बीकानेर। गंगाशहर नागरिक परिषद् अब चिकित्सा सेवाओं के साथ शिक्षा क्षेत्र में भी विशिष्ट योगदान देने जा रही है। परिषद् द्वारा गंगाशहर स्थित राजकीय भट्टड़ उच्च माध्यमिक विद्यालय को गोद लिया गया है। परिषद् के आवेदन पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद्, जयपुर की राज्य परियोजना निदेशक अनुपमा जोरवाल ने गोदनामें की स्वीकृति प्रदान कर आदेश जारी किए हैं।
परिषद् के कोलकाता मंत्री मनीष सेठिया ने बताया कि विद्यालय में शिक्षा की वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बड़े पैमाने पर विकास कार्य करवाए जाएंगे। इसमें 5 नए कमरों का निर्माण, भूतल एवं प्रथम तल पर बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग आधुनिक टॉयलेट ब्लॉक, नई सीढ़ी, तथा बरामदों में शेड के साथ एक बड़ा हॉल बनवाया जाएगा, ताकि विद्यालय में सांस्कृतिक एवं शैक्षिक आयोजनों की बेहतर व्यवस्था हो सके।
भट्टड़ परिवार के सदस्य विश्वेशरदास भट्टड़ ने बताया कि इस विद्यालय का निर्माण समाजसेवी पूनमचंद जी भट्टड़ ने स्वतंत्रता से पूर्व जनहित में करवाकर सरकार को समर्पित किया था। उनकी ही भावना के अनुरूप गंगाशहर में शिवप्रताप पूनमचंद भट्टड़ राजकीय चिकित्सालय का निर्माण भी कराया गया था, जहाँ आज हजारों लोग प्रतिदिन चिकित्सा लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
गंगाशहर नागरिक परिषद् इस चिकित्सालय को पहले ही गोद लेकर उत्कृष्ट विकास कार्य कर रही है। अब विद्यालय को भी गोद लेकर उसे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा वातावरण उपलब्ध हो सके।
विद्यालय के विकास के इस संकल्प को साकार करने में कोलकाता प्रवासी एवं विद्यालय के पूर्व विद्यार्थी, प्रतिष्ठित सीए किरणचंद लूणावत की प्रेरणा महत्वपूर्ण रही। परिषद् समिति के संयोजक जतनलाल दूगड़ ने बताया कि पूर्व प्राचार्य के.के. यादव व रमेश वर्मा के अनुरोध पर परिषद् ने विद्यालय को गोद लेने का निर्णय किया। परिषद् के विनोद सुराना के प्रयासों से गोदनामें की प्रक्रिया पूर्ण हुई।
परिषद् के सम्पतलाल दूगड़, महेन्द्र चौपड़ा, बच्छराज रांका, कन्हैयालाल बोथरा, मोहन सुराना, महावीर रांका, सुमन छाजेड़ तथा कोलकाता व स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए परिषद् को बधाई दी।
परिषद् अध्यक्ष प्रदीप चौपड़ा ने कहा कि गंगाशहर नागरिक परिषद् क्षेत्र में विकास, सेवा एवं कल्याण कार्यों के लिए सदैव तत्पर रहेगी और पूर्वजों की धरोहरों को संरक्षित रखते हुए उन्हें आधुनिक रूप देना परिषद् का निरंतर उद्देश्य रहेगा।
















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