नियुक्ति है।

पुरोहित का इस्तीफा मंजूर होने के बाद CM भगवंत मान रविवार को चंडीगढ़ में मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा- ” क्या मैं गवर्नर को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर सकता हूं?। मैं उनका सत्कार करता हूं। मैं जब भी उनसे मिलता था कि उनके पांव छूता था। मगर, पेरलल सरकार चलाने से डेमोक्रेटिक राइट वॉयलेट होते हैं।”

CM मान बोले- मेरी आधी सरकार ने जाते थे पुरोहित
CM भगवंत मान ने कहा- मैं जालंधर गया तो मेरे डीजीपी व चीफ सेक्रेटरी साथ नहीं थे। तब पता चला कि वह गवर्नर के साथ बार्डर पर गए है। मेरी आधी सरकार लेकर वह चले जाते थे। मेरी उनसे निजी तल्खी नहीं है।

नए गवर्नर का स्वागत करूंगा
CM मान ने कहा- ”मेरी गुलाब चंद कटारिया से सुबह बात हुई है। आंखें बिछा कर आपका स्वागत करेगे, हम मिल के काम करेंगे। 31 जुलाई को शपथ लेंगे। भविष्य में मिल कर काम करेंगे। बड़े फैसले वीसी लगाना और कई काम गवर्नर रेकमेंट करते हैं। वे अपने अधिकारों में रह कर काम करेंगे, हम अपने काम करेंगे।

गवर्नर बीएल पुरोहित और सीएम भगवंत मान।

गवर्नर बीएल पुरोहित और सीएम भगवंत मान।

पुरोहित ने जाते-जाते सीएम मान पर लगाए थे आरोप

अभी दो दिन पहले ही राज्यपाल पुरोहित पंजाब सीमा क्षेत्र के दौरे से लौटे थे। चंडीगढ़ पहुंचते ही उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आरोपों की बौछार कर दी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मान से नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दिया।

उन्होंने कहा कि उन्हें (भगवंत मान को) मेरा चांसलर बनना पसंद नहीं आया। इसलिए मैंने इस्तीफा दिया। मुझे किसी से वोट नहीं चाहिए, मैं यहां निस्वार्थ भाव से काम कर रहा हूं।

अगर मैं किसी से बात करता हूं तो सीधे प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से करता हूं। आप, भाजपा और कांग्रेस के लोग भी अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। मैं सबकी सुनता हूं।

पंजाब में जो काम नहीं हुए, उन्हें करवाना मेरी जिम्मेदारी है। मैं पंजाब की सभी यूनिवर्सिटी का चांसलर हूं। सीएम साहब को यह पसंद नहीं आया, क्योंकि मैंने किसी की सिफारिश पर काम नहीं किया।

CM भगवंत मान और राज्यपाल पुरोहित के बीच के विवाद

1. पंजाब विधानसभा से पास 4 बिल गवर्नर ने अवैध करार दिए
19-20 जून को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में 4 बिल पास कर मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजे गए थे। इनमें सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल, पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल, पंजाब यूनिवर्सिटी कानून संशोधन बिल और पंजाब संबद्ध कॉलेज (सेवाओं का संरक्षण) संशोधन बिल शामिल थे।

इनके जरिए सरकार ने स्वर्ण मंदिर में होने वाली गुरबाणी का प्रसारण सभी चैनलों पर मुफ्त करने, पंजाब पुलिस के डीजीपी को अपने स्तर पर नियुक्त करने और पंजाब की यूनिवर्सिटीज में वाइस चांसलर नियुक्त करने का अधिकार राज्यपाल की बजाय मुख्यमंत्री को देने का फैसला किया था। राज्यपाल ने विशेषज्ञों की सलाह पर इन चारों बिलों को अवैध करार दिया। इस पर सीएम पहले ही सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दे चुके हैं।

2. पुरोहित ने बॉर्डर इलाकों में नशा बिक्री का मुद्दा उठाया
पंजाब के सीमावर्ती जिलों का दौरा करने के दौरान राज्यपाल ने वहां लोगों से बातचीत करते हुए नशे को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। राज्यपाल ने यहां तक ​​कहा कि सीमावर्ती इलाकों में किराने की दुकानों पर भी खुलेआम नशा बिक रहा है।

3. CM ने सरकारी हेलिकॉप्टर यूज करने पर सवाल उठाए
सीएम भगवंत मान ने सरकारी हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल को लेकर गवर्नर पर सवाल उठाए। इस पर गवर्नर पुरोहित ने यहां तक कह दिया कि वह जब तक पंजाब में हैं, कभी सरकारी हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

4. गवर्नर ने टीचरों को विदेश भेजने पर जवाबतलब किया
राज्यपाल ने सरकारी शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा तो मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किसी चयनित व्यक्ति के प्रति नहीं बल्कि तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं।

5. बजट सत्र को मंजूरी से पहले पुरोहित ने एजेंडा मांगा
3 मार्च 2022 को पंजाब विधानसभा का बजट सत्र बुलाने से इनकार करते हुए राज्यपाल ने सरकार से पहले एजेंडा भेजने को कहा था। इस पर मान सरकार कोर्ट चली गई। उसके बाद राज्यपाल ने सत्र बुलाने को मंजूरी दी।

6. चंडीगढ़ SSP को कार्यकाल खत्म होने से पहले पंजाब भेजा
राज्यपाल बीएल पुरोहित के बतौर प्रशासक दिए आदेश पर चंडीगढ़ के SSP कुलदीप चहल को कार्यकाल खत्म होने से 10 महीने पहले उनके मूल कैडर में पंजाब वापस भेजा गया। गवर्नर के इस फैसले पर भगवंत मान ने सार्वजनिक आपत्ति जताई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने चहल को जालंधर का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया।

इसके बाद 26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल पुरोहित ने जालंधर में राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सलामी लेनी थी, लेकिन पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल ने उनसे दूरी बनाए रखी। इस पर राज्यपाल ने सार्वजनिक एतराज जताते हुए इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया।

पंजाब के नए गवर्नर के बारे में जानिए…

निजी स्कूल में शिक्षक बनकर अपना जीवन चलाने वाले कटारिया ने पहली बार 1977 में चुनाव लड़ा था। वह उदयपुर शहर सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपने जीवनकाल में कुल 11 चुनाव लड़े, जिनमें से 9 में उन्हें जीत मिली।

साल 1998 में वह सादड़ी से सांसद के तौर पर चुनाव जीते। आखिरी चुनाव 2018 में जीतकर वह 15वीं राजस्थान विधानसभा में पहुंचे। गुलाब चंद कटारिया का राजनीतिक सफर उदयपुर से शुरू हुआ और यहीं खत्म हुआ।

2003 में उदयपुर शहर सीट से विधायक रहे गुलाब चंद कटारिया राजस्थान सरकार में गृह मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 1977, 1980, 2003 से 2018 तक उदयपुर से भाजपा को जीत दिलाई। लगातार कार्यकाल के बाद उन्होंने उदयपुर को भाजपा का गढ़ बना दिया।

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