ED वाली मिनिस्ट्री के लिए BJP-TDP-JDU आमने-सामने:हारकर भी स्मृति समेत 3 नेता मंत्री बनेंगे, UP-राजस्थान को झटका
नई दिल्ली
PM मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की तैयारी के बीच मंत्रिमंडल की माथापच्ची भी चल रही है। BJP इस बार अकेले बहुमत हासिल नहीं कर पाई, इसलिए सहयोगी पार्टियों की भी सुननी होगी। पहले दोनों सहयोगी नीतीश और चंद्रबाबू नायडू की डिमांड पूरी करनी होगी। फिर अपने सांसदों को एडजस्ट करना होगा। इसके लिए BJP, UP, राजस्थान और गुजरात से मंत्री कम कर सकती है।
माना जा रहा है कि TDP को 4, JDU को 3, LJP और शिवसेना को 2-2 मंत्री पद मिल सकते हैं। हालांकि, नीतीश ने 4 कैबिनेट और एक राज्यमंत्री पद की डिमांड रखी है। खबरें हैं कि BJP के बाद NDA की सबसे बड़ी पार्टी TDP और JDU स्पीकर के पद साथ वित्त मंत्रालय मांग रहे हैं। इसकी वजह है कि जांच एजेंसी ED वित्त मंत्रालय के तहत आती है।
हालांकि, BJP के सूत्र बता रहे हैं कि रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मंत्रालय BJP अपने पास ही रखेगी। ये फैसला पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हुई बैठक में लिया गया है। BJP स्पीकर का पद भी अपने पास रखेगी। साथ ही चुनाव जीतने वाले सभी मंत्री रिपीट हो सकते हैं।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ी भूमिका मिल सकती है। वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी निर्मला सीतारमण की जगह पीयूष गोयल को दी जा सकती है। हालांकि, अभी मंत्रियों का पोर्टफोलियो तय नहीं हुआ है।
नई कैबिनेट में दो महिला मंत्री भी शामिल की जा सकती हैं। इनमें दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है। ओडिशा से अपराजिता सारंगी के कैबिनेट में आने की पूरी संभावना है। वे भुवनेश्वर से लगातार दूसरी बार सांसद चुनी गई हैं। कर्नाटक से JD (S) सांसद एचडी कुमारस्वामी को मंत्री बनाया जा सकता है।
इनके अलावा गोवा से लगातार छठवीं बार सांसद बने श्रीपद नाईक को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। जम्मू-कश्मीर से डॉ. जीतेंद्र सिंह, हरियाणा से राव इंद्रजीत, दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी को मंत्री बनाया जा सकता है।
BJP के बाद TDP के सबसे ज्यादा मंत्री होंगे
NDA में BJP के बाद TDP के पास सबसे ज्यादा सांसद हैं, इसलिए मंत्री भी उसी के ज्यादा होंगे। TDP दो कैबिनेट और दो राज्यमंत्री के पद मांग रही है। मंत्रिमंडल में TDP के 4 मंत्री रहना तय है। इसके अलावा लोकसभा स्पीकर का पद भी चाहती है। हालांकि, BJP स्पीकर का पद किसी कीमत पर नहीं देना चाहती।
फिलहाल मंत्री पद के लिए श्रीकाकुलम सीट से जीते राममोहन नायडू, गुंटूर से जीते पेम्मासानी चंद्र शेखर, नरसारावपेट से जीते लावू श्रीकृष्ण देवरायलु का नाम तय है। विशाखापट्टनम से जीतने वाले श्रीभरत को भी जगह मिल सकती है।
सोर्स के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और ग्रामीण विकास मंत्रालय TDP को देने की बात चल रही है।
नीतीश की बारगेनिंग पावर बढ़ी, 3 मंत्री पद मिलना तय
2019 के चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने 16 सीटें जीती थीं। BJP ने उसे दो मंत्री पद ही दिए तो नीतीश नाराज हो गए। कैबिनेट में शामिल ही नहीं हुए। अब 12 सांसदों वाले नीतीश कुमार किंगमेकर की भूमिका में हैं। इससे उनकी बारगेनिंग पावर बढ़ी है। अब तक फिलहाल रेल मंत्रालय और कृषि मंत्रालय पर बात हुई है। परिवहन मंत्रालय पर भी बात चल रही है।
JDU को 3 मंत्री पद मिलना तय है। मंत्री बनने वालो में संजय झा का नाम सबसे आगे है। नीतीश कुमार के बेहद करीबी संजय झा को इसी साल अप्रैल में राज्यसभा भेजा गया है। संजय झा मिथिलांचल में JDU के मजबूत ब्राह्मण चेहरा हैं।
देवेश चंद्र ठाकुर को भी मंत्री बनाया जा सकता है। वे फिलहाल बिहार विधान परिषद के सभापति हैं। देवेश चंद्र ठाकुर साफ छवि के नेता माने जाते हैं। हालांकि, संजय झा और देवेश चंद्र ठाकुर में से कोई एक मंत्री ही बन सकते हैं।
नीतीश के सबसे खास और JDU के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह को भी मंत्री बनाया जा सकता है। अति पिछड़ा जाति से आने वाले भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर को भी पहली बार मौका मिल सकता है।
नीतीश कुमार और TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू इस चुनाव में किंगमेकर बनकर उभरे हैं।
चिराग और मांझी के साथ ही चुनाव हारे कुशवाहा भी दावेदार
लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी का स्ट्राइक रेट 100% रहा है। LJP (रामविलास) 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी जीत लीं। सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान को एक कैबिनेट और दो राज्यमंत्री के पद मिलने पर राय बनी है।
ऐसी भी खबर है कि BJP हाईकमान सिर्फ चिराग को मंत्रिमंडल में जगह दे सकता है। नीतीश अगर कृषि मंत्रालय छोड़ने के लिए तैयार हुए, तो ये मंत्रालय चिराग को मिल सकता है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतम राम मांझी अपनी पार्टी ‘हम’ के इकलौते सांसद हैं। इसके बावजूद उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। काराकाट से चुनाव हार चुके उपेंद्र कुशवाहा को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। उपेंद्र कुशवाहा बिहार में कुशवाहा बिरादरी के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं।
जीतनराम मांझी ने गया सीट से चुनाव जीता है। वे पार्टी के इकलौते सांसद हैं लेकिन सीनियरिटी के लिहाज से उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है।
एकनाथ शिंदे ने दो मंत्री पद मांगे, अजित पवार अभी खामोश
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने सात सीटें जीती हैं। पार्टी एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद मांग रही है। शिवसेना की तरफ से श्रीरंग बारणे, प्रतापराव जाधव और संदीपान भुमरे का नाम चर्चा में है।
परिवारवाद के आरोप न लगें, इसलिए एकनाथ शिंदे ने बेटे श्रीकांत शिंदे को मंत्री नहीं बनाने का फैसला लिया है। NCP (अजित पवार गुट) भी एक कैबिनेट पद की डिमांड रख सकती है।
अजित पवार की पार्टी को मिली इकलौती सीट जीतने वाले सुनील तटकरे अंदरखाने मंत्री बनने की कोशिश में हैं। मराठाओं की नाराजगी कम करने के लिए महाराष्ट्र से एक मराठा मंत्री बनाया जा सकता है।
एक सीट जीतने वाली असम गण परिषद से भी एक मंत्री
असम में एक सीट जीतने वाली असम गण परिषद को भी मंत्रिमंडल में एक सीट दी जा सकती है। फणी भूषण चौधरी पार्टी के इकलौते सांसद हैं। सूत्रों के मुताबिक BJP सांसद और केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल का पत्ता कट सकता है। उत्तराखंड और पंजाब से इस बार कोई मंत्री नहीं बनेगा।
हारे हुए कैंडिडेट, जो फिर मंत्री बन सकते हैं
BJP ने इस बार 50 केंद्रीय मंत्रियों को टिकट दिया था। इनमें 19 मंत्री हार गए। चुनाव हारे मंत्रियों में स्मृति ईरानी और राजीव चंद्रशेखर को दोबारा मौका मिल सकता है। स्मृति 2014 में भी अमेठी से हारने के बावजूद कैबिनेट मंत्री बनी थीं। उन्हें राज्यसभा के जरिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय दिया गया था। इसी तरह मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान हार के बावजूद मंत्री बनाए जा सकते हैं।
UP में खराब प्रदर्शन का असर, मंत्रियों की संख्या घटेगी
BJP के बहुमत से दूर रहने की एक वजह UP में पार्टी का कमजोर परफॉर्मेंस है। इसका असर नए मंत्रिमंडल में भी दिखेगा। मोदी 2.0 में UP से 13 मंत्री बनाए गए थे। इस बार कुछ ही पुराने नेताओं मंत्री बनेंगे। इनमें लखनऊ सीट से लगातार तीसरी बार जीते सांसद राजनाथ सिंह का मंत्री बनना तय है।
योगी सरकार में मंत्री और पीलीभीत से जीतने वाले जितिन प्रसाद को पार्टी मौका दे सकती है। UP के पूर्व डिप्टी CM डॉ. दिनेश शर्मा भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। महेश शर्मा और लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
BJP की सहयोगी RLD के दोनों प्रत्याशी चुनाव जीते हैं, लिहाजा पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी भी पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बन सकते हैं। अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से तीसरी बार जीती हैं। वे भी कैबिनेट में रिपीट हो सकती हैं। इनके अलावा महाराजगंज सांसद पंकज चौधरी, झांसी से अनुराग शर्मा और हाथरस से अनूप बाल्मीकि के नाम की भी चर्चा है।
राजस्थान में सीटें घटीं, इसलिए मंत्री भी कम होंगे
राजस्थान में BJP को 2019 में 25 में से 24 सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी को सिर्फ 14 सीटें मिली हैं। लिहाजा प्रदेश से मंत्री भी कम होंगे। अर्जुनराम मेघवाल और भूपेंद्र यादव मंत्री पद के लिए रिपीट हो सकते हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। लोकसभा स्पीकर रहे ओम बिरला का रोल क्या होगा, अभी साफ नहीं है।
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