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सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट, बीकानेर के तत्वावधान में शुक्रवार को “राजस्थानी में शोध कार्य की गुणवत्ता एवं विषय चयन” पर संगोष्ठी ..

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रोजगार उपलब्ध कराने वाले शोध कार्य होने चाहिए: राजेन्द्र जोशी


बीकानेर/ सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट, बीकानेर के तत्वावधान में शुक्रवार को “राजस्थानी में शोध कार्य की गुणवत्ता एवं विषय चयन” पर संगोष्ठी का आयोजन राजकीय संग्रहालय परिसर स्थित इंस्टीट्यूट सभागार में किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने की। मुख्य अतिथि व्यंग्यकार-संपादक डॉ .अजय जोशी थे। प्रारंभ में विषय परिवर्तन साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने किया तथा विषय पर पत्र वाचन शोधार्थी डॉ. नमामी शंकर आचार्य ने किया।
अध्यक्षता करते हुए राजेन्द्र जोशी ने कहा कि यह विषय न केवल राजस्थानी साहित्य बल्कि यह हमारी संस्कृति और भाषा के विकास के साथ साथ रोजगार के लिए भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि राजस्थानी में शोध कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शोध के विषय का चयन बहुत सावधानी से करना होगा।
उन्होंने कहा कि शोध में नई तकनीकों और तरीकों का उपयोग करना चाहिए, जिससे शोध कार्य को और भी प्रभावी और उपयोगी बना सकें।
जोशी ने कहा शोध कार्य केवल उपाधि प्राप्त करने तक सीमित रह गया है। जोशी ने कहा की लोक जीवन से संबंधित विषयो के अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने वाले शोध कार्य होने चाहिए।
मुख्य अतिथि डॉ. अजय जोशी ने कहा कि राजस्थानी में शोध कार्य की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए हमें अपने शोध कार्य को और भी व्यापक और बहुआयामी बनाना होगा। हमें अपने शोध कार्य में विभिन्न विषयों और क्षेत्रों को शामिल करना चाहिए, जिससे हम अपने शोध कार्य को और भी प्रभावी और उपयोगी बना सकें। राजाराम स्वर्णकार ने कहा किराजस्थानी भाषा को अट्ठारहवीं सदी से बीसवीं सदी तक समृद्ध करने वाले सैकड़ो साहित्यकारों ने अपनी मायड़ भाषा को समृद्ध करने का प्रयास किया , उसको शोध का विषय बनाया जा सकता है।
डाॅ.नमामी शंकर आचार्य ने कहा कि आज राजस्थानी साहित्य में साहित्य से इतर रोजगारपरक शोध करने की कोशिश होनी चाहिए। शोध के लिए राजस्थानी संस्कृति, कला और स्थानीय खान-पान आदि जैसे अनेक ऐसे विषय है ।
नवीन शोध विषय पर प्रोफेसर नरसिंह बिनाणी एवं पुस्तकालय अध्यक्ष विमल शर्मा ने भी अपने विचार रखें । संगोष्ठी में अनेक शोधार्थियों ने अपनी जिज्ञासाएं रखी जिस पर सदन में चर्चा हुई । संगोष्ठी में अनेक वक्ताओं ने शिरकत की
कार्यक्रम के अंत में अब्दुल शकूर सिसोदिया ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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